मेले में पहली बार दिखेगी रसियन जलपरी, रेंजर व टावर भरेगा रोमांच
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर लगने वाला खिचड़ी मेला इस बार नए रंग में दिखेगा। पहली बार लोग रसियन जलपरी देखेंगे और विभिन्न झूलों का आनं ...और पढ़ें

खिचड़ी मेला में झूला लगाते कामगार। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाला परंपरागत खिचड़ी मेला इस बार नए कलेवर में दिखेगा। मेले में लोगों को पहली बार रसियन जलपरी को देखने का अवसर मिलेगा तो तरह-तरह के झूलों की सवारी से राेमांच बढ़ेगा। मंदिर परिसर में मेला आकार लेता दिखने लगा है।
झूले सजने लगे हैं और तरह-तरह की रंग-बिरंगी दुकानें चमकने लगी हैं। मेला प्रबंधन के मुताबिक भले ही मेले की औपचारिक शुरुआत मकर संक्रांति के दिन यानी 14 जनवरी को होगी लेकिन इसकी रौनक नए साल के आगमन के साथ ही दिखने लगेगी। नए साल के पहले दिन तक मेले का अनौपचारिक संचालन शुरू करने की मेला प्रबंधन की योजना है।
मेला और झूला का गहरा संबंध है। बिना झूले के मेला नहीं और बिना मेला के झूला नहीं। मेला परिसर में यह चरितार्थ होता दिखने लगा है। उल्टा-पुल्टा करके झुलाने वाला झूला रेंजर तैयार होने लगा है। ऊंचाई पर चढ़ाकर झुलाने वाला टावर झूला भी अपार आनंद की अनुभूति कराने को स्वरूप ले रहा है।
झूले के अन्य प्रकार की बात करें तो कोलंबस, क्रास, सोलंबो, मेरी ग्रांट, जाइंट व्हील, ब्रेक डांस, ड्रेगन, ब्राउंसी जैसे झूलों का जल्द से जल्द संचालन शुरू करने के लिए कारीगर जोरशोर से जुटे हैं। जल्द ही कुंए में कार व बाइक की दौड़ दिखाने वाला बेलोड्रोन सर्कस का कुंआ भी बनकर तैयार हो जाएगा और कुंए में कार और बाइक की राइडिंग देखने का आनंद मिलने लगेगा।
दुकानदार सामान लेकर आने लगे हैं। कुछ तो अपनी दुकान सजाने भी लगे हैं। क्राकरी, आर्टिफिशियल आभूषण, तरह-तरह के बर्तन, सजावट के सामान की दुकानें एक बार फिर मेले में लगेंगी और लोगों का उन सामानों की खरीदारी एक स्थान पर करने का अवसर देंगी, जिन्हें खरीदने के लिए शहर भर की दौड़ करनी पड़ती है।
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मेला प्रबंधक शिवशंकर उपाध्याय ने बताया कि ज्यादातर उन्हीं दुकानदारों को दुकान के लिए स्थान आवंटित किया गया है, जो दशकों से यहां अपनी दुकान लगाते रहे हैं। पुराने दुकानदारों का पांच जनवरी तक इंतजार किया जाएगा। उसके बाद खाली स्थान आवेदन करने वाले नए दुकानदार को आवंटित कर दिया जाएगा।
सात अंत में होगा ट्रायल व रन
दिसंबर के अंत तक मेला प्रबंधन की ट्रायल व रन की तैयारी है। इसके पीछे नव वर्ष के भव्य स्वागत की जिम्मेदारी है। मेला प्रबंधन की कोशिश है कि नए वर्ष के पहले दिन मेला परिसर में ज्यादातर झूले लग जाएं और दुकानें सज जाएं, जिससे मेला परिसर में आने वाले लोगाें को निराश न होना पड़े। उन्हें मेले का पूर्ण स्वरूप में आनंद मिले। खरीदारी करने का अवसर भी प्राप्त हो सके।

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