गोरखपुर जंक्शन: मानदेय नहीं मिलने पर भड़के आउटसोर्स कर्मचारी, प्रदर्शन; लगाया यह आरोप
गोरखपुर जंक्शन पर मानदेय न मिलने से नाराज़ आउटसोर्स कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया, जिससे लाउंड्री का काम बाधित हुआ। कर्मचारियों का आरोप है कि ठेकेदार दो महीने से वेतन नहीं दे रहा और वेतन मांगने पर नौकरी से निकालने की धमकी दे रहा है। अधिकारियों के आश्वासन के बाद कर्मचारी काम पर लौटे। कर्मचारियों ने वेतन और उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

मैकेनाइज्ड लाउंड्री में दो घंटे ठप रही बेडरोल की धुलाई, अफसरों के आश्वासन पर कार्य शुरू
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर जंक्शन के उत्तरी गेट पर प्लेटफार्म नंबर नौ के पास स्थित मैकेनाइज्ड लाउंड्री में बुधवार को दो घंटे तक बेडरोल (कंबल, चादर, तौलिया और कवर आदि) की धुलाई ठप रही। दशहरा के बाद दीपावली में भी अभी तक मानदेय नहीं मिलने पर भड़के लगभग तीन सौ आउटसोर्स कर्मचारियों ने धुलाई, सफाई और पैकेट बनाने का कार्य बंद कर गेट पर प्रदर्शन किया।
कर्मचारियों का आरोप है कि ठीकेदार दो माह से वेतन नहीं दे रहा। वेतन मांगने पर संबंधित सुपरवाइजर्स नौकरी से निकालने की धमकी दे रहे हैं। कहीं कोई सुनने वाला नहीं है। हड़ताल की सूचना पर पहुंचे अधिकारियों के समझाने व यथाशीघ्र मानदेय दिलाने के आश्वासन पर कर्मचारी माने और काम पर लौटे।
कर्मचारियों ने सुबह नौ बजे के आसपास लाउंड्री का कार्य अचानक ठप कर दिया। संबंधित सुपरवाइजर अभी कुछ समझ पाते वे लाउंड्री परिसर और गेट पर प्रदर्शन करने लगे। प्रिंस, सोनी, नवीन, राजकुमार, अजेय, रमाकांत अच्छले, अर्पिता, सोनम, सीमा, रेखा, उजाला और सरिता और सुनीता देवी आदि कर्मचारियों का कहना था कि दीपावली सिर पर है लेकिन आज तक उनका वेतन नहीं मिल रहा है।
वेतन नहीं मिला है। रेलवे प्रशासन ने बेडरोल की धुलाई के लिए नई एजेंसी नामित की है। पुरानी एजेंसी का कार्य बंद हो गया है, लेकिन पिछले दो माह का वेतन रोक दिया है। एजेंसी वाले महीने में निर्धारित 18 हजार की जगह सिर्फ 12 हजार ही वेतन दे रहे हैं। अब वह भी नहीं मिल रहा। घर चलाना मुश्किल हो गया है। त्योहार कैसे मनेगा।
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कर्मचारियों का कहना था कि वेतन मांगने पर सुपरवाइजर्स और अधिकारी डराते और धमकाते हैं। महिला कर्मियों से जबरदस्ती काम लिया जा रहा है। उनकी सुनने वाला कहीं कोई नहीं है। एक माह पहले भी वेतन नहीं मिलने से गुस्साए गोरखपुर जंक्शन के सफाईकर्मियों ने हड़ताल कर दिया था। सफाई का कार्य छोड़कर उन्हें प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर के बंगले का घेराव करना पड़ा था।
कार्य बहिष्कार के बाद उन्हें वेतन मिला, वह भी पूरा नहीं। एनई रेलवे मजदूर (यूनियन) नरमू के महामंत्री केएल गुप्ता रेलवे प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाते हैं। कहते हैं कि कर्मचारियों का उत्पीड़न हो रहा। इस प्रकरण को महाप्रबंधक से लगायत रेल मंत्रालय और बोर्ड तक उठाया जाएगा।
गोरखपुर मैकेनाइज्ड लाउंड्री से 25 हजार बेडरोल के पैकेट व 50 हजार बेडशीट प्रतिदिन तैयार होती है। गोरखपुर में तैयार बेडरोल और बेडशीट का वितरण 33 ट्रेनों में किया जाता है।
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