गोरखपुर जंक्शन पर बनेगा पूर्वोत्तर रेलवे का सबसे बड़ा कॉनकोर्स, स्टेशन से होकर चलेगी मेट्रो ट्रेन
गोरखपुर जंक्शन पर पूर्वोत्तर रेलवे का सबसे बड़ा कानकोर्स बनेगा, जो 8640 वर्ग मीटर में फैला होगा। यह रूफ प्लाजा के रूप में बनाया जाएगा, जहां यात्रियों के लिए लिफ्ट और स्वचालित सीढ़ियां होंगी। स्टेशन पर एयरपोर्ट की तरह तीन लेन बनेंगे और मल्टीलेवल कार पार्किंग भी बनाई जाएगी। 500 करोड़ रुपये से पुनर्विकास हो रहा है, जिससे यात्रियों को उच्चस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी और मेट्रो से कनेक्टिविटी भी होगी।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर जंक्शन पर पूर्वोत्तर रेलवे का सबसे बड़ा कानकोर्स (प्लेटफार्म पर पहुंचने से पहले ट्रेनों की प्रतीक्षा करने वाला स्थान) बनेगा। प्लेटफार्म नंबर दो व नौ के बीच लगभग 120 मीटर लंबा और बीच वाले नए फुट ओवरब्रिज (एफओबी) और पूर्वी एफओबी के मध्य लगभग 72 मीटर चौड़ा 8640 वर्ग मीटर में काॅनकोर्स बनाने की तैयारी चल रही है।
यह कानकोर्स एफओबी के समानांतर रेल लाइनों के ऊपर रूफ प्लाजा के रूप में बनेगा। जहां, ट्रेनों का इंतजार कर रहे यात्री लिफ्ट के माध्यम से सीधे निर्धारित प्लेटफार्म पर उतर जाएंगे। कानकोर्स पर आवागमन करने के लिए स्वचालित सीढियां (एस्केलेटर) भी होंगी।
एयरपोर्ट की तर्ज पर काॅनकोर्स के अलावा स्टेशन परिसर में वाहनों के आवागमन के लिए तीन लेन बनेंगे। एक लेन से यात्रियों को छोड़ने वाले वाहन प्रवेश करेंगे। दूसरे लेन से यात्रियों को स्टेशन से ले जाने के लिए वाहन प्रवेश करेंगे। तीसरा लेन पैदल यात्रियों के आवागमन के लिए होगा।
स्टेशन पहुंचकर रुकने वाले वाहनों के लिए स्टेशन के पश्चिमी छोर पर कार मल्टीलेवल कार पार्किंग बनाई जा रही है। यात्रियों की सुविधा के लिए कार पार्किंग के बगल में कामर्शियल कांप्लेक्स का भी निर्माण होगा। यात्री व स्टेशन पहुंचने वाले लोग मनमाफिक खरीददारी भी कर सकेंगे। निर्माण कार्य आरंभ है।
फर्स्ट क्लास गेट और एस्केलेटर के बीच 'साउथ-वेस्ट बिल्डिंग' का निर्माण शुरू हो गया है। इस बिल्डिंग में स्टेशन के अफसर और स्टेशन प्रबंधक आदि बैठेंगे। उत्तरी गेट (प्लेटफार्म नंबर नौ) पर 'नार्थ ईस्ट बिल्डिंग' के नाम से नया भवन बनेगा। इस बिल्डिंग में अधिकारियों के कार्यालय बनेंगे। साथ ही कामर्शियल उपयोग भी होगा। सभी भवन सौर ऊर्जा से जगमगाएंगे। विद्युत के लिए अलग से सब स्टेशन भी बन रहा है। भवनों के चारों तरफ हरियाली होगी।
50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर 500 करोड़ रुपये से गोरखपुर जंक्शन का सिटी सेंटर के रूप में पुनर्विकास हो रहा है। जहां यात्रियों को एयरपोर्ट की तरह सभी उच्चस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। प्रतिदिन एक लाख 80 हजार यात्री आवागमन कर सकेंगे। जंक्शन के पूर्व तरफ भी मल्टी कार पार्किंग बनेगी। कार पार्किंग के साथ बजट होटल का निर्माण होगा, जहां यात्री ही नहीं आमजन भी होटल का लाभ उठा सकेंगे।
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जंक्शन के पश्चिम तरफ का निर्माण पूरा होने के बाद पूर्व तरफ का कार्य शुरू होगा। परिसर में ही मेट्रो ट्रेन की सुविधा मिल जाएगी। रेलवे और बस स्टेशन को जोड़ने के लिए हैंगिंग ब्रिज बनाया जाएगा। 139 वर्ष बाद पहली बार गोरखपुर जंक्शन का पुनर्विकास हो रहा है। निर्माण पूरा करने का लक्ष्य तीन साल निर्धारित है। सात जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुनर्विकास की आधारशिला रखी थी।
ऐसे तैयार होगा गोरखपुर जंक्शन
- 17900 वर्ग मीटर में होगा मुख्य स्टेशन भवन।
- 7400 वर्ग मीटर में होगा द्वितीय प्रवेश द्वार।
- 3,500 व्यक्ति एक साथ बैठ कर कर सकेंगे प्रतीक्षा।
- 300 वर्ग मीटर में टिकट खिड़कियां बनाई जाएंगी।
- 6,300 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा वेटिंग एरिया।

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