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    गोरखपुर में ट्रांसफार्मर बेचा जेई-एसडीओ ने, चालकों पर दर्ज हो गई FIR

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 09:07 AM (IST)

    गोरखपुर में जेई और एसडीओ द्वारा ट्रांसफार्मर बेचने का मामला सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि इस मामले में एफआईआर चालकों पर दर्ज की गई है। बिजली विभाग में भ्रष्टाचार का यह मामला उजागर होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है और निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। भटहट उपकेंद्र से तीन एमवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर बेचने के मामले में एफआइआर दर्ज कराने में खेल कर दिया गया। इतने बड़े मामले में दो वाहनों के चालकों और अज्ञात व्यक्तियों पर एफआइआर दर्ज कराई गई है। इस मामले में जेई अजय सिंह और एसडीओ रामइकबाल प्रसाद को निलंबित किया जा चुका है, लेकिन एफआइआर में उनका नाम भी नहीं लिखा गया है।

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    यहां तक कि ट्रांसफार्मर बेचने की बात छुपाते हुए चोरी की बात लिखी गई है। एंटी थेफ्ट थाना के प्रभारी निरीक्षक राधेश्याम राय ने कहा कि मैं खुद मामले की विवेचना कर रहा हूं। जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    दैनिक जागरण ने आठ अक्टूबर को भटहट उपकेंद्र से ट्रांसफार्मर बेचने का पर्दाफाश किया था। बिजली निगम के चेयरमैन डा. आशीष गोयल के निर्देश पर विद्युत वितरण मंडल प्रथम के अधीक्षण अभियंता डीके सिंह की समिति ने जांच की। उपकेंद्र परिसर में ही एसडीओ का भी कार्यालय है। जांच रिपोर्ट के आधार पर जेई व एसडीओ को निलंबित कर दिया गया। मुख्य अभियंता आशुतोष श्रीवास्तव ने एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे।

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    कार्यवाहक जेई ने दर्ज कराई एफआइआर
    जेई अजय सिंह के निलंबित होने के बाद भटहट उपकेंद्र का कार्यवाहक जेई मिथलेश कुमार विश्वकर्मा को बनाया गया है। मिथलेश कुमार विश्वकर्मा ने तहरीर में लिखा है कि 25 अगस्त 2024 को तीन एमवीए क्षमता का पुराना ट्रांसफार्मर क्रेन संख्या यूपी 53 जीटी 4222 और ट्रक संख्या यूपी 77 एएन 0802 से ले जाया गया।

    क्रेन के चालक रामलखन यादव और ट्रक के चालक हरिवंश चौहान द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर भंडार खंड में जमा करने के लिए ले जाया गया। बाद में पता चला कि जो लोग पावर ट्रांसफार्मर ले गए वह विभागीय नहीं थे। धोखाधड़ी से सभी कर्मचारियों को अंधेरे में रखते हुए ट्रांसफार्मर की चोरी कर लिए। इसकी जानकारी मुझे विभागीय जांच समिति की आख्या से मिली।

    17 लाख रुपये निर्धारित की गई है कीमत
    पावर ट्रांसफार्मर की कीमत विभागीय अधिकारियों ने 17 लाख रुपये निर्धारित की है। वर्तमान में इस ट्रांसफार्मर का रेट 40 लाख रुपये से ज्यादा है। रेट निर्धारण को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

    तीनों कार्यवाहकों ने किया है हस्ताक्षर
    ट्रांसफार्मर बेचने के मामले में एंटी थेफ्ट थाने में दी गई तहरीर पर भटहट के कार्यवाहक जेई मिथलेश कुमार विश्वकर्मा, भटहट के कार्यवाहक एसडीओ गाजी खान और गुलरिहा खंड के कार्यवाहक अधिशासी अभियंता प्रसून त्यागी का हस्ताक्षर है। निलंबन के बाद भटहट में जेई व एसडीओ की तैनाती नहीं हो सकी है तो अधिशासी अभियंता राजवीर सिंह के अवकाश पर जाने के कारण उनका काम परीक्षण खंड के अधिशासी अभियंता को सौंपा गया है।