महीनों बंद दुकान के नाम पर चल रहा था नशीली दवाओं का अवैध कारोबार, छापे में खुल रही हर एक परत
गोरखपुर के खोखर टोला में ड्रग विभाग ने एक बंद दवा दुकान का भंडाफोड़ किया है, जिसके नाम पर नशीली दवाओं का अवैध कारोबार चल रहा था। एनए फार्मा नामक इस दुकान पर छापे के दौरान पता चला कि मालिक बिहार का रहने वाला है और उसने लखनऊ से बड़ी मात्रा में ट्रामाडोल और कोडीनयुक्त कफ सीरप मंगवाई थी। विभाग मामले की जांच कर रहा है और संचालक को नोटिस भेजा गया है।

लखनऊ से मंगाया गया था 20 हजार ट्रामाडोल टैबलेट और चार हजार शीशी कोडीन युक्त कफ सीरप। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर के खोखर टोला क्षेत्र में ड्रग विभाग ने एक ऐसी दवा की दुकान का पर्दाफाश किया है, महीनों से खुली नहीं और उसके नाम पर नशीली दवाओं की बड़े पैमाने पर आपूर्ति की जा रही थी। विभाग की टीम ने एनए फार्मा पर छापा मारा तो दुकान का शटर बंद मिला। आसपास के लोगों ने बताया कि दुकान कई महीनों से नहीं खुली। इसके बाद टीम ने दुकान मालिक से संपर्क किया। मालिक ने बताया कि आनलाइन किराया मिलता रहा, इसलिए दुकान बंद होने के बारे में कोई जानकारी नहीं की।
ड्रग विभाग को फुटकर दुकान के लाइसेंस पर बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं की आपूर्ति की गोपनीय सूचना मिली थी। जब छानबीन बढ़ी तो सामने आया कि बंद पड़े शटर के पीछे ट्रामाडोल और कोडीनयुक्त कफ सीरप का अवैध कारोबार चल रहा है। इन दोनों दवाओं का नशे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
दुकान बंद होने के बावजूद खोखर टोला क्षेत्र में ट्रामाडोल और कोडीनयुक्त कफ सीरप की पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है। माना जा रहा है कि यह दवाओं की एनए फार्मा से अवैध तरीके से आपूर्ति की जा रही थी।
ड्रग इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि दुकान संचालक बिहार का रहने वाला है और लंबे समय से गोरखपुर से बाहर है। जांच में पाया गया कि उसने लखनऊ और दिल्ली से नशीली दवाओं की बड़ी खेप मंगवाई थी। बायो हब लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ से करीब 20 हजार ट्रामाडोल टैबलेट और चार हजार शीशी कोडीन युक्त कफ सीरप खरीदा था। आशंका है कि इन दवाओं की अवैध आपूर्ति फुटकर बाजार में की जा रही थी।
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टीम ने दुकान संचालक इरफान से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उसके दोनों मोबाइल नंबर बंद मिले। विभाग ने दोनों नंबरों और ईमेल पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। सहायक आयुक्त औषधि पूरन चंद ने बताया कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर दुकान संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उसके नेटवर्क की भी जांच की जाएगी।
लखनऊ में हुई कार्रवाई से खुला मामला
लखनऊ में हाल ही हुई कार्रवाई के दौरान ही यह सूचना मिली थी कि बायो हब लाइफ साइंसेज से एनए फार्मा ने नशीली दवाओं की बड़ी खेप मंगाई थी। विभाग इस मामले को एक बड़े नेटवर्क से जोड़कर देख रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं की खरीद-बिक्री के पीछे संगठित गिरोह सक्रिय हो सकता है।

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