हमसफर में भी गूंजेगा, यात्रीगण कृपया ध्यान दें... दैनिक जागरण ने यात्री दुश्वारियों को बनाया था मुद्दा
पूर्वोत्तर रेलवे अब हमसफर एक्सप्रेस में स्वच्छता बनाए रखने के लिए अनाउंसमेंट सिस्टम लगाएगा। यह सिस्टम यात्रियों को टॉयलेट में फ्लश करने और प्लास्टिक न डालने के लिए प्रेरित करेगा। दैनिक जागरण ने हमसफर में व्याप्त गंदगी की समस्या को उठाया था जिसके बाद रेलवे ने यह कदम उठाया है। यात्रियों को रेल मदद एप के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत की तरह पूर्वोत्तर रेलवे की महत्वपूर्ण हमसफर एक्सप्रेस में भी यात्रीगण कृपया ध्यान दें... गूंजेगा। रेलवे प्रशासन एनाउंस सिस्टम के माध्यम से यात्रियों को साफ-सफाई का संदेश देगा। वह यात्रियों को जागरूक करेगा, टायलेट का फ्लश अवश्य दबाएं, टायलेट व वाश बेसिन में प्लास्टिक की बोतलें, रैपर, नैपकिन और पैड आदि न डाले।
बेडरोल गंदा न करें और इधर-उधर न थूकें। ट्रेन में स्वच्छता बनाए रखने के लिए रेलवे का सहयोग करें। साथ ही रेलवे यात्रियों को रेल मदद एप व हेल्प लाइन नंबर 139 पर शिकायत के लिए भी लोगों को जागरूक करेगा।
इसके लिए हमसफर ट्रेन के सभी कोचों में एनाउंस सिस्टम लगाया जाएगा। यात्रिक विभाग ने एनाउंस सिस्टम लगाने की तैयारी आरंभ कर दी है। जल्द ही हमसफर के यात्रियों के कानों में स्वच्छता के संदेश गूंजने शुरू हो जाएंगे।
दैनिक जागरण ने हमसफर के यात्रियों की दुश्वारियों को मुद्दा बनाया था। यात्री समस्याओं को उठाते हुए चार सितंबर के अंक में यात्रियों का ''''सफर बिगाड़ रही हमसफर'''' और 16 सितंबर के अंक में ''''रेलवे का दावा फेल, दुश्वारियों भरा है हमसफर का सफर'''' शीर्षक से प्रमुख के साथ खबर प्रकाशित की थी।
दैनिक जागरण ने खबर में आनंदविहार-गोरखपुर 12572 नंबर की हमसफर एक्सप्रेस के यात्रियों की समस्याओं को उठाया था। यात्रियों का कहना था कि हमसफर का सफर भी सुहाना नहीं बन पा रहा। वातानुकूलित कोचों के टायलेट में गंदगी पसरी रहती है। पानी जमा रहता है। साफ-सफाई नदारद होती है।
वाशबेसिन भी गंदा रहता है। शिकायत के बाद भी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती। गोरखपुर तक पहुंचने में ट्रेन में पूरी तरह गंदगी फैल जाती है। यात्री, रेल मदद एप व हेल्लाइन नंबर 139 पर फलां बटन दबाएं में ही उलझ कर रह जाते हैं। गिनती के एक से दो यात्री ही रेलवे तक अपनी शिकायत आनलाइन पहुंचा पाते।
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अधिकतर, सिस्टम की खामी में खामोश हो जाते या शिकायत को लेकर उदासीन रहते हैं। जानकारों का कहना है कि हमसफर एक्सप्रेस में बायो वैक्यूम हाइब्रिड टॉयलेट लगा है। इस टायलेट में फ्लश दबाना अनिवार्य होता है, लेकिन अधिकतर यात्री फ्लश का उपयोग नहीं करते।
ऊपर से प्लास्टिक, रैपर, नैपकिन और पैड आदि टायलेट में डाल देते हैं। इसके चलते टायलेट चोक हो जाता है और पानी व गंदगी भर जाती है। कुछ यात्रियों की उदासीनता के चलते सभी यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है। यही स्थित वाश बेसिन की भी रहती है।
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