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    UP News: विदेश भेजने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने वाला विवेक गुप्ता गिरफ्तार, फर्जी सेंटर का पर्दाफाश

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 08:12 AM (IST)

    गोरखपुर में कैंट पुलिस ने एक ऐसे जालसाज को गिरफ्तार किया है जो फर्जी ट्रेनिंग सेंटर चलाकर बेरोजगार युवकों को विदेश भेजने का झांसा देता था। आरोपी विवेक गुप्ता इजराइल भेजने के नाम पर कुशीनगर के चार युवकों से 12 लाख रुपये ठग चुका था। पुलिस ने सेंटर से कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए हैं और फरार साथी की तलाश जारी है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बेरोजगार युवकों को विदेश भेजने का झांसा देकर ठगने वाले जालसाज को कैंट थाना पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया।देवरिया जिले के देवरिया खास मोहल्ले में रहने वाले विवेक गुप्ता ने कूड़ाघाट के सिंघडिया में रेलवे लाइन के पास एशिया टेक ट्रेनिंग एंड टेस्ट सेंटर के नाम से कार्यालय खोला था।

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    अपने फरार साथी देवरिया के सीसी रोड के डा. राजेंद्र प्रसाद के साथ मिलकर कुशीनगर के चार युवकों को इजराइच भेजने का झांसा देकर उसने 12 लाख रुपये ठगे थे।पीड़ितों की तहरीर पर कैंट पुलिस ने ठगी का मुकदमा दर्ज कर विवेक को गिरफ्तार किया।फरार चल रहे दूसरे आरोपित की तलाश में कैंट पुलिस की टीम देवरिया और आसपास के जिलों में दबिश दे रही है।

    एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि कुशीनगर के कप्तानगंज स्थित पचर गांव में रहने वाले प्रमोद सिंह, उनके भाई गंगा सिंह, संजय यादव और बसंत साहनी ने मार्च 2025 में डा. राजेंद्र कुमार से संपर्क किया था। राजेंद्र ने खुद को एशिया टेक ट्रेनिंग एंड टेस्ट सेंटर का एजेंट बताते हुए कहा था कि उनकी कंपनी विदेश भेजने में विशेषज्ञ है। जब युवकों ने रुचि दिखाई तो प्रति व्यक्ति तीन लाख रुपये में इजराइल भेजने की डील हुई।

    इसके बाद 22 मार्च को चारों युवकों को केंद्र बुलाकर उनकी मुलाकात कंपनी के कथित एमडी विवेक गुप्ता से कराई गई। पैसों के लेन-देन के बाद उन्हें 7 जुलाई की फ्लाइट के लिए टिकट और वीजा सौंप दिया गया, लेकिन बाद में वह वीजा फर्जी निकला। जब पीड़ितों ने रुपये वापस मांगे तो विवेक और राजेंद्र दोनों टालमटोल करने लगे। निराश होकर चारों ने कैंट थाने में शिकायत दी। पुलिस ने विवेक गुप्ता को सर्विलांस की मदद से शुक्रवार रात गिरफ्तार कर लिया।

    सेंटर की तलाशी लेने पर मिले फर्जी दस्तावेज:

    पुलिस ने सेंटर की तलाशी में एक लैपटाप, कंप्यूटर, प्रिंटर, वाईफाई राउटर, नौ अलग-अलग रसीद बुक, चार फर्जी वीजा, 163 विजिटिंग कार्ड,76 इंटरव्यू असेसमेंट फार्म, 14 आफर लेटर, 14 ट्रेड टेस्ट फार्म, 21 स्क्रीनशाट (रुपये लेनदेन के), चार मेडिकल रिपोर्ट और डिमांड लेटर, आठ भरे हुए बायोडाटा और एक स्कैनर बरामद किया है।पुलिस ने सभी दस्तावेज सबूत के तौर पर जब्त कर लिए हैं और कोर्ट में चार्जशीट के साथ पेश करेगी।

    पुलिस को मिले 31 अन्य पीड़ितों के नाम,चल रही जांच :

    अब इस मामले में नया मोड़ यह आया है कि कुशीनगर के पीड़ित युवकों ने पुलिस को बताया है कि जब वे सेंटर पहुंचे थे, उस वक्त वहां पहले से 31 अन्य युवक भी मौजूद थे, जिनसे प्रति व्यक्ति 2.70 लाख रुपये लिए गए थे।

    सभी को 7 जुलाई की फर्जी फ्लाइट का टिकट थमाया गया था।सेंटर से बरामद हुए दस्तावेज में जिन लोगों का नाम दर्ज है पुलिस उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क कर रही है।एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि जिन 31 युवकों के बारे में मिली है, वे अभी सामने नहीं आए हैं। जैसे-जैसे लोग तहरीर देंगे, वैसे-वैसे मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

    ऐसे हुई जालासाजी :

    • फर्जी ट्रेनिंग सेंटर में युवकों को बायोमैट्रिक टेस्ट और इंटरव्यू के नाम पर बुलाया गया था।
    • सेंटर की दीवारों पर इजराइल, जापान और दुबई जाने वाले जॉब ऑफर के पोस्टर लगे थे।
    • युवकों को भरोसे में लेने के लिए मेडिकल, पासपोर्ट और वीजा प्रोसेसिंग का झांसा दिया गया।