यूपी में कोहरे का कहर, 13 घंटे की देर से रात में पहुंची सुबह वाली गोरखधाम
गोरखपुर में कोहरे के कारण गोरखधाम एक्सप्रेस 13 घंटे की देरी से पहुंची, जिससे यात्री परेशान रहे। दिल्ली-लखनऊ-गोरखपुर रूट पर कई अन्य ट्रेनें भी लेट हुईं ...और पढ़ें
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रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कोहरे में गोरखधाम एक्सप्रेस का विलंबन और बढ़ता ही जा रहा है। यह ट्रेन शुक्रवार को लगभग 13 घंटे की देर से सुबह की बजाय रात में गोरखपुर पहुंची। भूखे-प्यासे यात्री रास्ते भर परेशान रहे। ट्रेनों की लेटलतीफी ने यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। ट्रेनों के इंतजार में यात्री रात भर ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं।
दरअसल, कोहरे में ट्रेनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गोरखधाम ही नहीं दिल्ली-लखनऊ-गोरखपुर- मुजफ्फरपुर रूट पर चलने वाली ट्रेनें भी विलंबित हुईं। वैशाली एक्सप्रेस साढ़े छह और देहरादून एक्सप्रेस साढे नौ घंटे विलंब से गोरखपुर पहुंची। 19038 अवध एक्सप्रेस भी साढ़े तीन घंटे की देर से चल रही थी।
लगभग सभी ट्रेनें एक से 15 घंटे तक विलंब से चल रही थी। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में यात्रियों की परेशानी और बढ़ेगी। यद्यपि, रेलवे प्रशासन ट्रेनों के निर्बाध संचालन को लेकर निगरानी बढ़ा दी है। ट्रेनों की गति नियंत्रित कर दी गई है। सुरक्षा के मानकों का अनुपालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराया जा रहा है।
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मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह बताते हैं कि कोहरे में सुरक्षित ट्रेन संचालन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे में 980 फाग सेफ डिवाइस लगा दी गई हैं। डिवाइस लग जाने से ट्रेनों की अधिकतम अनुमेय गति 75 किमी प्रति घंटा हो गई है। फाग सेफ डिवाइस के माध्यम से आने वाले सिग्नल की जानकारी मिलने से लोको पायलटों का भरोसा बढ़ा है।
इससे एक लाभ यह भी मिला है कि अब फाग सिग्नल मैन भेज कर डेटोनेटर (पटाखा) लगाने की आवश्यकता भी खत्म हो गई है। इसके अलावा सिग्नल पोस्टों और समपार फाटकों के बैरियर पर ल्यूमिनस स्ट्रिप लगाई गई है। सिग्नल साइटिंग बोर्ड पर लाइन मार्किंग कराई गई है।

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