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    UP Flood Alert: गोरखपुर में राप्ती और रोहिन का बढ़ा खतरा, उफान पर सरयू

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 12:37 PM (IST)

    गोरखपुर में नेपाल की बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। सरयू और रोहिन नदी खतरे के निशान से ऊपर हैं राप्ती भी करीब है। कैंपियरगंज में बुढ़ेली गांव का कोमर टोला पानी में डूबा नाव की व्यवस्था की गई। रिगौली-बेलसर बंधे और उत्तरासोत में कटान से दहशत है। सिंचाई विभाग ड्रोन सर्वे कर रहा है और कटान रोकने का प्रयास जारी है।

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    कैंपियरगंज तहसील क्षेत्र के बुढ़ेली ग्राम पंचायत के कोमर लगी नाव। सौ. तहसील प्रशासन।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नेपाल में होने वाली वर्षा से जनपद की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सरयू नदी और रोहिन का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। शुक्रवार की शाम चार बजे बर्डघाट में राप्ती नदी का जलस्तर खतरा बिंदु से 0.04 मीटर नीचे रहा।

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    नदियों के तीव्र वेग के कारण कई जगहों पर कटान तेज हो गई है। इसको देखते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारी- कर्मचारी सक्रिय हैं। प्रभावित स्थलों पर ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है। कैंपियरगंज तहसील क्षेत्र के बुढ़ेली गांव का कोमर टोला पानी से घिर गया है।

    शुक्रवार को गांव में पहुंचकर एसडीएम ने लोगों से जानकारी ली। अधिकारियों का कहना है कि नदियों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है।

    सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 0.19 मीटर ऊपर है। तुर्तीपार में नदी 0.39 मीटर अधिक है। राजघाट में बर्डघाट मीटर गेज पर राप्ती नदी का पानी खतरा बिंदु से मात्र 0.04 मीटर नीचे पाया गया।

    सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार की सुबह तक नदी खतरे के निशान को पार कर जाएगी। इसी तरह से रोहिन नदी का जलस्तर त्रिमुहानीघाट पर 0.80 मीटर और भौराबारी में 0.18 मीटर पाया गया है।

    जंगल कौड़िया ब्लाक क्षेत्र के उत्तरासोत गांव के समीप कटान करती राप्ती नदी। जागरण


    महावनखोर संवाद सूत्र के अनुसार कैंपियरगंज तहसील क्षेत्र में राप्ती और रोहिन के उफान से सैकड़ों एकड़ फसल डूब गई है। रोहिन नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से बुढ़ेली गांव का टोला कोमर पानी से घिर गया है।

    इस गांव में ग्रामीणों के लिए प्रशासन ने नाव लगवा दी है। चंदीपुर गांव भी पानी से प्रभावित है। राप्ती नदी से चकदहा,भुजौली सहित अन्य गांव में किसानों की फसल डूब गई है।

    एसडीएम कैंपियरगंज सिद्धार्थ पाठक ने कोमर गांव का दौरा करके राजस्वकर्मियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि तहसील क्षेत्र में 11बाढ़ राहत केंद्र,11बाढ़ चौकी,चार बाढ़ शरणालय व दो हेलीपैड बनाए गए हैं।

    करमैनीघाट संवाद सूत्र के अनुसार राप्ती नदी के रिगौली -बेलसर बंधे के बहबोलिया गांव के पास नदी, बंधे से सटकर बह रही है। बोल्डर पीचिंग धंसने से ग्रामीण भयभीत हो गए हैं। बंधे में बनी पुलिया के टूटने पर बहबोलिया बांध टूट जाएगा।

    भरवलिया में पुलिया को सिंचाई विभाग ने बंद करा दिया है। उधर करमैनी -पनघटियां बंधे और राप्ती नदी के बीच बसे रामकोला और चकदहा गांव के पास नदी की कटान तेज हो गई है। इससे दोनों गांवों पर खतरा बढ़ गया है। इसकी जानकारी होने पर सिंचाई विभाग ने ड्रोन सर्वे कराया गया है।

    इस संबंध में दैनिक जागरण ने 18 सितंबर के अंक में "पानी बढ़ते ही सरयू ने फिर ढाया ज्ञानकोल में कहर" शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों ने संज्ञान लिया है। अवर अभियंता रामआशीष यादव ने बताया कि ड्रोन उड़ाने की सूचना पुलिस को देकर सर्वे कराया गया है। बाढ़ बचाव परियोजना के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

    यह भी पढ़ें- Gorakhpur Flood Alert: सरयू और राप्ती नदी की बाढ़ में घिरे डेढ़ दर्जन गांव, आवाजाही ठप

    जंगल कौड़िया संवाद सूत्र के अनुसार, उत्तरासोत गांव के निकट राप्ती नदी तेज गति से कटान कर रही है। नदी और बंधे के बीच की दूरी महज 70 फीट तक रह गई है। यहां दो जगहों पर कटान होने से सिंचाई विभाग की टीम हैरान है। ग्रामीणों का कहना है कि बंधा टूटने पर 25 से अधिक गांव डूब जाएंगे।

    अधीक्षण अभियंता केपी सिंह ने बताया कि 200 श्रमिकों को लगाकर कटानरोधी कार्य किया जा रहा है। गुरुवार को कमिश्नर और जिलाधिकारी ने मौके का निरीक्षण किया था। शुक्रवार को एसडीएम सदर दीपक गुप्ता पहुंचे। इस मौके पर अनूप शंकर पांडेय सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

    बांसगांव संवाददाता के अनुसार तहसील क्षेत्र में राप्ती और आमी नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है। सहजनवा संवाददाता के अनुसार तहसील क्षेत्र में राप्ती और आमी नदी के बढ़ने का क्रम जारी है। अभी कहीं पर किसी तरह के जानमाल का कोई नुकसान नहीं है।