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    Gorakhpur Flood Alert: बड़हलगंज क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक गांव पानी में घिरे, नदियों का जलस्तर बढ़ने से कटान की जद में आए मकान

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 08:13 AM (IST)

    गोरखपुर में सरयू और राप्ती नदी के जलस्तर में वृद्धि से कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बड़हलगंज ब्लॉक के दो दर्जन से अधिक गांव पानी में डूब गए हैं जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा राहत कार्य जारी है और प्रभावित क्षेत्रों में नावें उपलब्ध कराई जा रही हैं। ज्ञानकोल गांव में भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं।

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    बड़हलगंज क्षेत्र के लखनौरा प्राथमिक स्कूल परिसर में पहुंचा बाढ़ का पानी। जागरण

    संवाद सूत्र मधुपुर/पटनाघाट। सरयू और राप्ती नदी के जलस्तर में वृद्धि से बड़हलगंज ब्लाक स्थित दो दर्जन से अधिक गांव पानी से घिर चुके हैं। कई गांव अगले चौबीस घंटे में पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। घरों में पानी घुसने लगा है। प्रशासन ने शनिवार को एक बड़ी और 13 मझोली नावें लगवाई हैं। पानी से घिरे ज्ञानकोल गांव में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए तैयार भोजन पैकेट का वितरण भी शुरू कर दिया गया है।

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    राप्ती नदी की बाढ़ से लखनौरी, लखनौरा, हिगुंहार, खोहियापट्टी, बिहुआ, जगदीशपुर, सुबेदारनगर माझा, मच्छरगांवा, मैभरा, नेतवार पट्टी आदि गांव प्रभावित हैं। वहीं सरयू नदी का पानी ज्ञानकोल, कोलखास, जैतपुर, बल्थर, कोटियानिरंजन, खैराटी, अजयपुरा, गोरखपुरा, कोटियादीपशाह, मूसाडोही, बगहा देवार, बरडीहा और गायघाट तक फैल चुका है। कई संपर्क मार्ग जलमग्न होने से ग्रामीणों को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खेतों में खड़ी फसलें डूबने से पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है।

    लखनौरा और लखनौरी गांव के ग्रामीण कुमार, खरपत्तू, गिरिजेश निषाद, सुनील तिवारी व सोनू सिंह ने बताया कि मार्ग पर जलभराव से आवागमन मुश्किल हो गया है। नाव की मांग बार-बार की जा रही है, लेकिन अभी तक पर्याप्त नाव उपलब्ध नहीं हो सकी है।

    यह भी पढ़ें- UP Flood Alert: गोरखपुर में राप्ती और रोहिन का बढ़ा खतरा, उफान पर सरयू

    सरयू नदी ज्ञानकोल, जैतपुर और बगहा देवार के अलावा छपिया उमराव में कटान कर रही है। शनिवार को जैतपुर गांव के मनोज की झोपड़ी नदी में समा गई। वहीं, सत्यदेव के सरकारी आवास के अलावा शिवचंद, नंदकुमार और लल्लन यादव के मकान पर कटान का खतरा मंडरा रहा है। छपिया उमराव के ग्राम प्रधान राजबिहारी यादव का कहना है कि खेती की भूमि काटते हुए अब रिहायशी मकानों की ओर बढ़ रही है।

    कछार में एक बड़ी और 13 मझोली नावें लगाई गई हैं। ज्ञानकोल को पानी से घिरा घोषित कर दिया गया है। वहां तैयार भोजन का पैकेट वितरित कराया जा रहा है। नाव की कोई कमी नहीं है, जरूरत के अनुसार व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। -सत्येंद्र मौर्य, तहसीलदार, गोला