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    महुआचाफी कांड: तुर्कमानपुर कब्रिस्तान में दफनाया गया तस्कर, पिता बोले-तंग आ गए थे हम

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 07:21 AM (IST)

    गोरखपुर के महुआचाफी गांव में पकड़े गए तस्कर अजहर के शव को बदनामी के डर से परिजनों ने गांव ले जाने से मना कर दिया। पुलिस सुरक्षा में उसे तुर्कमानपुर कब्रिस्तान में दफनाया गया। पिता ने बताया कि अजहर की हरकतों से परिवार तंग था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में चोट और अंदरूनी रक्तस्राव से मौत की पुष्टि हुई है। पुलिस गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश कर रही है।

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    महुआचाफी कांड का आरोपित था अजहर, पिटाई में टूट गई थी सिर और कंधे की हड्डी

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महुआचाफी गांव में पकड़े गए तस्कर अजहर उर्फ अजमल का शव बदनामी के डर से स्वजन ने गांव ले जाने से इनकार कर दिया। कड़ी सुरक्षा में शुक्रवार की शाम तुर्कमानपुर कब्रिस्तान में दफनाया गया। पुलिसकर्मियों के पूछने पर पिता ने कहा कि अजहर की हरकत से पूरा परिवार तंग था।नशे में घर पहुंचने के बाद सबके साथ मारपीट करता था।

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    पिता ईशा मोहम्मद ने बताया कि अजहर घर पर महीने या पंद्रह दिन में एक बार जाता था।घर की स्थिति काफी दयनीय है। उनके दो बेटे व पांच बेटियां है। जिसमें से अजहर बड़ा है, छोटा बेटा रियाजुल हुसैन पढ़ाई करता है, चार बेटियों की शादी हो चुकी है।

    अजमल का एक बेटा व दो बेटियां है। गांव से आए व्यक्तियों ने बताया कि नाम बता देंगे तो गांव में बदनामी होगी कि पशु तस्कर का शव लेने गए थे, समाज बहिष्कृत कर देगा।पुलिस की मौजूदगी में शाम छह बजे उसे दफनाया गया।

    पूरे समय गिने-चुने लोग ही मौजूद रहे। न कोई मातम, न कोई रिश्तेदार। बस औपचारिक दफन, जो चुपचाप पूरा कर दिया गया। महुआचाफी गांव के लोगों ने सोमवार की रात अजहर को पिकअप के साथ पकड़ा था। पिटाई करने के बाद पुलिस के हवाले किया गया था।

    बीआरडी मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग में भर्ती अजहर से मजिस्ट्रेट ने बयान दर्ज किया था। उसने अपने साथियों के नाम बताए थे, उसी आधार पर पुलिस तफ्तीश कर रही थी। लेकिन शुक्रवार सुबह 10.37 बजे उसकी मौत हो गई।

    पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि उसके सिर में तीन जगह चोट थी, हड्डियां टूट गई थीं। एक कंधा भी टूट गया था। पीठ और कमर पर गहरे घाव थे। डाक्टरों ने बताया कि मौत चोट की वजह से हुए अंदरूनी रक्तस्राव से हुई है।

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    गिरोह के तीन सदस्य अब भी फरार :

    महुआचाफी कांड में आठ तस्करों की पहचान हुई है।अजहर की मौत के बाद अब सात बचे हैं। इनमें से कुशीनगर का रहीम मुठभेड़ में पकड़ा जा चुका है। गीडा क्षेत्र के छोटू, राजू और रामलाल जेल में हैं।गोपालगंज का मन्नू सेठ, रामपुर का जुबैर और पिपराइच का मन्नू निषाद अब भी फरार हैं। इनकी तलाश में एसटीएफ और पुलिस की कई टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।