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    महुआचाफी में पांचवें दिन भी पसरा रहा सन्नाटा, परिजनों ने की एनकाउंटर और शस्त्र लाइसेंस की मांगा

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 11:00 PM (IST)

    चरगांवा के महुआचाफी गांव में छात्र दीपक गुप्ता की हत्या के बाद मातम पसरा है। परिजन और ग्रामीण हत्यारों के एनकाउंटर की मांग कर रहे हैं। पूर्व मंत्री जितेंद्र जायसवाल ने परिवार को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पिता ने सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस हेतु आवेदन किया है। ग्रामीणों ने पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई है।

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    महुआचाफी में पांचवे दिन भी मातम और सन्नाटा,परिजनों ने मांगा शस्त्र लाइसेंस। जागरण

    संवाद सूत्र,चरगांवा । महुआचाफी गांव शुक्रवार को भी गम और गुस्से के साये में डूबा रहा। पांच दिन पहले छात्र दीपक गुप्ता की हत्या के बाद से गांव का माहौल लगातार भारी है। सुबह से शाम तक सैकड़ों लोग मृतक के घर पहुंचे, परिजनों को सांत्वना दी और एक ही आवाज में कहा हत्यारों का एनकाउंटर होना चाहिए, तभी न्याय मिलेगा।

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    गांव के दरवाजे पर रोते-बिलखते परिवार के बीच शुक्रवार को पूर्व मंत्री जितेंद्र जायसवाल उर्फ पप्पू भैया पहुंचे। उन्होंने दीपक की मां सीमा देवी को ढांढस बंधाया और कहा कि योगी सरकार में हत्यारे बचेंगे नहीं। पूर्व मंत्री ने परिवार को हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया।इससे पहले गुरुवार की शाम डीआइजी डा. एस. चनप्पा और एसएसपी राजकरन नय्यर ने गांव पहुंचकर हालात का जायजा लिया।परिवार को भरोसा दिलाया कि हर मांग पूरी होगी।

    छात्र के पिता दुर्गेश गुप्ता के साथ शुक्रवार की दोपहर में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया।दुर्गेश ने कहा,बेटे की मौत ने हमें तोड़ दिया है। लेकिन तस्करों से खतरा अब भी है। वे हमें भी निशाना बना सकते हैं। ऐसे में सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस जरूरी है।गांव के विमलेश, शंभू, रामचंद्र, ज्ञान, संदीप, सुरेंद्र, राहुल भारती और अन्य ग्रामीणों ने कहा कि दीपक की हत्या ने पूरे गांव को हिला दिया है।

    क्या टाली जा सकती थी वारदात?

    उनका मानना है कि यदि पुलिस सक्रिय होती तो यह वारदात टाली जा सकती थी। ग्रामीणों की मांग है कि जंगल छत्रधारी चौकी इंचार्ज और वहां तैनात पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए।घटना स्थल और गांव में अब भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। जिस जगह से दीपक को तस्करों ने उठाया था, वहां पीएसी के जवान तैनात हैं।

    घर पर भी दो सिपाही दिन-रात निगरानी कर रहे हैं।शनिवार को पीड़ित परिवार जिलाधिकारी से मिलेगा।प्रधान प्रतिनिधि प्रदीप निषाद ने बताया कि परिजन अपनी मांगों से जुड़े पत्र को जल्द से जल्द पूरा कराने की गुहार लगाएंगे।