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    Gorakhpur Double Murder: संपत्ति विवाद, पड़ोसी से खटपट,लूट की आशंका, इन तीन दिशाओं में चल रही जांच

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 08:07 AM (IST)

    गोरखपुर में दोहरे हत्याकांड की जांच में पुलिस संपत्ति विवाद, किरायेदारी और लूट की आशंका पर ध्यान केंद्रित कर रही है। रामनरेश की पहली पत्नी की बेटी ने लूट का आरोप लगाया है। पुलिस किरायेदारों से पूछताछ कर रही है, जिनकी चुप्पी संदिग्ध लग रही है। संपत्ति का इतिहास उलझा हुआ है, जिसमें वसीयत और लेनदेन से जुड़े विवाद शामिल हैं। पुलिस सभी पहलुओं को जोड़कर जांच कर रही है।

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    फाइल फोटो - शांति। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दोहरे हत्याकांड में पुलिस की जांच अब घर के भीतर उतर गई है, जहां वर्षों से रिश्तों का अलगाव, किरायेदारी की खटपट, और संपत्ति से जुड़े पुराने विवाद साथ-साथ पल रहे थे।रामनरेश की पहली पत्नी शांति से दो बेटियां,सुशीला और विमला थे, जबकि दूसरी पत्नी उषा अपने दो बच्चों के साथ ऊपर वाले हिस्से में रहती थीं।

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    उषा की कैंसर से मौत हुए पांच वर्ष गुजर चुके हैं,उस परिवार की बेटियां और उनका पुराना मुकदमा इस वारदात की जांच में शामिल हो चुका है।वहीं लखनऊ से लौटी शांति देवी की बेटी सुशील ने लूट के लिए हत्या होने का आरोप लगाया है जिसे जांच में शामिल कर लिया गया है।

    घर के भीतर दो किरायेदार रहते थे। इनमें पहला नेपाल मूल का राज सिंह, जो पहले मकान का एग्रीमेंट कराने वाले अजय की मैजिक चलाता था और अब टूरिस्ट गाड़ी चलाता है। दो महीने से अजय ने उसे मकान खाली करने को कह दिया था।राज की पत्नी घसीकटरा की रहने वाली है। दूसरे कमरे में चाऊमीन का ठेला लगाने वाला परिवार रहता है जिसे विमला ने रखा था।

    दोनों का कहना है कि उन्होंने रात में कोई संदिग्ध आवाज नहीं सुनी, जबकि घर उनके कमरों से सटा हुआ है। यही चुप्पी पुलिस को असामान्य लग रही है। बरामदे में मिली बाइक विमला की ही थी। पड़ोसियों के अनुसार वह अक्सर पैंट-शर्ट पहनकर बाइक से आती-जाती थी। उसके सामाजिक संपर्क सीमित थे, मां को बाहर बरामदे में बैठाने या अंदर ताला लगाकर जाने की भी आदत थी।

    संपत्ति का इतिहास इस केस का सबसे उलझा हिस्सा बन गया है। रामनरेश ने यह संपत्ति लखनऊ में रहने वाली बेटी सुशाला के बेटे को वसीयत कर दी थी। वर्ष 2017 में सुशीला के बेटे ने मकान बेचने के लिए अजय से एग्रीमेंट किया था। रुपये के लेनदेन पर विवाद होता गया। उसी दौरान दूसरी पत्नी की बेटी डाली के पति रुपेश, जो कैटरिंग व्यवसाय करता है, ने इस संपत्ति को लेकर मुकदमा किया था।

    उषा की दूसरी बेटी खुशबू कभी-कभी ऊपर वाले हिस्से में आकर रहती थी, और दूसरा फ्लैट खाली पड़ा था।मंगलवार सुबह लखनऊ से गोरखपुर पहुंची शांति देवी की बेटी सुशील ने शाहपुर पुलिस को बताया कि कमरे में गहने और रुपये थे, जिनकी चिंता है। इस पर पुलिस ने कमरा सील कर दिया है। ई-रिक्शा चालक, जिसका रविवार शाम विमला से विवाद हुआ था, पुलिस हिरासत में है।

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    वहीं 2017 के सौदे से जुड़े प्रापर्टी डीलर को भी बुलाया गया है। पुलिस उसके जरिए लेनदेन और वसीयत से जुड़े सभी बिंदुओं को जोड़ने की कोशिश कर रही है। शांति देवी जिस गली में रहती थी, वह संकरी है और उसमें कुल 12 मकान हैं। मुख्य सड़क से दाईं ओर मुड़ते ही दूसरा मकान उनका है। क्राइम ब्रांच, फोंरेंसिक, सर्विलांस सेल, चौकी पुलिस और मोबाइल टीम दिनभर अलग-अलग कोणों से जांच करती रहीं।

    राजघाट पर हुआ अंतिम संस्कार:
    सुशीला मंगलवार की सुबह लखनऊ से पहुंचीं।घर पहुंचकर कमरा देखने के बाद बीआरडी मेडिकल काॅलेज पहुंची। पोस्टमार्टम के बाद राजघाट पर मां व छोटी बहन का अंतिम संस्कार कराया। सुशीला ने पुलिस को यह भी बताया कि घर में गहने और रुपये रखे थे, जिनकी उन्हें चिंता है। पुलिस ने कमरे पर ताला बंद कर दिया है।