गोरखपुर दोहरे हत्याकांड में पुलिस की नजर अब ‘करीबी’ पर, मिली संदिग्ध गतिविधि
गोरखपुर के घोषीपुरवा में मां-बेटी की हत्या के मामले में पुलिस को एक करीबी पर शक है। सर्विलांस टीम को संदिग्ध की गतिविधि मिली है, जिसका लोकेशन घटना के ...और पढ़ें

मां-बेटी हत्याकांड। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। घोषीपुरवा में मां-बेटी की हत्या को अब आठ दिन गुजर चुके हैं, और पुलिस की जांच अब निर्णायक दिशा में पहुंचती दिख रही है। क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में एक करीबी व्यक्ति की गतिविधि संदिग्ध मिली है। मोबाइल लोकेशन, बयानबाज़ी और उसके घटना के दिन की गतिविधियों में मिले फर्क ने पुलिस का शक और गहरा कर दिया है। हालांकि अधिकारी नाम उजागर करने को तैयार नहीं, लेकिन यह स्वीकार कर रहे हैं कि मामला अब बहुत आगे बढ़ चुका है।
सर्विलांस टीम ने पिछले तीन दिन में जिस मोबाइल डेटा को खंगाला है, उसने जांच की दिशा बदल दी है। पुलिस ने घटना वाले दिन और उससे एक रात पहले सक्रिय रहे नंबरों की सूची में दर्जनों लोगों के मोबाइल का लोकेशन पैटर्न मिलाया। इनमें से एक व्यक्ति का लोकेशन पैटर्न सामान्य दिनों से बिलकुल अलग पाया गया।पुलिस का दावा है कि वह व्यक्ति घर के आसपास घटना समय के बेहद करीब मौजूद था, जबकि उसने पुलिस को अपने बयान में दूसरी ही लोकेशन बताई थी।
बयान और मोबाइल लोकेशन का यह विरोधाभास पुलिस को सीधे ‘करीबी’ की दिशा में ले गया है।क्राइम ब्रांच ने संदिग्ध के कॉल रिकार्ड की भी जांच की है।फोरेंसिक रिपोर्ट, भले ही हथियार पर फिंगरप्रिंट न मिलने के कारण पुलिस को निराश कर गई, लेकिन कमरे की हालत, संघर्ष के निशान और घटना के समय की मूवमेंट ने साफ़ कर दिया है कि कातिल घर को जानता था,कमरों की बनावट से परिचित था और अंदर-बाहर आने जाने के तरीके को भी समझता था।जांच की इसी परत में पुलिस को वह संदिग्ध गतिविधि मिली है जिस पर अब पूरा फोकस है।
अधिकारी यह भी मान रहे हैं कि इस केस को हल करने में सिर्फ एक टुकड़ा बाकी है, और वह टुकड़ा वही संदिग्ध व्यक्ति हो सकता है जिसकी गतिविधि सर्विलांस में उभरी है।एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि घटना से जुड़े सभी पहलुओं की छानबीन चल रही है।कई महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है।जल्द ही गुत्थी सुलझा ली जाएगी।
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यह है मामला
23 नवंबर की रात घोषीपुरवा मोहल्ले में 65 वर्षीय शांति जायसवाल और 45 वर्षीय विमला जायसवाल की घर में हत्या कर दी गई थी। दोनों के सिर पर हथौड़े जैसे भारी वस्तु से वार किया गया था। सामने का दरवाजा खुला मिला, जिससे अंदेशा है कि हत्यारा परिचित था। फोरेंसिक जांच में हथौड़े पर कपड़ा लिपटा मिला, जिससे फिंगरप्रिंट नहीं मिल सके।
सर्विलांस टीम ने 100 से अधिक मोबाइल नंबरों की जांच की, पर किसी की लोकेशन संदिग्ध नहीं मिली। कई संदिग्धों से पूछताछ हुई, लेकिन स्पष्ट सुराग हाथ नहीं आया। अब पुलिस एक करीबी की गतिविधि को सबसे अधिक संदिग्ध मानकर जांच गहरा रही है।

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