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    गोरखपुर डबल हत्याकांड: अंडे की दुकान, बाइक और एग्रीमेंट पर टिकी पुलिस की जांच

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 08:25 AM (IST)

    गोरखपुर के घोषीपुरवा में मां-बेटी की हत्या से सनसनी फैल गई। पुलिस को घर में एक अज्ञात बाइक मिली है। जांच में ई-रिक्शा विवाद और 40 लाख के एग्रीमेंट की बात सामने आई है। खोजी कुत्ता अंडे की दुकान पर जाकर रुका, जिससे संदेह गहरा गया। सर्विलांस से दो मोबाइल नंबरों की लोकेशन संदिग्ध मिली है। पुलिस एग्रीमेंट और गायब पड़ोसी से भी पूछताछ कर रही है।

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    मकान के पास खड़े होकर बातचीत करते मुहल्ले के लोग। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गीता वाटिका से सटे घोषीपुरवा की तंग गली में सोमवार रात पुलिस व एंबुलेंस के सायरन गूंजते ही पूरा इलाका जाग उठा। घर के भीतर मां-बेटी की हत्या की सूचना पर शाहपुर पुलिस, फोरेंसिक और क्राइम ब्रांच की टीमें एक के बाद एक पहुंचती रहीं। रविवार रात घर में जाने के बाद दोनों बाहर नहीं दिखीं।

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    सोमवार रात फर्नीचर दुकान के मालिक रामानंद के कई बार फोन करने के बाद जवाब न मिलने पर घर पहुंचे,दरवाजा न खुलने पर पुलिस बुलाया तब हत्या की पुष्टि हुई। पुलिस को परिसर में एक अनजान बाइक मिली।जांच में रविवार शाम ई-रिक्शा खड़ा करने को लेकर पड़ोसी से विवाद और 40 लाख रुपये में मकान का एग्रीमेंट होने की बात सामने आयी।

    खोजी कुत्ता टोनी दो बार घर से निकलकर सीधे 200 मीटर दूर वही अंडे की दुकान पर जाकर रुक गया, पुलिस की पांच टीम सभी बिंदुओ पर गहनता से छानबीन कर रही है।
    घर के भीतर की स्थिति देखने के बाद शाहपुर थानेदार ने सबसे पहले कुत्ता स्क्वाड को बुलाया। खोजी कुत्ता टोनी को जैसे ही कमरे से बाहर निकाला गया, वह तेजी से गली की ओर भागा और दायीं ओर जाने के बाद मुड़कर 200 मीटर आगे एक अंडे की दुकान पर जाकर बैठ गया।

    यह दुकान घटना के बाद से बंद है और मालिक भी सामने नहीं आया। पुलिस को यह संयोग नहीं लगा। टोनी को दूसरी बार छोड़ा गया तो उसने कोई और रास्ता नहीं चुना सीधे फिर उसी दुकान तक जा पहुंचा। सर्विलांस टीम ने रविवार शाम छह बजे से देर रात तक वहां से गुजरने वाले मोबाइल नंबरों की लोकेशन रिकंस्ट्रक्ट करनी शुरू की है। देर रात जिस समय हत्या की आशंका है, उसी अवधि में दो मोबाइल नंबरों की लोकेशन दुकान और मृतका के घर के बीच मैच हो रही है।

    दूसरा सुराग घर के भीतर खड़ी बाइक है जिसे कोई पहचान नहीं पाया। बाइक का वहां खड़ा होना इस बात की ओर इशारा करता है कि आने-जाने वाला व्यक्ति घर का जाना-पहचाना था और बिना झिझक भीतर तक आया। बाइक का नंबर ट्रेस कर पुलिस मालिक तक पहुंचने के लिए दबिश दे रही है। तीसरा बिंदु वह एग्रीमेंट है, जो मकान खरीदने के लिए 40 लाख रुपये में तय हुआ था।

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    मृतक शांति जायसवाल का मकान। जागर


     

    कागज आगे क्यों नहीं बढ़े, और सौदा किन कारणों से रुका यह सवाल अब पुलिस की पूछताछ का हिस्सा है। जांच में सामने आया है कि एग्रीमेंट को लेकर बातचीत समय-समय पर चल रही थी, इससे जुड़े पक्षों को घटनास्थल पर बुलाकर बयान दर्ज किए गए हैं। जांच की एक बड़ी परत रविवार रात की गतिविधियों में छिपी है। किचन में चूल्हे पर गर्म दूध मिला और खाने के पैक बताते हैं कि रात को भोजन बाहर से मंगवाया गया था।

    इसका मतलब है कि घर में कोई असामान्य हरकत नहीं थी। दोनों सामान्य दिनचर्या में थीं।रविवार की शाम विमला अपने काम से लौटी थीं। उसी समय ई-रिक्शा खड़ा करने को लेकर एक पड़ोसी से उनका विवाद हुआ था। यही पड़ोसी घटना के बाद से घर से गायब है। मोबाइल बंद है। लोकेशन अंतिम बार घर के पास मिली है। पुलिस अब उसे एक प्रमुख संदिग्ध की तरह ट्रैक कर रही है।

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    किराएदार ने कहा नहीं सुनी कोई आवाज
    मकान में चार फ्लैट थे। इनमें से इस समय एक ही किरायेदार संध्या सिंह रहती हैं। चार वर्षों से वहीं रहने वाली संध्या और उनके पति राज सिंह (टूरिस्ट बस चलाते हैं) के बयान महत्वपूर्ण रहे।पुलिस उनसे लगातार यह पुष्टि कर रही है कि रविवार रात घर के अंदर या आसपास कोई आवाज, हलचल या विवाद उन्होंने सुना या देखा था या नहीं। दोनों ने कहा कि उन्होंने सोमवार को दरवाजा बंद देखा, लेकिन किसी खतरे का अंदेशा नहीं हुआ।

    लखनऊ में रहती है बड़ी बेटी
    शांति देवी मूल रूप से पीपीगंज की रहने वाली थीं और चल नहीं पाती थीं। कुर्सी पर ही बैठी रहती थीं। पति रामनरेश की मौत 30 वर्ष पहले हो चुकी थी, जो रेलवे कारखाने के सामने चाय बेचते थे। उनकी दो बेटियां सुशीला जिसकी शादी जौनपुर में हुई है अभी लखनऊ में रहती हैं।जांच टीमों का मानना है कि हत्यारा स्थानीय है या स्थानीय से परिचित, जिसे गलियों, घर के ढांचे और दिनचर्या की पूरी जानकारी थी। पुलिस कई संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। सभी टीमें हर कड़ी को जोड़कर केस को निर्णायक मोड़ देने की तैयारी में हैं।