Gorakhpur Double Murder: साक्ष्य बता रहे कातिल ने पहले बेटी फिर ली मां की जान, पोस्टमार्टम से खुली क्रूरता की पोल
गोरखपुर में हुए दोहरे हत्याकांड से क्षेत्र में दहशत है। पुलिस जांच में पता चला कि कातिल ने पहले बेटी और फिर मां की हत्या की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्यारे की क्रूरता उजागर हुई है। घटनास्थल पर मिले सबूतों से पता चलता है कि हत्यारा परिचित था। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही खुलासे का दावा कर रही है।

मृतक शांति जायसवाल का मकान। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मां-बेटी की हत्या की गुत्थी अब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ने और गहरी कर दी है। रिपोर्ट में सामने आया है कि मां शांति जायसवाल पर बेहद बर्बर तरीके से सिर पर तीन वार किए गए,वहीं बेटी विमला के सिर के पिछले हिस्से पर एक भारी वस्तु से प्रहार किया गया था,जो मृत्यु का मुख्य कारण माना जा रहा है।हमले की प्रकृति से साफ है कि हमला अचानक, सीधा और घातक था।कातिल ने पहले बेटी उसके बाद मां की जान ली।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, 65 वर्षीय शांति जायसवाल पर सिर की एक ही दिशा में किए गए तीन वार हत्या की नीयत से किए गए।बाएं तरफ माथे पर पड़े वार की तीव्रता इतनी थी कि माथे की हड्डी टूटकर अंदर धंस गई। कान के ठीक ऊपर दूसरी हड्डी भी पूरी तरह टूट गई। मेडिकल पैनल ने स्पष्ट किया कि ऐसे गंभीर फ्रैक्चर सामान्य हमले से नहीं, बल्कि पूरे बल से किए गए वार से होते हैं।
यह संकेत देता है कि हमलावर पास खड़ा था और उसे किसी तरह की घबराहट नहीं थी।बेटी विमला पर वार कम है, लेकिन उतना ही घातक। उसके सिर के पीछे एक वार किया गया है।कमरे की स्थिति से अनुमान है कि विमला ने हमलावर को देखने के बाद कुछ कदम पीछे लिए होंगे, लेकिन वार इतनी तेजी से किया गया कि वह बच नहीं पाई।फोरेंसिक व पुलिस की जांच में सामने आया है कि कातिल घर में सामने के दरवाजे से ही दाखिल हुआ था। न तो ताला टूटा, न जबरन घुसने के निशान मिले।
पुलिस का मानना है कि या तो दरवाजा खुला था या विमला ने स्वयं किसी परिचित के लिए दरवाजा खोला।बरामदे में खड़ी बाइक विमला की थी। वह अक्सर इसी बाइक से आती-जाती थी।इसके अलावा यह भी सामने आया है कि विमला अपने पैर का आपरेशन कराने जल्दी ही दिल्ली जाने वाली थी। यह बात उसने रामा फर्नीचर के मालिक को बताया था।वह जब भी बाहर जाती अपनी मां को साथ लेकर जाती थी।

पड़ोसियों से पूछताछ,सर्विलांस के जरिए जांच:
घटना स्थल पर मंगलवार को पूरे दिन पुलिस की कई टीमें घूमती रहीं। कमरे की सील जस की तस है और किसी भी बाहरी व्यक्ति को अंदर जाने की अनुमति नहीं है। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने वार की दिशा, हथियार की धार, खून के पैटर्न और शरीर की पोजिशन के आधार पर हमले की टाइमलाइन तैयार की है। इसके साथ ही पुलिस काल डिटेल, लोकेशन ट्रैकिंग और अंतिम 48 घंटे की गतिविधियों को जोड़कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि रविवार रात घर में कौन आया था और किस वजह से आया था।
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वर्ष 1965 में रामनरेश ने बनवाया था दो मंजिला मकान
शांति देवी और उनकी अविवाहित बेटी विमला जायसवाल गीता वाटिका के समीप स्थित दो मंजिला पैतृक मकान में रहती थीं। जानकारी के अनुसार मृतका के पति रामनरेश जायसवाल वर्ष 1965 में गोरखपुर आए थे और उन्होंने यहीं मकान बनवाया था।मां की सेवा करने के लिए विमला ने शादी नहीं की थी।पहले वह गोलघर की दुकान में काम करती थी, लेकिन शांति देवी की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए उसने घर के बगल में स्थित रामा फर्नीचर की नौकरी चुन ली ताकि हर पल मां तक पहुंच सके।
दुकान के मालिक कहते हैं कि वह बेहद जिम्मेदार और ईमानदार थी, फोन मिस करना उसकी आदत नहीं थी। लेकिन इसी जिम्मेदारी को जानते हुए जब सोमवर को दुकान में बैठे ग्राहक ने गद्दे के साइज के बारे में जानकारी मांगने के लिए फोन कराया, तभी संदेह की पहली रेखा खिंच गई।
मालिक ने पहले विमला को कॉल किया, फिर दोबारा किया, फिर तीसरी बार लेकिन हर बार मोबाइल की घंटी बजी और रिसीव न हुआ। इसके बाद उन्होंने सूचना पार्षद व पुलिस को दी।

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