Gorakhpur Double Murder: ऑटो चालक समेत दो संदिग्ध हिरासत में, जांच के दायरे में बड़ी बेटी भी
गोरखपुर के घोषीपुरवा में मां-बेटी की हत्या के मामले में पुलिस ने ऑटो चालक समेत दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पूछताछ में असहजता और बयानों में बदलाव के कारण पुलिस को चालक पर शक है। सीडीआर से पता चला है कि चालक प्रॉपर्टी डीलर के संपर्क में था। खोजी कुत्ते ने भी चालक के घर के पास संकेत दिया। पुलिस ने बड़ी बेटी को भी जांच के दायरे में लिया है।

घोषीपुरवा में मां-बेटी की हत्या। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मां-बेटी की हत्या के मामले में शाहपुर पुलिस ने आटो चालक समेत दो संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। मोबाइल फोन का सीडिआर निकलवाने के बाद पुलिस को चालक पर आशंका गहरा हो गया है। घटना के दिन खोजी कुत्ता टोनी भी आटो चालक की घर के तरफ गया था। इसके अलाव पुलिस ने 45 और लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है।
क्राइम ब्रांच, सर्विलांस, स्वाट टीम के साथ शाहपुर और आसपास की थाना पुलिस की कुल सात टीमें घटना को पर्दाफाश करने में काम कर रही हैं। बुधवार को अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराने वाली बड़ी बेटी सुशीला और उसके पति से भी पुलिस ने पूछताछ की। जिसमें वह असहज दिखी और बार-बार बयान बदल रही थी। जिसके बाद आशंका में पुलिस ने उसे भी जांच के दायरे में शामिल कर लिया है।
घटना सोमवार देर रात की है। हमलावरों ने शांति देवी और उनकी बेटी विमला जायसवाल की हथौड़ी से कूचकर हत्या कर दी थी। मंगलवार को सूचना पर पुलिस के साथ फारेंसिक और डाग स्क्वायड टीम भी मौके पर पहुंची तो दोनों का शव अलग-अलग कमरे में खून से लथपथ पड़े मिले थे। इसके बाद जांच में जुटी पुलिस को अब तक कई अहम सुराग मिले हैं।
विमला और शक के दायरे में आए आटो चालक के मोबाइल फोन की पुलिस ने सीडीआर निकलवाई है। जिसके बाद मामले में एक नया मोड़ आया। चालक लगातार एक प्रापर्टी डीलर के संपर्क में था, जिसने करीब पांच वर्ष पहले सुशीला से 55 लाख रुपये में पूरी प्रापर्टी का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट किया था। घटना के दिन भी जब डाग स्कवायड दस्ते में शामिल टोनी मौके पर पहुंचा और हैंडलर ने घटना स्थल पर मिले हथौड़ा को सुंघाकर बाहर लाया तो टोनी सबसे पहले आटो चालक के घर की तरफ गया।
थोड़ी देर रुकने के बाद वह गली से बाहर आया और, जिस जगह सब्जी का ठेला लगाता है, वहां पहुंचा।टोनी ने यह काम दो बार किया और उसी जगह जाकर रुका। जिसके बाद से पुलिस को उसके ऊपर शक और गहरा हो गया। इस संबंध में सीओ गोरखनाथ रवि सिंह का कहना है कि शाहपुर पुलिस के साथ कई टीमे घटना के पर्दाफाश में लगी है। कई लोगों से पूछताछ की गई है। सीडीआर भी निकलवाए गए है। मृतका की बड़ी बेटी और उनके दामाद से भी पूछताछ की गई है। आगे की जांच चल रही है।
रात के दो बजे तक साथियों संग पी थी शराब
पुलिस द्वारा निकलवाए गए सीडीआर की जांच में यह भी सामने आया है कि घटना की रात दो बजे तक ऑटो चालक अपने साथियों के साथ रेलवे स्टेशन के आसपास मौजूद था और शराब पी रहा था। फिर चालक का लोकेशन शांति देवी के घर के आसपास मिली है। इससे पुलिस उसे और संदिग्ध मान रही है। हालांकि पुलिस अभी ऑटो चालक समेत दो को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। उनकी गतिविधियों एवं पुराने अपराध के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
पुलिस के अब तक कि जांच में हत्या की प्रमुख वजह प्रापर्टी विवाद सामने आ रहा है। हालांकि पुलिस विमला से नियमित संपर्क रखने वालों को भी जांच के दायरे में लाई है। सर्विलांस टीम ने कई नंबरों की काल डिटेल और घटना वाले रात की लोकेशन जांच रही।
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जबरन घुसने के नहीं मिले निशान
घटना की जांच कर रही फोरेसिंक टीम ने कमरे में संघर्ष के निशान, खिड़की-दरवाजे और शवों की जांच बड़ी बारीकी से कर रही है। अब तक की जांच में घर में जबरन घुसने या ताला तोड़ने व दरवाजे को जबरन खुलवाने के निशान नहीं है। इससे पुलिस को किसी परिचित या भरोसेमंद व्यक्ति द्वारा वारदात को अंजाम दिए जाने की आशंका लग रही है। पड़ोसियों ने भी पूछताछ में पुलिस को बहुत कुछ बताया है। जिसमें यह बात भी है कि विमला कुछ महीने से तनाव में थी और घर आने-जाने वालों को असहज थी।
पुलिस ने बड़ी बेटी और दामाद से दिनभर की पूछताछ
मां-बेटी की हत्या मामले में शाहपुर पुलिस ने बुधवार को शांति देवी की बड़ी बेटी सुशीला और दामाद नवीन चंद को भी थाने बुलाया। जहां दोनों घंटो पूछताछ हुई। फिर पुलिस उसे लेकर घटना स्थल पर ले गई। जहां पर सुशीला के सामने पुलिस ने दरवाजा खोला। फिर जहां उनका शव बरामद हुआ था और आंगन में गई।
इस दौरान यह पाया गया कि विमला की हत्या पीछे स्थित आंगन में ज्यादा खून गिरने से पुलिस ने आशंका जताई की हत्यारों ने विमला की हत्या आंगन में करने के बाद उसे कमरे लेकर आए थे। विमला ने बचाव में हत्यारोपितों से संघर्ष भी किया था।
इसके बाद पुलिस दोबारा से सुशीला को लेकर थाने गई और पूछताछ की। इस दौरान वह खुद को असहज महसूस कर रही थी। बार-बार बयान भी बदला जा रहा था। जिसके बाद पुलिस इसे भी जांच में शामिल कर दिया है।
डाली के पति ने एग्रीमेंट कराने में किया था सहयोग
घटना के बाद लखनऊ से आई सुशीला और उसका पति घोषीपुरवा स्थित मकान के पड़ोसी के शाहपुर स्थित आवास-विकास के मकान में रह रहे है। वहीं सुशीला के पिता रामनरेश की दूसरी पत्नी ऊषा की मृत्यु के बाद उसकी दोनों बेटी डाली व खुशबू अलग-अलग जगह रह रही है। डाली बिहार में रहती है वही खुशबू लखनऊ में आर्केस्ट्रा चलाती है।
डाली का पति रुपेश है, जिसने प्रापर्टी का एग्रीमेंट कराने में वर्ष 2017 में सुशीला का सहयोग किया था। एग्रीमेंट कराने के बाद डीलर ने अपने यहां के एक चालक को शांति देवी के मकान के दुसरे मंजिल पर रख दिया था। वहीं नीचे के फ्लैट में शांति अपनी बेटी विमला के साथ रह रही थी। इसमें एक फ्लेट में मां-बेटी और दूसरे फ्लैट को उन्होंने एक वर्ष पहले किराए पर चाऊमीन का ठेला लगाने वाले पड़ोसी की बेटी शालू को दिया था। जिसकी शादी बस्ती जिले के रहने वाले एक युवक से हुई है।

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