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    गोरखपुर में अवैध ढंग से घरों में पल रहे हैं खूंखार कुत्ते, लापरवाही पड़ ना जाए भारी

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 09:01 AM (IST)

    गोरखपुर में पालतू कुत्तों का आतंक जारी है। पिटबुल नस्ल के कुत्ते के हमले से एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। केंद्र सरकार द्वारा 23 नस्ल के कुत्तों को खतरनाक घोषित किए जाने के बावजूद शहर में लोग उन्हें पाल रहे हैं। नगर निगम में इन कुत्तों का पंजीकरण नहीं होता और लापरवाही बरतने पर जुर्माने का प्रावधान है लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है।

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    पिटबुल कुत्ते के हमले में एक बच्चे के गंभीर रूप से घायल होने की हो चुकी है घटना। फोटो-इंटरनेट मीडिया

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर में आवारा कुत्ते ही नहीं, पालतू कुत्तों का भी आतंक है। झांसी की तरह गोरखपुर शहर में पालतू पिटबुल नस्ल के कुत्ते के द्वारा काटने की घटना हो चुकी है, जिसमें एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था।

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    शिकायत पर पुलिस ने कुत्ते को पालने वाले के खिलाफ पालतु पशु को लेकर लापरवाही बरतने और मानव जीवन को खतरे में डालने का मुकदमा दर्ज किया था। इसके बावजूद केंद्र सरकार के द्वारा खतरनाक घोषित किए गए कुत्तों को शहर में काफी संख्या में पाल रहे हैं। ऐसे मामलों में निगम मूकदर्शक बना हुआ है। हालांकि, निगम में ऐसे किसी कुत्ते का पंजीकरण नहीं है और न ही पंजीकरण किया जाता है।

    भारत में कुत्तों की 23 नस्लों को केंद्र सरकार द्वारा खतरनाक घोषित किया गया है, जिनमें पिटबुल टेरियर, रोटवीलर, डोगो अर्जेंटीना, अमेरिकन बुलडाग और जापानी टोसा शामिल हैं। इसके बावजूद शहर के लोग इनमें से कुछ नस्ल के कुत्ते को पाल रहे हैं।

    इनके द्वारा कई बार लोगों को काटने की घटना हो चुकी है। करीब एक वर्ष पहले रामगढ़ ताल क्षेत्र के भरवलिया इलाके में पिटबुल कुत्ते से परेशान लोगों ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई थी। ट्रांसपोर्ट नगर में पिटबुल ने आठ वर्षीय बच्चे को काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था।

    पुलिस ने इस कुत्ते को पालने वाले खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। चार नवंबर, 2024 में नकहा नंबर एक के बसंतपुर में भी एक बच्चे को काटकर घायल कर दिया था। इसके अलावा पालतू कुत्ते के द्वारा काटने की और कई घटनाएं हो चुकी हैं।

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    खतरनाक घोषित कुत्तों का निगम नहीं करता है पंजीकरण

    नगर निगम के नियमानुसार पालतू कुत्ते का रजिस्ट्रेशन जरूरी है, लेकिन शहर में हजारों की संख्या में पालतू कुत्ते के होने के बावजूद मात्र 112 का पंजीकरण है। निगम की ओर से इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

    नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. रोबिन चंद्रा का कहना है कि बिना पंजीकरण कुत्ते को रखने पर 5000 रुपये जुर्माना का प्रविधान है। इसके अलावा अगर कोई भी व्यक्ति खतरनाक घोषित कुत्ते का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आता है तो न सिर्फ इंकार कर दिया जाता है, बल्कि उन्हें ऐसे कुत्तों को नहीं पालने की सलाह दी जाती है।

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