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    गोरखपुर में दानापानी के पास डिवाइडर कट की आवश्यकता जांचेंगे अधिकारी, समस्या का होगा समाधान

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 09:50 AM (IST)

    गोरखपुर में दानापानी रेस्टोरेंट के पास डिवाइडर कट की समस्या को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी संयुक्त जांच करेंगे। उद्योग बंधु की बैठक में उद्यमियों ने बिजली बिल, सब्सिडी और सड़क सुरक्षा जैसे मुद्दे उठाए। कमिश्नर ने अधिकारियों को तत्काल समाधान के निर्देश दिए। लंबित सब्सिडी और ब्याज समायोजन के मामलों पर भी चर्चा हुई। कमिश्नर ने उद्यमियों की समस्याओं का संवेदनशीलता से समाधान करने का आदेश दिया।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दानापानी रेस्टोरेंट के पास डिवाइडर कट की आवश्यकता जिला प्रशासन से लेकर पुलिस अधिकारी जांचेंगे। संयुक्त टीम की जांच के आधार पर यातायात को सुगम बनाने के लिए स्थाई समाधान निकाला जाएगा। इसके अलावा बिजली बिल संबंधी उद्यमियों की समस्या दूर की जाएगी।

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    मंडलायुक्त अनिल ढींगरा की अध्यक्षता में बुधवार को उद्योग बंधु की बैठक आयोजित हुई। इसमें औद्योगिक क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं और सरकारी योजनाओं की प्रगति पर विस्तृत चर्चा हुई। उद्यमियों ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली, लंबित सब्सिडी और सड़क सुरक्षा से जुड़े अहम मामले उठाए। कमिश्नर ने सभी मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को तत्काल समाधान निकालने के सख्त निर्देश दिए।

    बैठक में उद्यमियों की तरफ से दाना पानी रेस्टोरेंट के पास डिवाइडर कट बंद होने से होने वाली दिक्कतों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया, जिससे आवागमन में भारी समस्या आ रही थी। मंडलायुक्त ने इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए अपर जिलाधिकारी नगर, एसपी सिटी और गीडा अधिकारियों की एक संयुक्त टीम को मौके पर जाकर सड़क का निरीक्षण करने और यातायात को सुगम बनाने के लिए स्थाई समाधान निकालने का निर्देश दिया।

    बिजली विभाग से जुड़ी कई शिकायतें भी सामने आईं। लघु उद्योग भारती की तरफ से कहा गया कि कई उद्योगों को आंशिक बिल मिल रहे हैं और भुगतान के बावजूद बिल सिस्टम में अपडेट नहीं हो रहे, जिससे बकाया दर्शाया जा रहा है। इसके अलावा, वर्ष 2017 की उद्योग नीति के तहत प्रदेश में अधर में लटकी सब्सिडी के भुगतान की भी मांग उठाई गई।

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    विनायक उद्योग के प्रतिनिधि ने एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए बताया कि विद्युत विभाग द्वारा सुरक्षा धनराशि पर ब्याज देने का प्रावधान है, लेकिन वर्ष 2019 से 2024 तक का ब्याज अभी तक समायोजित नहीं किया गया है। छह बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कमिश्नर ने अधीक्षण अभियंता को इस मामले को तुरंत सुलझाने के निर्देश दिए।

    गीडा क्षेत्र में कामन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) की प्रगति की जानकारी लेते हुए कमिश्नर ने बताया कि डीपीआर तैयार कर एनएमसीजी को भेजा जा चुका है। उद्यमियों ने उद्योग स्थापित करने में लगने वाले समय अवधि की समीक्षा की भी मांग की, जिस पर मंडलायुक्त ने रिपोर्ट तलब की है।

    कमिश्नर अनिल ढींगरा ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि उद्यमियों की समस्याओं का संवेदनशीलता से निस्तारण किया जाए और विभिन्न योजनाओं की प्रगति में तेजी लाई जाए। बैठक में सुधांशु टिबरेवाल, आशीष खेतान, अशोक शाव सहित कई उद्यमी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।