2027 में विकास का नया मॉडल बनकर उभरेगा गोरखपुर, यातायात व्यवस्था में सुधार
गोरखपुर शहर में विकास की कई परियोजनाएं चल रही हैं, जिनके 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। कमिश्नर और डीएम ने मार्च 2027 तक सभी परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। रिंग रोड, विरासत गलियारा, और राप्ती नदी पर पुल जैसे कई प्रोजेक्ट शामिल हैं। एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण और लिंक एक्सप्रेसवे भी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

सिक्स लेन रोड, ओवरब्रिज, रिंग रोड, एयरपोर्ट विस्तार और पर्यटन योजनाएं बनाएंगी आधुनिक गोरखपुर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वांचल का प्रवेशद्वार कहे जाने वाला गोरखपुर अब तेज़ी से विकास की नई कहानी लिख रहा है। शहर के भीतर और आसपास चल रही दर्जनों परियोजनाएं अगले डेढ़ वर्षों में पूरी हो जाएंगी। 2027 तक गोरखपुर की सूरत बदल जाएंगी। सड़कें चौड़ी होंगी, यातायात सुगम होगा और निवेश के नए अवसर खुलेंगे।
शासन की मंशा के अनुरूप कमिश्नर अनिल ढींगरा और डीएम दीपक मीणा ने कार्यदायी संस्थाओं के लिए हर हाल में मार्च 2027 तक सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूरा कर आमजन को समर्पित करने की समय सीमा तय की है।
इनमें गोरखपुर का पहला सिक्स लेन नौसढ़-पैडलेगंज और पहला सिक्सलेन ओवर ब्रिज टीपी नगर-पैडलेगंज के अलावा गोरखनाथ, खजांची, नकहा और पादरी बाजार जैसे फोरलेन पर अगले साल ही आवागमन शुरू हो जाएगा। शहर के चारों ओर बन रहा रिंग रोड भी अगले साल पूरा हो जाएगा, जो गोरखपुर के ट्रैफिक मैनेजमेंट में ऐतिहासिक सुधार लाएगा।
तीन ओर से रिंग रोड पहले ही तैयार हो चुका है। अब जंगल कौड़िया से जगदीशपुर तक का हिस्सा भी बन जाने से बाहर से आने वाले वाहनों को शहर में नहीं प्रवेश करना होगा। वे रिंग रोड के जरिए ही वाराणसी, लखनऊ, कुशीनगर, सोनौली आदि क्षेत्राें में निकल जाएंगे। उन्हें घंटों जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। लगभग 1,780 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन यह परियोजना 2022 में शुरू हुई थी।
विरासत गलियारा का काम रफ्तार पकड़ता दिख रहा है। अगले साल के आखिरी तक यह भी बनकर तैयार हो जाएगा। राप्ती नदी पर चार लेन का नया पुल भी मार्च 2027 तक पूरा हो जाएगा।
गोरखपुर एयरपोर्ट को आधुनिक बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया गया है। लगभग 900 करोड़ की लागत से नया टर्मिनल और रनवे विस्तार कार्य प्रस्तावित है। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया, सेना और राज्य सरकार के बीच समझौते के बाद निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। नए टर्मिनल से यात्रियों की संख्या दोगुनी होगी और नई उड़ानें जुड़ेंगी।
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वहीं रामगढ़ताल के चारों ओर रिंग रोड अगले साल तक बनकर तैयार हो जाएगी। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार भी सृजित होंगे।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से गोरखपुर के लिए ग्रीनफील्ड बायपास परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। यह बायपास शहर के बाहरी हिस्सों से होकर गुजरेगा, जिससे भीतर के इलाकों का ट्रैफिक हल्का होगा। वहीं, गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा नई आवासीय योजनाओं और फ्लाईओवर प्रोजेक्ट्स पर भी काम जारी है।
लिंक एक्सप्रेसवे बना विकास की धुरी
लगभग 91 किलोमीटर लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से शहर को सीधे जोड़ रहा है। करीब 5,876 करोड़ की लागत से बनी यह परियोजना 2018 में शुरू हुई थी। इसके चालू हो जाने से गोरखपुर से लखनऊ की दूरी और यात्रा समय में बड़ी कमी आई है। माल परिवहन और औद्योगिक गतिविधियों को भी नई गति मिल रही है।
परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए नियमित मानिटरिंग की जा रही है। कार्यदायी संस्थाओं के निर्देश दिए गए हैं कि निर्माण कार्य तय समय पर पूरें किए जाएं और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। वर्ष 2027 की पहली तिमाही तक महानगर और उसके आस-पास जितनी भी निर्माणाधीन परियोजनाएं हैं, वे भी पूरी हो जाएंगी। इन सभी परियोजनाओं के पूरे हो जाने पर गोरखपुर का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा। बेहतर सड़कें, आधुनिक एयरपोर्ट, सुगम ट्रैफिक और सुदृढ़ पर्यटन अवसंरचना शहर को नई पहचान देंगे।
- अनिल ढींगरा, कमिश्नर
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