गोरखपुर में घर का सपना होगा साकार, कुश्मी एन्क्लेव में फ्लैटों का पंजीकरण शुरू
गोरखपुर में कुश्मी एन्क्लेव आवासीय परियोजना के तहत आधुनिक सुविधाओं वाले फ्लैटों के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। विकास प्राधिकरण की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण किया जा सकता है। इस परियोजना में तीन वर्ग के फ्लैट हैं और लगभग ढाई साल में सभी फ्लैट बनकर तैयार हो जाएंगे। यह परियोजना गोरखपुर में घर का सपना साकार करने में मदद करेगी।

57 लाख से एक करोड़ रुपये कीमत तक के हैं तीन वर्गों के अलग-अलग फ्लैट
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने गोरखनाथ क्षेत्र के लच्छीपुर में प्रस्तावित अपनी बहुमंजिली आवासीय परियोजना कुश्मी एन्क्लेव के फ्लैटों के लिए शुक्रवार से पंजीकरण शुरू कर दिया है। आवेदन करने की आखिरी तिथि 17 नवंबर है।
पांच एकड़ में प्रस्तावित 286 फ्लैट वाली इस परियोजना में 860 वर्ग फीट क्षेत्रफल वाले टू बीएचके के फ्लैट की कीमत करीब 57 लाख रुपये है। इसी तरह 1380 वर्ग फीट क्षेत्रफल के थ्री बीएचके फ्लैट की कीमत करीब 94 लाख और 1560 वर्गफीट क्षेत्रफल वाले सर्वेंट क्वार्टर के साथ थ्री बीएचके फ्लैट की कीमत करीब 1.06 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। ढाई साल में परियोजना पूरी करने का लक्ष्य तय है। निर्माण कार्य का जिम्मा गोरखपुर की ही चयनित फर्म जीत एसोसिएट्स को सौंपा गया है।
दो ब्लाक में होंगे 11 मंजिल के पांच टावर
परियोजना के अंतर्गत ए और बी नाम से दो ब्लाक होंगे। ए ब्लाक में दो टावर बनेंगे जो स्टिल्ट के अलावा 11 मंजिला होंगे। इसी तरह बी ब्लाक में तीन टावर स्टिल्ट और 11 मंजिल के होंगे। ग्राउंड प्लस वन का क्लब बिल्डिंग और ग्राउंड प्लस वन का शापिंग कांप्लेक्स भी बनेगा। ए ब्लाक के दो टावर में 44-44 की संख्या में कुल 88 फ्लैट टू बीएचके श्रेणी के होंगे। इसके अलावा बी ब्लाक के तीन में थ्री बीएचके प्लस सर्वेंट रूम की सुविधा होगी।
हर टावर में 22 फ्लैट यानी कुल 66 फ्लैट बनाए जाएंगे। इसके अलावा थ्री बीएचके श्रेणी के प्रत्येक टावर में 44-44 फ्लैट यानी कुल 132 फ्लैट की सुविधा है। इस तरह बी ब्लाक के टावर में 198 फ्लैट होंगे। यानी कुल 286 फ्लैट बनाए जाएंगे। प्राधिकरण ने बताया कि परियोजना में एक बड़ी पार्किंग होगी, जिसमें लगभग 397 कार पार्क हो सकेंगी।
निर्माण में मिवान तकनीक का होगा इस्तेमाल
कुश्मी एन्क्लेव के निर्माण में मिवान तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। यह तकनीक एक निर्माण विधि है जिसमें एल्यूमीनियम फार्मवर्क का उपयोग किया जाता है। यह एक पुन: प्रयोज्य प्रणाली है जो दीवारों, स्लैब और सीढ़ियों सहित पूरे ढांचे को एक साथ ढालने के लिए उपयोग की जाती है। इस तकनीक का उपयोग करके, निर्माण प्रक्रिया को तेज किया जा सकता है, और उच्च गुणवत्ता वाली संरचनाएं प्राप्त की जा सकती है।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त कुश्मी एन्क्लेव आवासीय परियोजना के लिए पंजीकरण शुरू कर दिया गया है। विभाग की वेबसाइट पर जाकर आनलाइन पंजीकरण किया जा सकता है। परियोजना के तहत तीन वर्ग के फ्लैट हैं। करीब ढाई साल में सभी फ्लैट बनकर तैयार हो जाएंगे।
- आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष, जीडीए
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