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    UPPCL: किसने किया पास, जांच के बाद बनेंगे 3778 Smart Meters के बिल

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 08:59 AM (IST)

    गोरखपुर में रिजेक्ट किए गए स्मार्ट मीटरों को अधिशासी अभियंताओं की अनुमति के बिना सिस्टम पर चढ़ा दिया गया। 3778 कनेक्शनों को सिस्टम से हटाकर जांच शुरू कर दी गई है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आशंका है कि किसी कर्मचारी ने एक्सईएन की आईडी का दुरुपयोग किया। कार्यदायी संस्था भी जांच कर रही है।

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    किसने किया पास, जांच के बाद बनेंगे 3778 स्मार्ट मीटरों के बिल

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। जांच के लिए रिजेक्ट किए गए स्मार्ट मीटरों के कनेक्शन बिना अधिशासी अभियंताओं (एक्सईएन) की अनुमति सिस्टम पर चढ़ा दिए गए थे। अब इन 3778 कनेक्शन को वापस सिस्टम से हटा दिया गया है।

    इन कनेक्शनों से जुडे इलेक्ट्रानिक मीटरों की परीक्षण खंड में जांच होगी। इसके बाद इनके बिल बनेंगे। इसके साथ ही कनेक्शन सिस्टम पर दर्ज करने की भी जांच शुरू हो गई है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने इसे गंभीरता से लेते हुए गहराई से जांच के निर्देश दिए गए हैं।

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    प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि बिजली निगम के ही किसी कर्मचारी ने परीक्षण खंड के एक्सईएन की आइडी व पासवर्ड बांटा होगा। इसी के सहारे रिजेक्ट किए गए ज्यादातर मीटरों को सिस्टम में फीड कर दिया गया होगा।

    उपभोक्ता के परिसर से इलेक्ट्रानिक मीटर उतारने के बाद स्मार्ट मीटर लगाया जाता है। स्मार्ट मीटर स्थापित करने के साथ ही उपभोक्ता को नए और पुराने मीटर से संबंधित पूरी जानकारी दर्ज करते हुए एक रसीद दी जाती है।

    इसे क्वालिटी कंट्रोल (क्यूसी) वन प्रक्रिया का पूरा होना बताया जाता है। इसके बाद स्मार्ट मीटर से जुड़ी सूचना को कंपनी अपने सिस्टम पर दर्ज करती है। इसे क्यूसी टू की प्रक्रिया पूरा होना बताया जाता है। दर्ज सूचना की परीक्षण खंड के एक्सईएन जांच कराते हैं।

    यदि परिसर से उतारा गया इलेक्ट्रानिक मीटर नो डिस्प्ले हो या कोई अन्य गड़बड़ी हो तो इनकी जांच परीक्षण खंड के लैब में होती है। लैब में मीटर की वास्तविक रीडिंग आ जाती है। इसके बाद इस रीडिंग को दर्ज करते हुए क्यूसी थ्री की प्रक्रिया पूरी की जाती है।

    विद्युत परीक्षण खंड प्रथम के एक्सईएन ने लिखा पत्र

    विद्युत परीक्षण खंड प्रथम के एक्सईएन परवेज आलम ने अपने पत्र में लिखा है कि 16 सितंबर को रिजेक्ट मामलों की संख्या 3963 थी। मेरी आइडी का दुरुपयोग करते हुए 17 सितंबर को दोपहर 2:35 बजे से रात 11:54 तक 3168 और 18 सितंबर की रात 12:02 बजे से रात 1:42 बजे तक 228 और सुबह 7:04 बजे से 10:40 बजे तक 503 रिजेक्ट मामलों को अनुमोदित कर दिया गया।

    18 सितंबर को मैंने सिस्टम पर अपनी आइडी खोलने की कोशिश की तो पता चला कि पासवर्ड बदला गया है। लिखा है कि राजस्व की क्षति से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इसकी पूरी जांच जरूरी है।

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    यहां इतने मीटरों का गलत तरीके से हुआ अनुमोदन

    जिला
    मीटर
    बस्ती  524
    संतकबीरनगर  16
    सिद्धार्थनगर  77
    गोरखपुर  3037
    देवरिया  124
    कुशीनगर  70

    नोट- यह सूची पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने भेजी है

    कार्यदायी संस्था में भी शुरू हुई जांच

    स्मार्ट मीटर लगाने वाली कार्यदायी संस्था ने भी मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। जांच के दौरान अब सिर्फ नए कनेक्शनों पर ही स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। नई व्यवस्था के कारण मंडल में शुक्रवार को तकरीबन चार सौ मीटर ही लग सके। इससे पहले रोजाना तकरीबन तीन हजार स्मार्ट मीटर लगाए जाते थे।