Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    नए साल से पहले अलाव हुआ महंगा, लकड़ी और कोयले की कीमतों में उछाल; अब खर्च करने पड़ रहे कितने पैसे?

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 07:28 PM (IST)

    गोरखपुर में बर्फीली हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान गिरने से अलाव की मांग बढ़ गई है। लकड़ी और कोयले की कीमतों में भारी उछाल आया है, जिससे आम लोगों के लिए ...और पढ़ें

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बर्फीली पछुआ हवा के कारण न्यूनतम तापमान गिरकर आठ डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। इसके चलते जन सामान्य राहत पाने के लिए अलाव की जरूरत महसूस कर रहा है। लेकिन, लकड़ी और कोयले की कीमतों में उछाल के चलते इसका प्रबंध हर किसी के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। लोग ठंड से बचने के लिए महंगे दर पर कोयला और लकड़ी खरीद रहे हैं। इससे इनकी बिक्री में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोयला विक्रेता राजेश ने बताया कि नवंबर के अंत तक जो लकड़ी का कोयला 35 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, उसकी कीमत अब 55 रुपये तक पहुंच गई है। वहीं, पत्थर कोयला 18 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है। वह अब 30 से 35 रुपये हो गई हैं। व्यापारियों का कहना है कि ठंड का प्रकोप यदि इसी तरह बना रहा, तो आने वाले दिनों में कीमतों में दो से पांच रुपये का और इजाफा हो सकता है।

    बाजार में मांग की पूर्ति के लिए स्थानीय व्यापारी बाहरी क्षेत्रों पर निर्भर हैं। स्थानीय स्तर पर स्टाक कम होने के कारण लकड़ी का कोयला दूसरे जिलों से मंगवाया जा रहा है। वहीं, औद्योगिक और घरेलू उपयोग में आने वाला पत्थर कोयला मुख्य रूप से झारखंड और सोनभद्र से मंगाया जा रहा है। आवक कम और मांग अधिक होने के कारण कीमतों में तेजी बनी हुई है।

    बेतियाहाता स्थित लकड़ी व्यापारी संजय के अनुसार, पिछले दो दिनों में सूखी लकड़ी की बिक्री में भारी बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में बाजार में बड़ी लकड़ी जिसमें साखू और आम 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मिल रही है, जबकि लकड़ी के छोटे टुकड़े आठ रुपये प्रति किलोग्राम मिल रही हैं। पहले कीमतें लगभग आधी थीं। पिछले 10 दिनों में मांग में जिस तरह से तेजी आई है, उससे आने वाले दिनों में बाजार और गरम होगा।

    बंद कमरे में अंगीठी जलाने से बचें
    ठंड से बचाव के लिए लोग घरों में कोयला जला रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोना जानलेवा हो सकता है। कोयले से निकलने वाली कार्बन मोनोआक्साइड गैस दम घोंट सकती है। ऐसे में लोगों को ध्यान रखना होगा कमरे में पर्याप्त हवा आती रहे, जिससे किसी भी तरह का अनहोनी न होने पाए।