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    महुआचाफी कांड: तस्करों को निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचाता था पिकअप चालक अजहर, तेज रफ्तार में भगाने में था माहिर

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 09:36 AM (IST)

    गोरखपुर के एक पशु तस्कर रहीम की गिरफ्तारी से तस्करी नेटवर्क का खुलासा हुआ है। गोपालगंज निवासी अजहर हुसैन भी इस गिरोह से जुड़ा था जो पिकअप चालक था। मन्नू सेठ ने उसे इस गिरोह में शामिल किया था। अजहर पहले भी गो-तस्करी में गिरफ्तार हो चुका था। परिजनों का आरोप है कि मन्नू साह के कारण अजहर की जान गई। पुलिस मन्नू सेठ की तलाश कर रही है।

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    तस्कर अजहर हुसैन की मौत होने की सूचना पर रोते-बिलखते उसके स्वजन। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज/गोरखपुर। मुठभेड़ में पकड़े गए एक लाख का इनामी पशु तस्कर रहीम की गिरफ्तारी ने यूपी व बिहार के के सीमावर्ती इलाके में चल रहे तस्करी नेटवर्क की परतें खोल दी हैं।गोपालगंज का रहने वाला अजहर हुसैन इसी नेटवर्क से जुड़ा था। गिरोह में उसकी भूमिका पिकअप चालक के रूप में थी।तेज रफ्तार में गाड़ी को भगाने में वह माहिर थाा।

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    मूल रूप से गोपालगंज के कटेया क्षेत्र का निवासी अजहर हुसैन अपने ननिहाल गोपालपुर थाना क्षेत्र के रामपुर खुर्द गांव में रहता था। कुख्यात मन्नू सेठ ने उसे तस्करों के गैंग से जोड़ा था।करीब ढाई वर्ष पहले भी उसे पुलिस ने गो-तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था।

    जमानत पर छूटने के बाद वह फिर से इसी धंधे में सक्रिय हो गया। अगस्त माह में तबीयत बिगड़ने पर उसने मजदूरी शुरू की थी, लेकिन स्वास्थ्य सुधरते ही बीते 20 दिनों से वह फिर पशु तस्करी में जुट गया। गांव के लोग बताते हैं कि रात के अंधेरे में पिकअप दौड़ाते हुए पुलिस की नाकेबंदी को आसानी से तोड़ने में माहिर था।

    उसकी इसी क्षमता के कारण गिरोह के बड़े तस्कर भी उसे अपने साथ रखना चाहते थे।रहीम की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब गैंग लीडर मन्नू सेठ की तलाश में जुटी है। गोपालपुर थाना क्षेत्र के अहिरौली दुबौली तकिया गांव का रहने वाला मन्नू सेठ कई राज्यों में सक्रिय नेटवर्क संचालित करता है। कुशीनगर पुलिस और पिपराइच थाना की टीमों ने गुरुवार की रात से ही उसकी गिरफ्तारी के लिए सर्च अभियान तेज कर दिया है।

    तीन साल से मन्नू सेठ के साथ जुड़ा था अजहर

    परिजनों के मुताबिक अजहर करीब तीन वर्ष से पशु तस्कर मन्नू सेठ उर्फ मन्नू साह के संपर्क में था। सोमवार की सुबह मन्नू ने अपने सहयोगी को भेजकर अजहर को बुलाया।दो घंटे बाद जब अजहर वापस नहीं लौटा तो उसकी पत्नी ने दो लड़कों को मन्नू के घर भेजा। वहां मन्नू साह ने दोनों को यह कहकर लौटा दिया कि अजहर की तबीयत खराब है और उसका उपचार कराया जा रहा है।

    स्वजनों ने बताया कि मंगलवार को उन्हें अजहर के पकड़े जाने की सूचना मिली और शुक्रवार की सुबह उसकी मौत की खबर आई। अचानक हुई इस घटना के बाद स्वजनों में कोहराम मच गया। पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।स्वजनों का आरोप है कि मन्नू साह के गिरोह में फंसकर ही अजहर की जान गई।

    मन्नू की संगत से निकलने की हर कोशिश नाकाम साबित हुई। अब अजहर पत्नी मैरूननिशा बड़ी पुत्री नरगिस (10), बेटा शाहील (8) और आहिल (6) मन्नू सेठ पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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    पिता ने कहा मन्नू सेठ ने बेटे को फंसाया

    अजहर हुसैन के पिता ईश मोहम्मद का कहना है कि बेटे की पशु तस्करी में संलिप्तता का उन्हें कभी अंदेशा नहीं था। उनका मानना था कि अजहर केवल मन्नू सेठ के कारोबार का माल ढोने का काम करता है।

    गांव के लोगों का कहना है कि मन्नू सेठ का बड़ा कारोबार है।सबको यह जानकारी थी कि अजहर सिर्फ ट्रक और पिकअप चलाकर उसका माल ढोता है। पशु तस्करी में उसकी भूमिका होने की बात हमें कभी नहीं लगी।इस घटना के लिए पूरी तरह से मन्नू सेठ जिम्मेदार है।

    पुलिस से मांग की कि मन्नू सेठ और उसके पूरे नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि आगे किसी परिवार को ऐसी त्रासदी न झेलनी पड़े।थानाध्यक्ष शुभाष कुमार ने कहा कि यूपी पुलिस ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से अहिरौली दुबौली टोला तकिया में आरोपितों के गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की थी अभी सफलता हाथ नहीं लगी है।अजहर हुसैन के आपराधिक इतिहास को भी खंगाला जा रहा है।