Gorakhpur Air Quality: ठंड में गोरखपुर शहर की हवा सेहतमंद, नवंबर में संतोषजनक AQI
गोरखपुर में ठंड के मौसम में भी हवा की गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। नवंबर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) लगातार संतोषजनक श्रेणी में दर्ज किया गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, निर्माण स्थलों पर छिड़काव और कूड़ा जलाने पर रोक जैसे उपायों से वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। दीपावली के बाद एक्यूआइ प्रभावित हुआ था, लेकिन तुरंत उठाए गए कदमों से स्थिति सामान्य हो गई। वर्तमान में गोरखपुर की हवा दिल्ली से बेहतर है।

दीपावली के बाद बढ़ा एक्यूआइ, फिर आई कमी। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। ठंड के आगमन के बीच शहर की हवा सेहत के अनुकूल बनी हुई है। नवंबर में शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) लगातार संतोषजनक श्रेणी में दर्ज किया गया है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जुड़े विज्ञानियों ने बताया कि निर्माण स्थलों पर नियमित पानी का छिड़काव, कूड़ा-करकट जलाने पर रोक और प्रदूषण के अन्य स्रोतों पर नियंत्रण जैसे व्यापक उपायों की वजह से वायु गुणवत्ता में सुधार है।
आमतौर पर ठंड बढ़ने के साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ जाता है। दिल्ली सहित कई शहरों में जहां सांस लेना मुश्किल हो रहा है, वहीं गोरखपुर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रित है। अधिकारियों के अनुसार दीपावली के बाद कुछ दिनों वायु गुणवत्ता प्रभावित हुई थी, लेकिन समय पर उठाए गए कदमों से एक्यूआइ फिर से सामान्य स्तर पर लौट आया।
एमएमयूटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक विज्ञानी (पर्यावरण) सत्येंद्र नाथ यादव ने बताया कि शहर को तीन जोन में बांटकर वायु गुणवत्ता का आंकलन किया जाता है। आवासीय जोन (एमएमयूटी क्षेत्र) में आनलाइन मापन होता है। व्यावसायिक जोन (गोलघर) में जलकल भवन की छत पर स्थापित मशीन और औद्योगिक जोन (गीडा)के इंडिया ग्लाइकोल लिमिटेड भवन पर स्थापित मशीन से आंकड़े लिए जाते हैं।
सहायक विज्ञानी के अनुसार अक्टूबर में तीनों जगहों का औसत एक्यूआइ 59 पाया गया है। दीपावली के बाद 23 अक्टूबर को औद्योगिक जोन में अधिकतम 147, 22 अक्टूबर को गोलघर में 90 और एमएमयूटी में एक्यूआइ 71 पर रहा। नवंबर में काफी सुधार पाया गया है।
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एक से 25 नवंबर तक औसत एक्यूआइ 62 दर्ज किया गया। गीडा (औद्योगिक जोन) में अधिकतम 90, एमएमयूटी (आवासीय जोन) में 57 और गोलघर (व्यावसायिक जोन) में 72 दर्ज किया गया है।
विज्ञानियों का कहना है कि यह स्तर पूर्णत: संतोषजनक है। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव की आशंका बेहद कम होती है।
धूप खिलने और पछुआ हवा के चलने से मौसम शुष्क बना हुआ है। इससे धूल और अन्य कण प्रदूषक हवा में स्थिर होकर परत नहीं बना पा रहे, जिससे एक्यूआइ बेहतर स्तर पर बना हुआ है।
एक्यूआइ का मानक
स्तर प्रभाव
0 - 50 अच्छा
51 - 100 संतोषजनक
101 - 200 मध्यम
201 - 300 खराब
301 - 400 बहुत खराब
401 - 500 खतरनाक

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