गोरखपुर शहर में हवा की 'साफ' होगी तस्वीर, चार स्थानों पर ऑनलाइन AQI मॉनीटरिंग सिस्टम लगाने की तैयारी
गोरखपुर शहर में हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए चार स्थानों पर ऑनलाइन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाएगा। उत्तर प्रदेश प्रदूषण निय ...और पढ़ें

गोरखपुर में तेजी से बदल रहा है मौसम। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। वायु गुणवत्ता की वास्तविक समय में निगरानी के लिए चार जगहों पर आनलाइन एक्यूआइ मानीटरिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से नगर निगम को इस संबंध में सुझाव भेजे गए हैं। एमएमयूटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग (पर्यावरण) के विशेषज्ञों ने भी विस्तृत रिपोर्ट बनाई है।
अधिकारियों का कहना है कि नए मॉनीटरिंग सिस्टम की स्थापना के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इससे शहर में लोगों को वायु गुणवत्ता की वास्तविक समय (रियल टाइम) जानकारी मिल सकेगी।
शहर को वायु गुणवत्ता के आधार पर तीन जोन आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक में बांटा गया है। आवासीय जोन (एमएमयूटी क्षेत्र) में लगा अत्याधुनिक मानीटर 24 घंटे ऑनलाइन स्थिति बताता है।
व्यावसायिक जोन (गोलघर) स्थित जलकल भवन की छत पर लगी मैन्युअल मशीन से डेटा लिया जाता है। औद्योगिक जोन (गीडा) में इंडिया ग्लाइकोल लिमिटेड के भवन पर लगी मशीन से आंकलन किया जाता है।
एमएमयूटी को छोड़कर शेष दोनों स्थानों पर वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट तैयार होने में काफी समय लगता है। इससे वास्तविक स्थिति तत्काल जानकारी नहीं मिल पाती है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम के तहत एमएमयूटी के अलावा सिविल लाइंस, गोरखनाथ–बरदगवां रोड, गीडा और नंदानगर व असुरन के मध्य क्षेत्र में नई मशीनों को स्थापित करने की तैयारी की जा रही है।
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ये मशीनें लगातार वायु की स्थिति दर्ज करेंगी। इससे लोगों को हवा की गुणवत्ता से जुड़े ऑनलाइन आंकड़े एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि हवा में प्रदूषण बढ़ने पर जहां तुरंत जानकारी मिल सकेगी। वहीं दमा और फेफड़े की बीमारियों से पीड़ित लोग सावधानी बरत सकेंगे। प्रशासन को भी समय रहते कार्रवाई करने में आसानी होगी। औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण की निगरानी और मजबूत होगी।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक विज्ञानी राममिलन वर्मा ने बताया कि नए उपकरणों की स्थापना के संबंध में कार्रवाई चल रही है। नगर निगम की ओर से तकनीकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद कार्य पूरा कराया जाएगा।

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