Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    गोरखपुर AIIMS में रोगियों को सीधे नहीं देखेंगे विशेषज्ञ डॉक्टर, रेफर पर्चा भी नहीं आएगा काम

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 12:43 PM (IST)

    गोरखपुर एम्स में अब विशेषज्ञ डॉक्टर सीधे मरीजों को नहीं देखेंगे। पहले मरीजों को सामान्य चिकित्सकों को दिखाना होगा, जो तय करेंगे कि विशेषज्ञ की आवश्यकता है या नहीं। इसका उद्देश्य विशेषज्ञों पर मरीजों का बोझ कम करना है। रेफर किए गए मरीजों को ही विशेषज्ञों से परामर्श करने की अनुमति होगी। टेलीमेडिसिन सेवाओं को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

    Hero Image

    पहले मेडिसिन या सर्जरी विभाग में रोगी को दिखाना होगा। जागरण

    दुर्गेश त्रिपाठी, जागरण गोरखपुर। एम्स में विशेषज्ञ डाक्टरों को दिखाने की पहले की व्यवस्था फिर से लागू करने की तैयारी चल रही है। गैस्ट्रोएंटरोलाजी, न्यूरोलाजी, हार्ट और भविष्य में शुरू होने वाले अन्य विभागों में रोगी को ओपीडी से सीधे नहीं भेजा जाएगा। न्यूरो सर्जरी में इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। इस विभाग में रोगी का सीधा पर्चा नहीं बन रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रोगी को पहले मेडिसिन या सर्जरी विभाग में डाॅक्टर को दिखाना होगा। यदि डाॅक्टर को जरूरत दिखेगी तब वह विशेषज्ञ डाॅक्टर को दिखाने के लिए रेफर करेंगे। इसके बाद रोगी का दोबारा पर्चा बनेगा और विशेषज्ञ डाॅक्टर के कक्ष के बाहर नंबर लगाना पड़ेगा। अभी रोगी सीधे विशेषज्ञ डाॅक्टरों को दिखा सकते हैं। इससे समय की बचत होती है। हालांकि डाॅक्टरों के पास रोगियों की संख्या तीन सौ से भी ज्यादा पहुंच जाती है। इससे वह रोगियों को पर्याप्त समय नहीं दे पाते हैं।

    एम्स में मीडिया सेल की चेयरपर्सन डाॅ. आराधना सिंह ने कहा कि जैसे-जैसे विशेषज्ञ डाॅक्टरों की संख्या बढ़ती जाएगी, संबंधित विभागों में रोगियों को सीधे देखने की व्यवस्था खत्म की जाएगी। विशेषज्ञ डाॅक्टरों के पास उन्हीं रोगियों को जाना चाहिए जिनका उपचार सिर्फ वही कर सकें। निजी डाॅक्टरों के रेफर पर्चे को भी नहीं माना जाएगा।

    डाॅक्टरों की ओपीडी में भी सिर्फ 155 रोगी

    एम्स प्रशासन ने विशेषज्ञ डाॅक्टरों की ओपीडी में रोगियों की संख्या भी निर्धारित कर दी है। ऑनलाइन माध्यम से 105 और आफलाइन माध्यम से 50 रोगियों का ही पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि यह व्यवस्था मौखिक है लेकिन पर्चा काउंटर पर इसका पालन किया जा रहा है। यदि दूसरे विभागों से रोगियों को रेफर किया जाता है तो उनका पर्चा बनाया जा रहा है। इस व्यवस्था के कारण बुधवार को कई रोगियों को वापस लौटना पड़ा।

    पूर्व कार्यकारी निदेशक डाॅ. अजय सिंह ने शुरू की व्यवस्था

    एम्स के पूर्व कार्यकारी निदेशक डाॅ. अजय सिंह ने रोगियों की सहूलियत के लिए विशेषज्ञ डाक्टरों को सीधे दिखाने की सुविधा शुरू की थी। इसके साथ ही उन्होंने पर्चा बनवाने का समय भी दोपहर एक बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक का कर दिया था। उनका कहना था कि एम्स गोरखपुर अभी नया है और पूर्वांचल के साथ ही बिहार व नेपाल के रोगी यहां पहुंच रहे हैं।

    उनका समय बचाने और उत्कृष्ट उपचार के लिए सीधे देखने की व्यवस्था उचित रहेगी। इसका लाभ भी रोगियों को मिल रहा था। एक दिन में तीन सौ से ज्यादा रोगी एक ओपीडी में देखे जाते थे। अब रोगियों को विशेषज्ञ डाक्टरों को दिखाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

    हफ्ते-10 दिन का नहीं खाली है स्लॉट

    एम्स गोरखपुर में विशेषज्ञ डाॅक्टरों की ओपीडी का ऑनलाइन स्लाट हफ्ते-10 दिन से भी ज्यादा का बुक है। ऐसे में रोगियों को लेकर स्वजन को एम्स की ओपीडी में पहुंचना पड़ रहा है।

    बिहार के रहने वाली 40 वर्षीय सीमा देवी को माइग्रेन की दिक्कत है। न्यूरोलाजी विभाग में दिखाने के लिए जब तक पर्चा काउंटर पर पहुंचीं तब तक विभाग फुल हो चुका है। काफी देर तक स्वजन गिड़गिड़ाए लेकिन जब सुनवाई नहीं हुई तो निजी अस्पताल के लिए लेकर चले गए। कहे कि यदि वहां फायदा नहीं हुआ तो फिर एम्स आएंगे।

    यह भी पढ़ें- सांसद रवि किशन फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतकर पहुंचे गोरखपुर, सबसे पहले किया यह काम

    कुशीनगर के रहने वाले 25 वर्षीय मनोज प्रजापति मंगलवार शाम छह बजे एम्स की ओपीडी आए। रात में नंबर के लिए टिनशेड के नीचे सोए। बुधवार तड़के चार बजे लाइन में लग गए। जब तक काउंटर पर पहुंचे ओपीडी फुल हो चुकी थी। मेडिसिन विभाग का पर्चा बनवाए तो वहां से डाक्टर ने गैस्ट्रो में रेफर कर दिया। दोपहर 2:13 बजे पर गैस्ट्रो विभाग का पर्चा बन सका।

    बिहार की 20 वर्षीय अदिति सिंह को पेट में दर्द की शिकायत है। कई जगह दिखा चुकी हैं। कोई फायदा नहीं हुआ तो एम्स में आईं। उन्हों ने गैस्ट्रो विभाग में दिखाने के लिए लाइन लगाया। काफी देर बाद पर्चा काउंटर पर पहुंचीं तो बताया गया कि ओपीडी फुल हो चुकी है। अब किसी भी हाल में पर्चा नहीं बन सकेगा। अदिति ने कहा कि अब शुक्रवार को और जल्दी आउंगी।

    महावीर छपरा के 57 वर्षीय गुलाब पाल को पेट में दर्द है। हमेशा कब्ज बना रहता है। कई लोगों ने एम्स में दिखाने की सलाह दी तो बुधवार को सुबह 8:30 बजे पहुंचे। तकरीबन 10 बजे पर्चा काउंटर पर पहुंचे तो विभाग फुल मिला। कहा गया कि आनलाइन अप्वाइंटमेंट लेकर आइए। एक सप्ताह ओपीडी फुल है। निराश होकर वह चले गए।