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    गोरखपुर एम्स में 'बिकने' से बची महिला रोगी, एंबुलेंस जब्त, चालक फरार

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 09:20 AM (IST)

    गोरखपुर एम्स में एक महिला रोगी को 'बिकने' से बचाया गया, जिसके बाद एंबुलेंस को जब्त कर लिया गया और चालक फरार हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल प ...और पढ़ें

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     एम्स थाना में खड़ी प्राइवेट एम्बुलेंस। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एम्स की इमरजेंसी से गुरुवार शाम एक महिला रोगी को निजी अस्पताल ले जाते समय एंबुलेंस चालक को रोक लिया गया। चौकी प्रभारी हिमांशी पांडेय ने सख्ती से पूछताछ शुरू की तो चालक एंबुलेंस छोड़कर फरार हो गया। महिला रोगी को इमरजेंसी में भर्ती कराने के साथ ही एंबुलेंस सीज कर दिया गया है।

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    पुलिस मालिक की तलाश कर रही है। इससे पहले भी इमरजेंसी से एक एंबुलेंस को सीज किया जा चुका है। रोगी को निजी अस्पताल में भेजने में एक कर्मचारी और एक जूनियर डाक्टर की भूमिका सामने आ रही है। मीडिया सेल की चेयरपर्सन डा. आराधना सिंह ने कहा कि जांच कराई जाएगी।

    खोराबार थाना क्षेत्र के बेलवार की रहने वाली 75 वर्षीय महिला बुधवार को घर में गिर गई थीं। स्वजन उन्हें लेकर एम्स की इमरजेंसी में पहुंचे। यहां जांच के बाद डाक्टरों ने पैर की हड्डी टूटी बताई और आपरेशन की सलाह दी। तब से महिला इमरजेंसी में ही थीं। गुरुवार को एक एंबुलेंस चालक इमरजेंसी के बाहर पहुंचा।

    थोड़ी देर बाद महिला को निजी अस्पताल में ले जाने की डील फाइनल हुई। आरोप है कि एक कर्मचारी और जूनियर डाक्टर ने निजी अस्पताल से मिलीभगत कर एम्स में आपरेशन में देर होने की बात कहकर कम से कम रुपये में उपचार का आश्वासन दिया था।

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    शाम को एम्स चौकी प्रभारी हिमांशी पांडेय गश्त कर रही थीं। इमरजेंसी के बाहर निजी एंबुलेंस देख वह पहुंचीं। उन्होंने एंबुलेंस चालक से जानकारी लेनी शुरू की तो वह घबरा गया। सख्ती करते ही वह एंबुलेंस छोड़कर भाग खड़ा हुआ।

    कर्मचारियों की मिलीभगत से निजी अस्पताल जा रहे रोगी
    एम्स की इमरजेंसी और आइपीडी में कर्मचारियों व कुछ जूनियर डाक्टरों की मिलीभगत से रोगियों को निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है। इसके एवज में निजी अस्पताल से कमीशन लिया जा रहा है। इन लोगों के निशाने पर ऐसे रोगी हैं जिनको तत्काल आपरेशन की जरूरत है या लंबे समय से आपरेशन के इंतजार में एम्स की आइपीडी में पड़े हैं।