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    गोरखपुर AIIMS में छात्रों के साथ भोजन करेंगे डॉक्टर, खाने की गुणवत्ता पर उठे थे सवाल

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 01:24 PM (IST)

    गोरखपुर एम्स में मेस के खाने की गुणवत्ता सुधारने के लिए डॉक्टरों को छात्रों के साथ भोजन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। छात्रों ने खाने में कीड़े और खराब गुणवत्ता की शिकायत की थी जिसके बाद प्रशासन ने आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी भोजन की गुणवत्ता और सफाई का निरीक्षण करेगी। पहले भी कैंटीन सील की गई थी पर स्थिति में सुधार नहीं हुआ।

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    एम्स में छात्रों के साथ भोजन करेंगे डाक्टर

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एम्स के मेस में छात्रों के साथ भोजन करने के लिए एक बार फिर डाक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। यह व्यवस्था औचक होगी। मकसद है कि डाक्टर भोजन करेंगे तो उनको गुणवत्ता की जानकारी होती रहेगी।

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    यह पहली बार नहीं है कि मेस में भोजन की गुणवत्ता और छात्रों के साथ भोजन करने की व्यवस्था बनाई गई है। इससे पहले भी सभी कार्यकारी निदेशकों ने इसके निर्देश दिए थे लेकिन दो-चार दिन बाद ही डाक्टर मेस में जाना छोड़ देते हैं। पूर्व कार्यकारी निदेशक डा. जीके पाल ने कई बार छात्रों के साथ भोजन किया था।

    एम्स में छात्रों, डाक्टरों, रोगियों के लिए भोजन बनाया जाता है। पिछले कई दिनों से छात्र मेस में भोजन की गुणवत्ता सही नहीं होने का आरोप लगा रहे थे। दो दिन पहले एक छात्र की सब्जी में कीड़ा मिलने और रायता में पानी ज्यादा होने को लेकर हंगामा हो गया।

    छात्रों ने इसका वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर भी प्रसारित कर दिया। दैनिक जागरण इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। शनिवार को मीडिया में खबरें छपीं तो एम्स प्रशासन हरकत में आया। एक बार फिर डाक्टरों को मेस में जाकर छात्रों के साथ भोजन करने के निर्देश दिए गए हैं।

    आठ सदस्यीय मेस कम्युनिटी कमेटी बनाई गई

    कार्यकारी निदेशक ने आठ सदस्यीय मेस कम्युनिटी कमेटी बनाई है। इस कमेटी में वरिष्ठ डाक्टरों को शामिल किया है। इनको औचक निरीक्षण कर भोजन की गुणवत्ता की जांच के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि यदि गुणवत्ता ठीक न हो तो दूसरा भोजन बनवाया जाए। साथ ही किचन में सफाई और खाद्य पदार्थों के रखरखाव, गुणवत्ता की भी जांच कराई जाए।

    सील हो चुका है मेस

    एम्स में भोजन की गुणवत्ता को लेकर हमेशा सवाल उठते रहते हैं। दैनिक जागरण इस अव्यवस्था की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करता रहा है। इन खबरों का संज्ञान लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम भी एम्स में जाकर जांच कर चुकी है। एम्स की पांच कैंटीन को सील भी किया जा चुका है। मेस संचालक पर भी कार्रवाई की जा चुकी है।

    इसके बाद भी व्यवस्था ठीक नहीं हो पा रही है। छात्रों का आरोप है कि मेस संचालक से शिकायत करने पर वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं होते। सूत्रों का कहना है कि मेस संचालक का कार्यकाल जल्द पूरा होने वाला है। इस कारण भी वह खामियों को दूर करने में रुचि नहीं ले रहे हैं।

    छात्रों का आरोप, खाद्य पदार्थों पर घूमते हैं काकरोच

    छात्रों का आरोप है कि मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं दिया जाता। खाद्य पदार्थों पर काकरोच घूमते हैं। बर्तन सही से साफ नहीं किया जाता है। चावल की गुणवत्ता खराब होती है, इस कारण यह अच्छा नहीं बनता। हरी सब्जी नहीं बनाई जाती। सिर्फ आलू की कच्ची सब्जी परोसी जाती है। शिकायत करने पर मेस संचालक कहते हैं कि टेंडर के अनुसार ही खाना मिलेगा। कई छात्रों ने मेस में खाना खाना बंद कर दिया है।

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    गुरुवार को मेस में किया प्रदर्शन

    गुणवत्ता न होने से नाराज एम्स के एमबीबीएस छात्रों ने गुरुवार को मेस में प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद एम्स प्रशासन ने जानकारी ली थी लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हो सका है।

    मेस में भोजन की गुणवत्ता को लेकर शिकायत मिली है। इसके लिए आठ सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी वहां की साफ-सफाई भी देखेगी। हमारी कोशिश है कि व्यवस्था बेहतर रहे। यदि भोजन गिरेगा तो काकरोच आएंगे। सफाई कराई जाएगी। कमेटी भोजन को गुणवत्ता देखेगी।

    -डा. आराधना सिंह, चेयपर्सन, मीडिया सेल, एम्स