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    ये कैसी व्यवस्था! गोरखपुर एम्स के डॉक्टर कह रहे मेडिकल कॉलेज जाओ, बिना इलाज के लौट रहे मरीज

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Thu, 28 Sep 2023 10:13 AM (IST)

    गोरखपुर व आसपास के जिलों सहित बिहार व नेपाल के रोगियों की सुविधा के लिए खोले गए एम्स में रोगियों को सिर्फ निराशा ही हाथ लग रही। यहां पहुंच रहे रोगियों को डॉक्टर बीआरडी मेडिकल कालेज जाने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में रोगियों की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। यहां इमरजेंसी की व्यवस्था है लेकिन आईसीयू की नहीं है।

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    एम्स के इमरजेंसी गेट पर रोगी को बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर किया गया। -जागरण

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोपालगंज के बिस्मिल्ला का एक माह पहले आंख का आपरेशन हुआ था। इसके बाद कमर में दर्द शुरू हुआ और धीरे-धीरे वह संक्रमण के शिकार हो गए। एक सप्ताह के अंदर उनके बाएं पैर के पीछे का हिस्सा सफेद हो गया। स्वजन उन्हें लेकर एम्स आए थे। डाक्टर ने इमरजेंसी के गेट पर देखकर कहा कि बीआरडी मेडिकल कालेज ले जाइए, यहां कोई व्यवस्था नहीं है। ब्रह्मपुर ब्लाक के दुलहरा की मनभावती देवी अपने 28 वर्षीय बेटे जयगोविंद को लेकर एम्स की इमरजेंसी में पहुंची। उन्हें डाक्टर ने कहा कि यहां आइसीयू नहीं है, बीआरडी मेडिकल कालेज ले जाइए।

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    रोगियों की उम्मीद पर फिरा पानी

    ‘नाम बड़े दर्शन छोटे’ की कहावत एम्स में चरितार्थ हो रही है। एम्स खुला तो आम जन को यह उम्मीद जगी कि बीआरडी मेडिकल कालेज से जिन रोगियों को लखनऊ के लिए रेफर किया जाता था, अब उनका उपचार भी यहां हो सकेगा। लेकिन उल्टा हो रहा है। एम्स पहुंच रहे रोगियों को बीआरडी मेडिकल कालेज भेजा जा रहा है। जबकि, पूर्ण विकसित एम्स का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात दिसंबर, 2021 को ही कर चुके हैं।

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    इमरजेंसी की व्यवस्था है, लेकिन आईसीयू की नहीं

    24 फरवरी, 2019 को ओपीडी शुरू हुई। 14 जून, 2021 से आपरेशन शुरू हो गया है। इमरजेंसी की व्यवस्था है, लेकिन अभी तक आइसीयू की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इसका खामियाजा रोगियों को भुगतना पड़ रहा है। केवल इमरजेंसी में आठ बेड के आइसीयू से काम चलाया जा रहा है। बिस्मिल्ला के स्वजन राज सिद्दीकी ने बताया कि हम यहां लेकर आए तो डाक्टर ने कहा कि यहां कोई व्यवस्था नहीं है। मेडिकल कालेज ले जाइए।

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    मनभावती का कहना है कि बेटे को शुगर है। हाथ-पैर में सूजन है। पहले जिला अस्पताल ले गई थी। वहां से मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया गया। वहां कोई उपचार ही नहीं हो रहा था। यहां लेकर आई तो डाक्टर कह रहे हैं कि यहां आइसीयू नहीं है, मेडिकल कालेज लेकर जाओ।एम्स के मीडिया प्रभारी पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि एम्स में फिलहाल आइसीयू की सुविधा नहीं है। गंभीर से गंभीर रोगियों का आपातकाल विभाग में उपचार किया जा रहा है।