गोरखपुर में गोड़धोइया नाला से अतिक्रमण हटाने का अभियान हुआ तेज, सीएम के निर्देश पर जिला प्रशासन ने संभाला मोर्चा
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद गोड़धोइया नाला से अतिक्रमण हटाने का अभियान तेज हो गया है। जिला प्रशासन ने मोर्चा संभालते हुए अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर दिया है। अवैध निर्माणों को हटाने की तैयारी की जा रही है और लोगों को स्वयं अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई है।

शाहपुर जेल बाईपास रोड क्षेत्र में नाले पर हुए अतिक्रमण को हटाया गया। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर को जलभराव की समस्या से स्थायी राहत दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए जिला प्रशासन ने निर्माणाधीन गोड़धाेइया नाला की जद में आ रहे अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई बुधवार से तेज कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर चल रही 474.42 करोड़ रुपये की गोड़धोइया नाला जीर्णोद्धार की परियोजना अब अंतिम चरण में है। प्रशासन का दावा है कि दिसंबर तक काम पूरा हो जाएगा।
बुधवार को एसडीएम सदर दीपक गुप्ता और डिप्टी कलेक्टर व तहसीलदार सदर ज्ञान प्रताप सिंह के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने शाहपुर जेल बाईपास रोड क्षेत्र में नाले पर हुए अतिक्रमण को हटाया। इस दौरान कानूनगो, लेखपाल के साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। कार्रवाई का उद्देश्य नाले की चौड़ाई बहाल कर उसे अतिक्रमण मुक्त बनाना है ताकि जल निकासी व्यवस्था सुचारु हो सके।
अधिकारियों ने बताया कि मानसून समाप्त होते ही कार्य की गति को और तेज कर दिया गया है। अब तक परियोजना का लगभग 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। 9.20 किलोमीटर लंबा पक्का नाला, 38 एमएलडी क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), 18 किमी इंटरसेप्टिंग सीवर लाइन और 16 कल्वर्ट के निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं। इनमें से 16 में से 9 कल्वर्ट बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि लगभग 6 किमी सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है।
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इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत नाले के दोनों ओर सुंदरीकरण का कार्य भी प्रस्तावित है। अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर माह के अंत तक पक्का नाला और एसटीपी का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद शोधित पानी को रामगढ़ताल में प्रवाहित किया जाएगा, जिससे पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहेगा।
परियोजना के पूर्ण होने पर शाहपुर, इलाहीबाग, बिछिया, असुरन, जेल बाइपास और आसपास की 15 से अधिक कालोनियों को जलभराव की समस्या से स्थायी राहत मिलेगी।
डीएम दीपक मीणा का कहना है कि गोरखपुर शहर के विकास में यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी, क्योंकि इससे न केवल जलभराव से मुक्ति मिलेगी बल्कि शहर के जलाशयों और नालों की प्राकृतिक धारा भी पुनर्जीवित होगी। प्रशासनिक सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से शहरवासियों को जल्द ही स्वच्छ और सुंदर गोरखपुर का अहसास होगा।

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