Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोरखपुर में लिंटर लगाने के दो दिन लिया था शटडाउन, हाईटेंशन तार बनी युवती के लिए काल

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 09:50 AM (IST)

    गोरखपुर के मोगलहा में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से एक युवती की दर्दनाक मौत हो गई। बिजली विभाग की लापरवाही सामने आई है जिसमें शटरिंग और लिंटर के लिए अलग-अलग दिन शटडाउन दिए गए। जांच में भ्रष्टाचार की आशंका भी जताई जा रही है क्योंकि शटडाउन के लिए पैसे लेने की बात सामने आई है। अभियंताओं के अनुसार हाईटेंशन लाइन पर प्लास्टिक पाइप भी सुरक्षा प्रदान नहीं करती।

    Hero Image
    मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र से जुड़े मोगलहा में करंट से युवती की मृत्यु का मामला

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र से जुड़े मोगलहा में 11 हजार वोल्ट की हाइटेंशन लाइन के नीचे छत बनाने के लिए बिजलीकर्मियों ने मनमानी की हर हद पार की। एक दिन शटरिंग और सरिया बिछाने और दूसरे दिन लिंटर लगाने के लिए आपूर्ति ठप कर दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जांच में यह हकीकत सामने आने के बाद सभी हैरान हैं। अब तक माना जा रहा था कि सिर्फ एक दिन ही शटडाउन दिया गया था। लाइन के नीचे शटरिंग और सरिया बिछाने पर सवाल उठे तो जांच टीम ने इस तरफ भी ध्यान दिया।

    उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद भी मंगलवार को भी जांच नहीं पूरी की जा सकी थी। जांच रिपोर्ट हर हाल में सोमवार शाम तक देनी थी। अब रिपोर्ट बुधवार को सौंपे जाने की उम्मीद है।

    राजी सेमरा नंबर दो की शिक्षक शशिबाला मौर्या ने मोगलहा में एक मकान खरीदा है। उन्होंने पिछले महीने मकान के दूसरी मंजिल का काम शुरू कराया था। मकान के बिल्कुल ऊपर से 11 हजार वोल्ट की लाइन का एक तार गुजर रहा है।

    यह तार छत के तकरीबन चार फीट अंदर है। इसके अलावा दो तार छत के सामने से गुजर रहे हैं। रविवार को शशिबाला मौर्या की 18 वर्षीय बेटी साक्षी ऊर्फ प्रज्ञा छत पर गई थी। इस तरह वह तार के चपेट में आ गई और करंट से मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई।

    दो दिन में पूरी हुई प्रक्रिया

    अगस्त में छत लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो शशिबाला मौर्या ने शटडाउन देने के लिए पत्र लिखा। इसके बाद पत्र पर क्या हुआ किसी को नहीं पता। साक्षी की मृत्यु के बाद जांच हुई तो पहले दिन बताया गया कि पांच अगस्त को लिंटर लगाया गया था।

    इसके बाद शटरिंग व सरिया बिछाने पर सवाल उठे तो जांच का दायरा बढ़ाया गया। पता चला कि पांच अगस्त को शटरिंग के साथ सरिया बिछाई गई और 11 अगस्त को लिंटर लगाया गया। बिजलीकर्मियों ने शटरिंग के पहले तार पर प्लास्टिक की पाइप चढ़ा दी।

    हर जगह हो रहा है खेल

    मोगलहा में शटडाउन देने के लिए रुपये लेने की बात सामने आने के बाद लोगों का कहना है कि बार-बार बिजली कटने का यह भी बड़ा कारण हो सकता है। जब रुपये लेकर बिजलीकर्मी शटडाउन देंगे तो निर्बाध आपूर्ति तो सपना ही रहेगी।

    यह भी पढ़ें- UPPCL: यूपी में एक अक्टूबर से प्रीपेड हो जाएंगे Smart Meters, बकाये में नहीं कटेगी बिजली

    प्लास्टिक की पाइप नहीं बचा पाएगी जान

    अभियंताओं का कहना है कि कुछ लोग करंट से बचने के लिए बिजली के तार पर प्लास्टिक बिछवा देते हैं। इसका लाभ थोड़ा सा एलटी लाइन में मिल सकता है लेकिन हाइटेंशन लाइन पर पाइप लगने के बाद भी करंट का खतरा पहले की तरह ही होता है। इसकी वजह यह है कि प्लास्टिक के पाइप तकरीबन एक किलोवाट क्षमता के ही तार का करंट रोक सकते हैं, हाइटेंशन लाइन कम से कम 11 केवी क्षमता की होती है।

    ऐसी स्थिति में पाइप लगाने के बाद भी करंट से नहीं बचा जा सकता है। मोगलहा में शशिबाला मौर्या के मकान की छत से गुजरी हाइटेंशन लाइन पर भले ही पाइप बिछा दी गई थी लेकिन जैसे ही साक्षी तार के संपर्क में आई करंट से उसकी पीठ झुलस गई। पाइप भी पिघल गई। अभियंताओं का कहना है कि बिना बिजलीकर्मियों की मिलीभगत तार पर पाइप बिछाई ही नहीं जा सकती है।