जीडीए ने 22 और आवंटियों को दिलाया कब्जा
गोरखपुर : राप्ती नगर विस्तार आवासीय योजना के आवंटियों को आठ वर्ष की लंबी कवायद के बाद
गोरखपुर :
राप्ती नगर विस्तार आवासीय योजना के आवंटियों को आठ वर्ष की लंबी कवायद के बाद जीडीए द्वारा जमीन का कब्जा दिलाने का जो सिलसिला गुरुवार को शुरू किया गया था, वह शुक्रवार को भी जारी रहा। शुक्रवार को 22 और आवंटियों को जमीन की पैमाइश के बाद कब्जा दिया गया। इसे लेकर अब तक 56 आवंटियों को जीडीए कब्जा दिला चुकी है। 34 आवंटियों को गुरुवार को कब्जा दिलाया गया था। पैमाइश कर कब्जा दिलाने का यह सिलसिला शनिवार को भी जारी रहेगा। जीडीए सचिव राम सिंह गौतम का कहना है कि रजिस्ट्री करा चुके सभी 392 आवंटियों को उनके प्लाट का कब्जा दिलाया जाएगा।
आवंटियों को कब्जा दिलाने के दौरान मौके पर गुरुवार के मुकाबले शुक्रवार का माहौल अलग था। कोई भी किसान मौके पर विरोध करता नहीं दिखा। ऐसे में टीम ने बकायदा कैंप लगाकर पैमाइश की और एक-एक आवंटी को कब्जा दिलाया। कब्जा दिलाने की प्रक्रिया में शुक्रवार को एक और बदलाव देखने को मिला। प्लाट की पहचान के लिए खूंटा नहीं लगाया गया, सिर्फ चूने का छिड़काव ही किया गया। जबकि गुरुवार को दोनों कार्य किये गए थे। कब्जा दिलाने के बाद सभी 22 आवंटियों को उससे जुड़े प्रपत्र भी सौंपे गए।
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कब्जा पाकर आवंटी बोले
कब्जा हासिल करने का लंबा संघर्ष रंग लाया। कोर्ट के हस्तक्षेप से निराश हो चुके मन में आशा का संचार हुआ है। अब यही ख्वाहिश है कि इसी तरह निर्माण शुरू करने में भी अड़चन न आए।
डा. रवींद्र पांडेय
किसानों के विरोध को देखते हुए कई बार लगता था कि हमें अपनी जमीन कभी हासिल नहीं होगी। अब जब कब्जा मिला है तो इतनी खुशी हो रही है कि जिसको बयान नहीं कर सकता।
अशोक अस्थाना
इस उम्मीद के साथ जमीन की रजिस्ट्री कराई थी कि अपना मकान होगा लेकिन मामला इस तरह उलझा कि जमीन ही नहीं मिल सकी। अब जब कब्जा मिला है तो ख्वाहिश पूरी होती दिखने लगी है।
अनीता नायक
जमीन की रजिस्ट्री के बाद कई बार मानबेला आते थे और अपनी जमीन तलाशते थे। पर चिन्हांकन न होने से निराश हाथ लगती थी। अब हम यह कह सकते हैं कि यह हमारी जमीन है।
वंदना
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लाठी के बल पर पैमाइश हो सकती है निर्माण नहीं
क्रासर : नाराज किसानों ने पैमाइश के खूटों को उखाड़ा
जीडीए सचिव बोले, फिर करा देंगे पैमाइश
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
जीडीए द्वारा पुलिसिया सख्ती के बल पर आवंटियों को कब्जा दिलाने से नाराज मानबेला किसानों ने अपनी नाराजगी पैमाइश के बाद लगाए गए बांस के खूटे पर निकाली। किसानों ने उन खूटों को उखाड़ कर फेंक दिया, जिन्हें पैमाइश करके लगाया गया था। सिर्फ इतना नहीं, उन्होंने जीडीए को यह धमकी भी दी है कि लाठी के बल पर पैमाइश की जा सकती है, निर्माण नहीं। जब तक मुआवजे का मामला सुलट नहीं जाता, तब तक वह अपनी जमीन पर कोई निर्माण नहीं होने देंगे।
किसानों का नेतृत्व कर रहे कांग्रेसी नेता राणा राहुल सिंह का कहना है कि शुक्रवार को भी किसानों ने मौके पर जाने की कोशिश की लेकिन उन्हें पुलिस के बल पर पहले ही रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल जाता तबतक वह अपनी जमीन अधिग्रहीत नहीं होने देंगे। उधर जीडीए सचिव राम सिंह गौतम का इस पर कहना है कि प्लाट के पहचान के लिए खूटे के साथ चूना भी गिराया गया था, जो अब भी मौजूद है। जल्द ही कालोनी के विकास के साथ निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया जाएगा। प्लाट के पहचान में अगर किसी आवंटी को कोई दिक्कत आएगी तो जमीन की पैमाइश दोबारा करा दी जाएगी।
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कब्जे के साथ सुविधाएं भी उपलब्ध कराए जीडीए
राप्ती नगर विस्तार आवासीय योजना आवंटी संघर्ष समिति के संरक्षक रमेश चंद्र गुप्ता ने जीडीए अधिकारियों से मांग की है कि वह सिर्फ प्लाट का कब्जा न दिलाएं बल्कि सुरक्षा के साथ निर्माण कार्य भी सुनिश्चित कराएं। उन्होंने इसके लिए मौके पर भारी पीएसी बल तैनात करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि मानबेला, पोखरभिंडा और करीम नगर के अधिग्रहीत भूमि पर जल्द से जल्द पथ प्रकाश, नाली, सड़क और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए, जिससे आवंटियों को मकान निर्माण के दौरान किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
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