आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए तय होगा स्थान, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी की गई गाइडलाइन
गोरखपुर नगर निगम शहर के हर वार्ड में आवारा कुत्तों के लिए फीडिंग पॉइंट बनाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह निर्णय लिया गया है जिसका उद्देश्य कुत्तों को भोजन उपलब्ध कराकर उन्हें शांत रखना है। फीडिंग स्पॉट बच्चों के खेलने के स्थानों से दूर होंगे और नागरिकों को केवल इन्हीं स्थानों पर कुत्तों को भोजन देने की अनुमति होगी।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब शहर के सभी आवारा कुत्ते अपने इलाके में ही रहेंगे, लेकिन भूख की वजह से इनकी उग्रता कम करने के लिए नगर निगम हरेक वार्ड में फीडिंग प्वाइंट बनाएगा।
इन्हीं स्थानों पर ही आवारा कुत्तों को भोजन दिया जाएगा ताकि वे अपने प्राकृतिक क्षेत्र से बाहर न जाएं और मानव एवं कुत्तों के बीच के संघर्ष से बचा जा सके। अगर कोई भी व्यक्ति इन निर्धारित स्थानों के अलावा कोई अन्य स्थान पर आवारा कुत्तों को भोजन देता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और केंद्र सरकार के पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम के अनुपालन के क्रम में प्रदेश सरकार की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।
9 सितंबर को प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग की ओर से आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में इसकी रूपरेखा तय होगी।नगर विकास विभाग की ओर से सभी नगर निकायों के लिए जारी गाइड लाइन में कहा गया है कि प्रत्येक वार्ड में निराश्रित कुत्तों की संख्या और के आधार पर कुत्तों को खाना खिलाने के लिए स्थान (फीडिंग प्वाइंट) चिन्हित करें।
इन्हीं चिन्हित स्थानों पर ही निराश्रित कुत्तों को भोजन दिया जा सकेगा। फीडिंग स्पाट ऐसे स्थानों पर बनाए जाएंगे जो बच्चों के खेलने के स्थान, सीढ़ियों, प्रवेश और निकास द्वार से दूर हों। यह भी ध्यान रखना होगा कि भोजन कराने का समय भी बच्चों और वृद्धों की आवाजाही को ध्यान में रख कर तय किया जाए।
प्रत्येक फीडिंग स्पाट पर स्पष्ट सूचना पट्ट लगाए जाएंगे और नागरिकों को केवल इन्हीं स्थानों पर निराश्रित कुत्तों को भोजन देने की अनुमति होगी। इसके अलावा, जन-जागरूकता अभियानों व हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से आमजन को शिक्षित किया जाएगा।
कुत्तों को भोजन-पानी देने के लिए अधिकृत होंगे पशु संरक्षक
शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार नगर निकाय कुत्तों को भोजन-पानी देने के लिए पशु-संरक्षकों को अधिकृत करेगा। इन पशु संरक्षकों को स्वच्छता बनाए रखने, भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने और आवारा कुत्ताें की नसबंदी एवं टीकाकरण कार्यक्रमों में सहयोग देना होगा।
विवाद की स्थिति में स्थानीय स्तर पर ‘पशु कल्याण समिति’ गठित होगी जिसमें पशु चिकित्सा अधिकारी, पुलिस प्रतिनिधि, रेसीडेंस वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) प्रतिनिधि, शिकायतकर्ता, पशु कल्याण संगठन शामिल होंगे। यह समिति फीडिंग स्पाट तय करने और अन्य मामलों में अंतिम निर्णय लेगी।
गोद लेकर कुत्तों की कर सकेंगे सेवा
नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. रोबिन चंद्रा ने शासन की ओर से किए गए प्रविधानों में कहा गया है कि इच्छुक व्यक्ति नगर निकायों में आवेदन कर आवारा कुत्तों को गोद ले सकते हैं, लेकिन गोद लेने के बाद उस कुत्ते का परित्याग नहीं कर सकेंगे।
रेबीज ग्रस्त या आक्रामक कुत्तों को अलग रख चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा ही उन्हें पकड़ा जाएगा। ऐसे निकाय जो पशु कल्याण के इस अभियान में उत्कृष्ट कार्य करेंगे, उन्हें पुरस्कृत भी होंगे।
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वहीं, महिला पशु-संरक्षकों समेत किसी भी व्यक्ति को आवारा कुत्तों को भोजन कराने से रोकना, धमकाना दंडनीय अपराध होगा और दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई होगी।
आवारा कुत्तों की परेशानी से निजात के लिए शासन की ओर से गाइडलाइन तय की गई है। नगर निगम के द्वारा इस आदेश के अनुक्रम में जल्द ही शुरुआत की जाएगी। प्रमुख सचिव की ओर से इस संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग भी होनी है।
-दुर्गेश मिश्रा, अपर नगर आयुक्त
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