Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अच्छी पहल: एथेनाल के लिए सफेद मक्का पैदा करेंगे गोरखपुर के किसान, खेत से ही बिक जाएगी फसल; बढ़ेगी आय

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Mon, 18 Sep 2023 02:56 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश डिस्टिलरी एसोसिएशन की पहल से गोरखपुर के किसान मालामाल होंगे। आइसीएआर की निगरानी में में यहां 20 बीघा में सफेद मक्के की खेती होगी। इसके लिए 10 किसानों के साथ आइजीएल ने अनुबंध किया। सफेद मक्का तैयार होने के साथ ही बाजार मूल्य पर फसल की कीमत दी जाएगी। ऐसे में किसानों को काफी अच्छी आय होने की उम्मीद है।

    Hero Image
    एथेनाल के लिए सफेद मक्का पैदा करेंगे गोरखपुर के किसान। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    गोरखपुर, उमेश पाठक। गोरखपुर व आसपास के क्षेत्रों में कई एथेनाल प्लांट स्थापित हो रहे हैं। इन प्लांटों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता किसी चुनौती से कम नहीं है। मक्का व टूटे चावल आदि का कच्चे माल के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन यह भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा। इस समस्या से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदेश डिस्टिलरी एसोसिएशन (यूपीडीए) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के साथ मिलकर पहल करने जा रहा है। इसके लिए किसानों के साथ अनुबंध किया जाएगा। उनके खेत में आइसीएआर के विशेषज्ञों की देखरेख में सफेद मक्का पैदा किया जाएगा और उसे एथेनाल बनाने वाली कंपनी खरीदेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    10 किसानों ने सफेद मक्के की खेती को दी सहमति

    गोरखपुर जिले में 10 किसानों ने सहमति दे दी है। यहां इंडिया ग्लाइकाल लिमिटेड (आइजीएल) उनके साथ अनुबंध करेगा और उनके उत्पाद को खरीदेगा। इसे कांट्रैक्ट फार्मिंग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। कच्चा माल के लिए कंपनियां अभी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) पर निर्भर हैं, लेकिन वहां से पर्याप्त माल नहीं मिल पाता। ऐसे में भविष्य में कच्चा माल की समस्या न हो, इसके लिए मक्के का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार की ओर से मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी घोषित किया जाता है। देवरिया जिले में दो सरकारी केंद्र भी बनाए जाते हैं, लेकिन पर्याप्त मात्रा में मक्का नहीं मिल पाता। ऐसे में यूपीडीए के अध्यक्ष एवं आइजीएल के बिजनेस हेड की ओर से मक्के की पैदावार बढ़ाने को लेकर की गई पहल से बड़ा बदलाव आने की संभावना है।

    सफेद मक्के के उत्पादन पर होगा जोर

    आइजीएल के वरिष्ठ प्रबंधक प्रशासन एवं जनसंपर्क डा. सुनील मिश्र बताते हैं कि आइसीएआर के साथ भी आइजीएल का अनुबंध होगा। अमेरिकी प्रजाति के सफेद मक्के के उत्पादन पर जोर दिया जाएगा। यह बीज आइसीएआर द्वारा शोधित किया जाएगा। तेनुहारी, भीटी रावत एवं सरदारनगर क्षेत्र के 10 किसानों से बात हो चुकी है। पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर उनकी 20 बीघा जमीन पर पैदावार के लिए अनुबंध किया जाएगा। प्रति बीघा आठ से 10 क्विंटल पैदावार होने का अनुमान है। आइसीएआर के विज्ञानी बीज बोने से लेकर फसल तैयार होने तक किसानों का मार्गदर्शन करेंगे। कितना कीटनाशक, उर्वरक आदि डालना है, यह वैज्ञानिकों की देखरेख में ही होगा।

    आइजीएल की ओर से बीज, जोताई, उर्वरक एवं कीटनाशक किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। शुरू में उन्हें कुछ नहीं खरीदना होगा। जब फसल तैयार होगी तो उसे खरीद लिया जाएगा। उसमें से बीज, जोताई, उर्वरक एवं कीटनाशक आदि का पैसा काटकर किसानों को भुगतान किया जाएगा। प्रयोग सफल होने पर इसे विस्तार दिया जाएगा। मक्के के डंठल की भी बिक्री कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि सफेद मक्के में स्टार्च अधिक होने से एथेनाल के लिए काफी उपयुक्त होता है।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    यूपीडीए एवं बिजनेस हेड आइजीएल के अध्यक्ष एसके शुक्ल ने बताया कि आइसीएआर के साथ मिलकर सफेद मक्का की पैदावार बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। गोरखपुर से पायलट प्रोजेक्ट के साथ इसकी शुरुआत की जा रही है। किसानों से बाजार मूल्य पर उनका उत्पाद खरीदा जाएगा और फसल तैयार होने तक आइसीएआर के विज्ञानी किसानों का मार्गदर्शन करेंगे। भविष्य में इसे विस्तार दिया जाएगा। 16 से 18 अक्टूबर तक अमेरिका में आयोजित होने वाले ग्लोबल एथेनाल समिट में शामिल होने का मौका मिला है। वहां भी बीज एवं अच्छे मक्के की पैदावार बढ़ाने की तकनीक जानने को मिलेगी।

    इसे भी पढ़ें, विकास में बैरियर बनने वालों को बेनकाब कर रही सरकार, गोरखपुर में बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

    इसे भी पढ़ें, MMMUT की मदद से साइबर अपराध रोकेगा पुलिस विभाग, ADG की पहल पर सेंटर ऑफ एक्सिलेंस खोलगा विश्वविद्यालय