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    पहले सूखा फिर बाढ़ से बर्बाद हो गए गोरखपुर के किसान, अब सरकार पर टिकी है अन्नदाताओं की उम्मीद

    By Umesh PathakEdited By: Pragati Chand
    Updated: Tue, 18 Oct 2022 11:55 AM (IST)

    गोरखपुर सहित पूरे उत्तर प्रदेश में पहले सूखा फिर बाढ़ के चलते फसल बर्बाद हो गई है। जिले में बाढ़ इलाकों में फसलें डूबी हुई हैं। बाढ़ की भयावहता को देखते हुए बड़े नुकसान की आशंका है। पानी उतरने के बाद गांव में टीम दौड़ेगी।

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    पहले सूखा फिर बाढ़ से बर्बाद हो गए गोरखपुर के किसान। (फाइल फोटो)

    गोरखपुर, उमेश पाठक। यह साल किसानों के लिए समस्याओं से भरा रहा। समय से वर्षा न होने के कारण पहले सूखा के फिर अप्रत्याशित रूप से अक्टूबर में आई बाढ़ के चलते किसान बर्बाद हो चुके हैं। सूखे के चलते कुछ गुंजाइश बची थी लेकिन बाढ़ से बड़े नुकसान की आशंका व्यक्त की जा रही है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद राजस्व विभाग की टीमें एक बार फिर गांवों में जाएंगी और नुकसान का आकलन करेंगी। अब किसानों की उम्मीद सरकार पर टिकी है।

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    बाढ़ की भयावहता को देखते हुए बड़े नुकसान की आशंका

    गेहूं की अच्छी फसल के बाद इस बार धान को लेकर भी किसान आश्वस्त थे लेकिन कम बारिश से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। किसी तरह पंपसेट व अन्य माध्यमों से सिंचाई कर धान की फसल रोप दी गई लेकिन अंतिम दिनों में हुई बारिश ने फसल बर्बाद करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। पहली बार दीपावली के नजदीक अप्रत्याशित रूप से बाढ़ आई है। जिले में 14 हजार 752 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है। सरयू नदी ने 1998 का रिकार्ड ही तोड़ दिया है। बाढ़ से हुए नुकसान का अभी अनुमान ही लगाया जा रहा है। क्षति का वास्तविक आकलन बाढ़ खत्म होने के बाद होगा।

    सूखे से प्रभावित हुई 34 हजार हेक्टेयर से अधिक फसल

    प्रशासन की ओर से कराए गए सर्वे में इस साल एक लाख 49 हजार 350 हेक्टेयर क्षेत्रफल में विभिन्न फसलों की बोआई की गई थी। इसमें से सूखे के चलते 34 हजार 353 हेक्टेयर क्षेत्रफल की फसल प्रभावित हुई है। 959 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसल 33 से लेकर 50 प्रतिशत तक प्रभावित हुई है। 9.3 हेक्टेयर की फसल आधे से अधिक खराब हो चुकी है। यानी करीब 968 हेक्टेयर क्षेत्रफल की फसल के लिए ही आपदा राहत के तहत मुआवजा मिलेगा। सर्वाधिक फसल कैंपियरगंज में प्रभावित हुई है।

    इन फसलों पर पड़ा प्रभाव

    सूखे के कारण खरीफ की फसलें जैसे तिल, तोरई, धान, परवल, मूंगफली व अन्य मिश्रित फसलें प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा सब्जियों की खेती पर भी प्रभाव पड़ा। सर्वाधिक प्रभाव धान की फसल पर पड़ा है। 34 हजार 353 हेक्टेयर क्षेत्रफल में से 34 हजार 334 हेक्टेयर में धान की फसल ही प्रभावित हुई है।

    बाढ़ ने सब्जियों पर डाला असर

    बाढ़ के पानी ने सब्जी की खेती को लगभग बर्बाद सा कर दिया है। सूखे के कारण सब्जियों की खेती पर उतना प्रभाव नहीं पड़ा था लेकिन बाढ़ के चलते असर काफी हुआ है। परवल की खेती अच्छी-खासी होती है लेकिन असमय आई बाढ़ से बड़े नुकसान की आशंका है। कैंपियरगंज क्षेत्र में कई अन्य सब्जियों की खेती भी प्रभावित हुई है।

    बीमा से आच्छादित किसान

    मौसम   बीमित          किसान

    खरीफ    2020          48317

    रबी       2020-21      43999

    खरीफ   2021           55481

    रबी       2021-22      48077

    खरीफ   2022           53028

    नोट : खरीफ 2020 के तहत 1938 किसान लाभान्वित हुए थे और उन्हें एक करोड़ 77 लाख 59 हजार रुपये का क्षतिपूर्ति दी गई थी। इसके सापेक्ष खरीफ 2021 में बीमा के कारण 5707 किसान लाभान्वित हुए और तीन करोड़ 55 लाख 97 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति दी गई।

    फसलों पर पड़े प्रभाव की स्थिति

    फसल बोया गया         क्षेत्रफल            सूखे से प्रभावित

    तिल                               --                       --

    तोरई                           49.28                  04

    धान                            149046               34335

    परवल                        36.81                   1.8

    मूंगफली                     164                       00

    मिश्रित फसलें              54.2                      13

    नोट : क्षेत्रफल हेक्टेयर में है।

    तहसीलवार फसलों को हुआ नुकसान

    तहसील बोया गया क्षेत्रफल सूखे से प्रभावित

    कैंपियरगंज 21475.4 7404

    सहजनवा 13817 3996

    सदर 30077 3671

    चौरी चौरा 21892 6351

    बांसगांव 13913 3542

    खजनी 27611 3654

    गोला 20566 5736

    नोट : क्षेत्रफल हेक्टेयर में।

    क्या कहते हैं जिलाधिकारी

    जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि बाढ़ के कारण फसलों को नुकसान हुआ है। बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही नुकसान के आकलन के लिए सर्वे कराया जाएगा। सभी प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाई जाएगी।

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