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    मां और भाई करते हैं मजदूरी, खुद फर्जी IAS बनकर घूमता रहा शख्स

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 07:24 AM (IST)

    गोरखपुर में एक फर्जी आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है। वह अपनी पहचान छुपाकर घूम रहा था, जबकि उसकी मां और भाई मजदूरी करते हैं। पुलिस ने उसे गिरफ्त ...और पढ़ें

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    काले जैकेट में आरोपी। जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण, सीतामढ़ी/गोरखपुर। गोरखपुर में गिरफ्तार फर्जी आइएएस ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार सिंह के मेहसौल थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 37 मेहसौल पूर्वी स्थित घर व उसके स्वजन की स्थिति देखकर किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि वह इस कदर रौब-रूतबा मेंटेन करता होगा। उसके चार भाई हैं। ललित भाइयों में चौथे नंबर पर है। चारों भाई और मां गांव में मेहनत मजदूरी कर किसी प्रकार जीवन यापन कर रहे। झोपड़ीनुमा घर में रहते हैं।

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    बताया जाता है कि ललित ने 2017 से ही घर आना-जाना छोड़ रखा था। एक साल बाद अपने पिता चलितर राम के निधन पर श्राद्धकर्म के दिन आया। उसके दूसरे दिन ही चला गया। वह घर को कचरा बताकर कहता था कि यहां उसे नहीं रहना। सभी चार भाई एक कट्ठा जमीन में झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहते हैं।

    खेतीबारी के लिए भी जमीन नहीं है। ललित ने कुछ दिनों तक गांव में ही एक कोचिंग भी चलाई। मात्र 30 रुपये फीस लेकर बच्चों को पढ़ाता था। गरीब बच्चों से कोई फीस नहीं लेता था। ललित ने फर्जी आइएएस बनने के लिए नाम बदलकर गौरव कुमार सिंह रख लिया था।

    बांका में आदित्य-50 नाम से खोला कोचिंग संस्थान
    ललित ने गलत रास्ते पर चलने के लिए पहला कदम बांका में रखा था। वह घर छोड़ 2017 में बांका पहुंचा और वहां गरीब छात्रों को मुफ्त में शिक्षा और कोचिंग देना शुरू किया। लोगों को लगने लगा कि वह समाज के लिए कुछ करना चाहता है, लेकिन उसकी प्लानिंग कुछ और थी। उसने आदित्य-50 नाम से कोचिंग संस्थान खोल लिया। वहां गरीब परिवार के बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। फिर पटना के शिक्षा विभाग में उसने अपनी अच्छी पकड़ बना ली।

    वह मुफ्त कोचिंग के नाम पर विभाग से पत्र जारी करा लेता था। इन पत्रों का इस्तेमाल कर वह जिले के सरकारी स्कूलों में प्रवेश परीक्षा तक आयोजित करता था। छात्रों को भरोसा दिलाने के लिए मैट्रिक व इंटर के मेधावी छात्रों को समय-समय पर सम्मानित भी करता रहा। उसको यह एहसास हो गया कि यहां के लोग उसपर भरोसा करने लगे तो उसने अपना असली काम शुरू कर दिया। नौकरी दिलाने, बीएड कराने और विभिन्न कोर्सों में एडमिशन कराने का झांसा देकर वह लोगों से पैसे लेने लगा।

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    बताया जाता है कि बांका के कई लोगों से उसने करीब दो करोड़ से अधिक रुपये वसूले और एक मई 2023 को वहां से फरार हो गया। बताया जाता है कि वहां जिस मकान में किराए पर रहता था उसके मालिक से भी 10 लाख की उसने ठगी की। बांका गेस्ट हाउस के पास कंप्यूटर दुकान चलाने वाले तमन्ना कुमार से भी उसने दो लाख रुपये उधार लिए और भाग गया।

    ललित उर्फ गौरव ने रीगा थाना क्षेत्र के रामनगरा गांव निवासी अभिषेक कुमार की बहन से लव मैरिज की थी। बताया जाता है कि साफ्टवेयर इंजीनियर ललित का साला अभिषेक कुमार उसे फर्जी आइडी, नेम-प्लेट और अन्य दस्तावेज बनाकर देता था।