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    गोरखपुर में फर्जी डिग्री से डायग्नोस्टिक सेंटर खोलने वाला गैंगस्टर गिरफ्तार,  मुख्य आरोपी कर चुका है आत्मसमर्पण

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 08:02 AM (IST)

    गोरखपुर पुलिस ने फर्जी डिग्री गिरोह के एक सदस्य श्रीराम पांडेय को गिरफ्तार किया है, जो डॉक्टर की फर्जी डिग्री बेचता था। मुख्य आरोपी अलाउद्दीन पहले ही आत्मसमर्पण कर चुका है। यह मामला तब सामने आया जब डॉ. राहुल नायक ने अपने नाम से फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर चलने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच में पाया कि यह गिरोह फर्जी डिग्री के आधार पर कई क्लीनिक चला रहा था, जिसके बाद आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

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    सरैया बाजार से पकड़ा आरोपित श्रीराम, पूछताछ के बाद गुलरिहा पुलिस ने भेजा जेल

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। डॉक्टर के नाम पर फर्जी डिग्री तैयार कर उन्हें बेचने और अवैध रूप से क्लीनिक व डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित कराने वाले गिरोह के एक सदस्य को गुलरिहा पुलिस ने सोमवार को सरैया बाजार से गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपित श्रीराम पांडेय प्रयागराज के शिवपुरी कालोनी का रहने वाला है।

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    इसने गिरोह के साथ मिलकर पांच लाख रुपये में डॉक्टर की डिग्री बेची थी। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे सोमवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। इस गिरोह का मुख्य आरोपित अलाउद्दीन पहले ही कोर्ट में आत्म समर्पण कर चुका है, जबकि उसके तीन साथी बृजेश लाल, दीपक विश्वकर्मा और ओमप्रकाश गौतम अब भी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में दबिश दे रही है।

    मामला मई 2024 का है। बस्ती जिले के भेड़वा निवासी डाॅ. राहुल नायक, जो वर्तमान में गुलरिहा क्षेत्र के जेमिनी पैराडाइज में रहकर चिकित्सा कार्य कर रहे हैं, ने 17 मई 2024 को गुलरिहा थाने में तहरीर दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके नाम से फर्जी डिग्री बनवाकर गाजीपुर के जखनियां क्षेत्र में अवैध अल्ट्रासाउंड व डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित किया जा रहा है। इसकी जानकारी उन्हें तब हुई जब जनवरी 2023 में अल्ट्रासाउंड सेंटर डालने हेतु फर्जी डिग्री आधार व पैन कार्ड सीएमओ कार्यालय महाराजगंज में लगाया गया।

    तहरीर के आधार पर पुलिस ने जांच की तो पता चला कि बिहार निवासी अलाउद्दीन ने प्रयागराज के श्रीराम पांडेय की मदद से डाॅ. राहुल के कागजात पांच लाख रुपये में बेच दिया था। इसके बाद सेंटर संचालक बृजेश लाल को गिरफ्तार किया गया, जिसने पूछताछ में पूरे गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया।

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    बृजेश ने बताया कि उसने यह फर्जी डिग्री वाराणसी के सारनाथ निवासी ओमप्रकाश गौतम से खरीदी थी। ओमप्रकाश खुद पटना से अवैध डिप्लोमा बनवाकर वाराणसी के जाल्हूपुर में आदर्श डेंटल एंड आई क्लीनिक चला रहा था।

    उसने यह डिग्री दीपक विश्वकर्मा से 35 हजार रुपये में खरीदी थी, जो चौबेपुर के सहारा अस्पताल का संचालक है। दीपक ने पूछताछ में बताया कि अस्पताल में काम करने वाला सुहैल फर्जी डिग्री उपलब्ध कराता था। पुलिस जांच में वाराणसी और प्रयागराज में भी फर्जी डिग्री के आधार पर क्लीनिक संचालित होने की पुष्टि हुई थी। फिर एसएसपी के निर्देश पर गुलरिहा पुलिस ने पहले धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। जांच में गिरोह का संगठित रूप सामने आने पर पांचों आरोपितो पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया।

    गैंगस्टर के मामले में फरार एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। फरार अन्य आरोपितो की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम दबिश दे रही है। ये सभी चिकित्सक की डिग्री बेचकर फर्जी तरीके से अल्ट्रासाउंड व डायग्नोस्टिक सेंटर खोलकर संचालित कराते थे।

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    -अभिनव त्यागी, एसपी सिटी