Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Indian Railway News: 118 स्टेशनों पर लगा ईआइ सिस्टम, एक क्लिक पर बन जा रहा ट्रेनों का रूट

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 08:46 AM (IST)

    पूर्वोत्तर रेलवे के 118 स्टेशनों पर इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम लग गया है। अब इन स्टेशनों पर कंप्यूटर के माउस से एक क्लिक पर ट्रेनों का रूट बन जा र ...और पढ़ें

    Hero Image

    रेलवे स्टेशन यार्ड में खत्म हो जाएंगी सिग्नल और प्वाइंट फेल होने की समस्या। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे के 118 स्टेशनों पर इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम (ईआइ) लग गया है। अब इन स्टेशनों पर कंप्यूटर के माउस से एक क्लिक पर ट्रेनों का रूट बन जा रहा। स्टेशन मास्टर और कंट्रोलर पैनल की जगह हाईटेक एलईडी स्क्रीन पर यार्ड प्लान कर कर रहे हैं। यह सिस्टम लग जाने से ट्रैक क्षमता बढ़ने के साथ ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ जाएगी। ट्रेनों का समय पालन दुरुस्त होगा। संरक्षा और सुरक्षा मजबूत होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्वोत्तर रेलवे के छोटे-बड़े सभी 505 स्टेशनों से रूट रिले इंटरलाकिंग पैनल (आरआरआइ) हट जाएगा। धीरे-धीरे सभी स्टेशनों पर इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम लग जाएगा। इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम लग जाने से मैनुअल कार्य पूरी तरह डिजिटल प्लेटफार्म पर आ जाएगा। स्टेशन मास्टर के हाथ बटन की जगह माउस पर होंगे।

    माउस से ही रेलवे स्टेशन यार्ड के सिग्नल और प्वाइंट बनेंगे। सिग्नल और प्वाइंट फेल होने की समस्या तो समाप्त होगी ही, अधिक से अधिक ट्रेनें भी चलाई जा सकेंगी। गाड़ियों का परिचालन भी तेज होगा। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने के साथ समय पालन भी दुरुस्त होगा। दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा। स्टेशन यार्ड में रेल लाइन, प्वाइंट और सिग्नल सिस्टम में सुविधा के अनुसार बदलाव किया जा सकेगा।

    फिलहाल, मुख्यालय गोरखपुर, कैंट और नकहा स्टेशन पर इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम लागू हो गया है। बस्ती, मुंडेरवा, बभनान, ओरवारा और चुरेब आदि 13 स्टेशनों पर जल्द ही इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम के भवन भी बनने लगेंगे। लखनऊ मंडल प्रशासन ने निर्माण कार्य शुरू करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

    यह भी पढ़ें- साढ़े सात घंटे लेट हुई देहरादून एक्सप्रेस तो स्टेशन से वापस हो गए यात्री, साढ़े पांच घंटे देरी से गोरखपुर पहुंची गोरखधाम

    अब सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल सिस्टम लगाने की तैयारी
    इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम लग जाने के बाद गोरखपुर जंक्शन समेत बड़े स्टेशनों पर (सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम या सीटीसी) लगाए जाएंगे। सीटीसी गोरखपुर जंक्शन सहित बड़े स्टेशनों से ट्रेनें कंट्रोल होंगी। ट्रेनों का निर्बाध संचालन हो सकेगा। ट्रेनें बेवजह आउटर सिग्नल और छोटे स्टेशनों पर नहीं रुकेंगी।

    गोरखपुर जंक्शन पर सीटीसी लगाने की तैयारी आरंभ हो चुकी है। कियोसन और मेधा नाम का एडवांस सिग्नल लग रहा है। जापानी तकनीक से तैयार इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम लगाने के साथ सिग्नल एवं दूरसंचार प्रशिक्षण केंद्र गोरखपुर में प्रशिक्षण की व्यवस्था भी शुरू हो गई है।

    डिजिटलाइजेशन की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ट्रेनों के संचालन को सुरक्षित व सुगम बनाता है। इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग मानवीय त्रुटि की संभावना को कम करता है, जिससे संरक्षा में सुधार होता है। यह सिस्टम तेजी से कार्य करता है जिसके फलस्वरूप गाड़ियों का आवागमन बेहतर होता है।

    -

    - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे