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    Smart Meter: स्मार्ट के चक्कर में पटरी से उतर रही मीटर रीडिंग, यूपी के इस शहर में सिरदर्द बना बिजली का बिल

    Updated: Wed, 16 Apr 2025 12:59 PM (IST)

    गोरखपुर में स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी मीटर रीडिंग में गड़बड़ी हो रही है। कई इलाकों में मीटर रीडर नहीं जा रहे हैं फिर भी उपभोक्ताओं को औसत बिल भेजे जा रहे हैं। अचानक रीडिंग बढ़ने पर हजारों रुपये का बिल आ रहा है जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। बिजली निगम ने मीटर रीडिंग एजेंसी पर जुर्माना भी लगाया है फिर भी समस्या बनी हुई है।

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    स्मार्ट के चक्कर में परेशान हो रही जनता। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कोतवाली, सिनेमा रोड, बहरामपुर समेत महानगर के कई इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। इन इलाकों में कुछ ऐसे भी उपभोक्ता हैं जिनके परिसर में अभी पुराना मीटर ही लगा है। इन्होंने मीटर नहीं बदलवाया है। अब इनके मीटर की रीडिंग नहीं हो पा रही है। वजह यह कि मीटर रीडरों को इन इलाकों से हटा दिया गया है। मोहनापुर क्षेत्र में मीटर रीडर नहीं जा रहे हैं।

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    हैरानी की बात यह है कि बिना मीटर रीडर जाए हर महीने उपभोक्ताओं के मोबाइल फोन पर बिल का संदेश आ जा रहा है। एक उपभोक्ता ने अभियंताओं से बात की तो उन्होंने मीटर रीडिंग का तीन मिनट का वीडियो बनाकर ले आने को कहा। उपभोक्ता वीडियो लेकर पहुंचा तो पता चला कि मीटर में एक हजार से ज्यादा यूनिट रीडिंग स्टोर है।

    वह हर महीने मोबाइल पर आने वाला बिल का संदेश और भुगतान की रसीद दिखाने लगे, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। अब वह हर महीने मीटर रीडिंग का वीडियो बनाकर कार्यालय ले जाते हैं और बिल बनवाते हैं।

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    बिजली निगम में स्मार्ट मीटर लगने की शुरुआत होने के साथ ही मीटर रीडिंग की व्यवस्था पटरी से उतरती जा रही है। कई ऐसे इलाके हैं जहां मीटर रीडर जा ही नहीं रहे हैं लेकिन तकरीबन सभी उपभोक्ताओं को मोबाइल फोन पर बिल का संदेश आ रहा है।

    स्मार्ट बिजली बिल। जागरण (सांकेतिक)


    यह बिल सिस्टम ही औसत मीटर रीडिंग के आधार पर बना दे रहा है। कम रीडिंग पर बना बिल उपभोक्ता जमा करते जाते हैं। अचानक किसी दिन मीटर रीडर पहुंचता है और वास्तविक रीडिंग दर्ज करता है तो हजारों रुपये का बिल बन जाता है। उपभोक्ता बिल लेकर भटकते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है।

    जिले में नौ लाख से ज्यादा उपभोक्ता

    जिले में नौ लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से 2.30 लाख से ज्यादा उपभोक्ता महानगर में रहते हैं। बिजली निगम पहले ही 56 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर लगा चुका था। अब 35 हजार से ज्यादा नए उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर लग चुके हैं। अब भी तकरीबन आठ लाख उपभोक्ताओं का बिल मीटर रीडरों के भरोसे है।

    मीटर रीडिंग एजेंसी पर 50 लाख से ज्यादा जुर्माना

    मीटर रीडिंग एजेंसी क्वैश कार्प पर गलत बिल बनाने, मीटर रीडिंग न करने पर बिजली निगम ने 50 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है। इस जुर्माना की राशि काटकर एजेंसी को भुगतान किया जाएगा। इसके बाद भी मीटर रीडिंग व्यवस्था सही नहीं हो पा रही है।

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    शत प्रतिशत मीटर रीडिंग के निर्देश दिए गए हैं। स्मार्ट मीटर भी तेजी से स्थापित किए जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को सही बिल मिले इसके लिए सभी अभियंताओं को मीटर रीडिंग व्यवस्था पर नजर रखनी होगी। जिन इलाकों में मीटर रीडिंग नहीं हो रही है, उपभोक्ता इसकी जानकारी जरूर दें। घर बैठे बिल बनाने की पुष्टि हुई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -आशुतोष श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता