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    Good News: अगले साल गोरखपुर- गोंडा रूट पर भी चलने लगेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें, डीजल की होगी बचत

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Wed, 23 Nov 2022 08:19 AM (IST)

    पचपेड़वा- सुभागपुर रेलमार्ग का विद्युतीकरण जनवरी में पूरी हो जाएगा। लगभर 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। विद्युतीकरण के बाद 24 घंटे रेलवे स्टेशनों पर बिजली मिलेगी। वहीं इलेक्ट्रिक ट्रेनों के चलने से डीजल बचत के साथ ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी।

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    अगले साल गोरखपुर- गोंडा रूट पर भी चलने लगेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें। (फाइल)

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अगले साल गोरखपुर-आनंदनगर-गोंडा रूट पर भी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें चलने लगेंगी। बढ़नी और गोंडा रूट से भी गोरखपुर, लखनऊ, दिल्ली और मुंबई को जाने वाली ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से चलने लगेंगी। विद्युत लोकोमोटिव के चलने से ट्रेनों की गति बढ़ने के साथ पर्यावरण संरक्षित होगा। रेलवे स्टेशनों को 24 घंटे बिजली मिलेगी। सिग्नल एवं अन्य जरूरी कार्यों के लिए अतिरिक्त विद्युत जनरेटर का उपयोग कम होने से डीजल की बचत होगी।

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    यहां पूरा हुआ विद्युतीकरण का काम

    पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार जनवरी 2023 तक पचपेड़वा- सुभागपुर (85 किमी.) रेल खण्ड का विद्युतीकरण पूरा हो जाएगा। शोहतरगढ़- पचपेड़वा रेल खण्ड पर 13 सितंबर 2022, आनन्दनगर- शोहरतगढ़ रेल खण्ड पर 28 मार्च 2022, आनन्दनगर-नौतनवा रेल खण्ड पर 24 सितंबर 2021, गोरखपुर- आनन्दनगर रेल खण्ड पर 02 अप्रैल 2021 को तथा गोण्डा-सुभागपुर रेल खण्ड पर 24 जुलाई 2020 को विद्युतीकरण पूरा कर लिया गया।

    नेपाल के रेल यात्रियों को भी मिलेगा लाभ

    अब पचपेड़वा- सुभागपुर के बीच विद्युतीकरण पूरा होते ही गोरखपुर-गोण्डा तक विद्युतीकृत रेललाइन उपलब्ध हो जाएगी, जिससे इस क्षेत्र की जनता सहित नेपाल के भी रेल यात्री लाभान्वित होंगे। यहां जान लें कि 31 मार्च 2022 तक पूर्वोत्तर रेलवे की बड़ी लाइन के 2797 रूट किमी रेलमार्ग पर लगभग 87 प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा हो गया था। नवंबर तक लगभग 90 प्रतिशत रेलमार्ग का विद्युतीकरण हो चुका है। रेल मंत्रालय ने वर्ष 2023 तक भारतीय रेलवे के सभी रेलमार्गों के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है।

    अब एलएचबी कोचों से चलेंगी भारत गौरव ट्रेनें

    भारत गौरव ट्रेनें आधुनिक लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोचों से चलेंगी। भारत गौरव ट्रेन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए रेलवे बोर्ड ने रेक संरचना में बदलाव करते हुए पुराने (परंपरागत या आइसीएफ) कोचों की जगह एलएचबी के उपयोग का निर्णय लिया है। ताकि, पर्यटकों को अतिरिक्त सुविधाएं भी मिल सकें। नीतियों, किराया और पंजीकरण शुल्क आदि की समीक्षा के बाद रेलवे बोर्ड ने भारत गौरव ट्रेनों में एलएचबी कोचों के उपयोग को लेकर सभी क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। अब संचालन के नाम पर लगने वाला पंजीकरण शुल्क वापस नहीं होगा।