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    Cyber Crime: डिजिटल जाल में फंसे बुजुर्ग दंपती, जालसाजों ने ठगे 32 लाख रुपये; FIR दर्ज

    Updated: Wed, 22 Jan 2025 09:00 PM (IST)

    Cyber Crime उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां डिजिटल जाल में फंसे बुजुर्ग दंपती ने 32 लाख रुपये गंवा दिए। साइबर अपराधियों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और सेक्स स्कैंडल जैसे गंभीर आरोपों में फंसाने का डर दिखाया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। जानिए कैसे आप खुद को ऐसे जालसाजों से बचा सकते हैं।

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    73 वर्षीय महिला और उनके 75 वर्षीय पति को जालसाजों ने ठगा। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता,गोरखपुर। बेतियाहाता क्षेत्र में रहने वाले 73 वर्षीय महिला और उनके 75 वर्षीय पति को एक संगठित गिरोह ने अपने शातिर दिमाग और फर्जी कहानियों के जरिए डिजिटल जाल में फंसा लिया। साइबर अपराधियों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और सेक्स स्कैंडल जैसे गंभीर आरोपों में घसीटने का डर दिखाया और 32.66 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। पीड़ित महिला की तहरीर पर साइबर अपराध थाना पुलिस मुकदमा दर्ज कर छानबीन कर रही है।

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    महिला ने तहरीर में लिखा है कि 17 जनवरी की सुबह उनके पास कोलाबा थाने के नाम से एक फोन आया। कॉल करने वाले ने बताया कि उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग हो रहा है। इसका इस्तेमाल करके मुंबई में फर्जी बैंक खाता खोला गया है और इसका इस्तेमाल सेक्स स्कैंडल चलाने में इस्तेमाल किया जा रहा है।

    फोन कटने पर कुछ ही देर बाद एक और कॉल आया, जिसमें खुद को आइपीएस अधिकारी 'संदीप राव' बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि उनके खिलाफ 88 आपराधिक मामले दर्ज हैं और गिरफ्तारी का वारंट जारी हो चुका है। दो घंटे के भीतर उनकी गिरफ्तारी तय है।

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    इसके बाद जालसाजों ने महिला और उनके पति को 'डिजिटल अरेस्ट' का झांसा दिया। कहा गया कि अब से वे कैमरे की निगरानी में हैं और घर के बाहर कदम रखना या किसी से बात करना सख्त मना है। इसके बाद अपराधियों ने धीरे-धीरे उनकी बचत का पूरा ब्यौरा लिया।

    18 जनवरी को कॉलर ने खुद को सीबीआइ अधिकारी बताकर पति से संपर्क किया और स्टेट बैंक का चेक भरवाया। फिर दिल्ली के बैंक आफ महाराष्ट्र के खाताधारक संदीप राव के खाते में 32.66 लाख रुपये आरटीजीएस करा लिए। डर के मारे दंपती ने चुपचाप यह सब किया।

    सेवानिवृत्त दंपती बने शिकार

    पीड़ित महिला एक स्कूल से अध्यापक पद से सेवानिवृत्त हैं और उनके पति फर्टिलाइजर कंपनी से। उनके दोनों बेटे बाहर रहते हैं जिसमें एक बेंगलुरु में नौकरी करता है, जबकि दूसरा घर पर रहता है। घटना के दौरान दंपती इतने डरे हुए थे कि उन्होंने किसी से मदद मांगने की हिम्मत तक नहीं की।

    रुपये देने के बाद भी फोन आने पर हुआ संदेह

    बैंक से रुपये जमा कर जब बुजुर्ग घर आए तो उसके बाद भी 25 बार फोन जिसे उन्होंने रिसीव नहीं किया।इसके बाद संदेह हुआ तो हिम्मत जुटाकर पुलिस को मामले की जानकारी दी।साइबर थाना पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बाद जिस खाते में रुपये भेजे गए हैं उसे फ्रीज करा दिया है।

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    ठगी से बचने के लिए बरते यह सावधानी

    • संदिग्ध काल से सावधान रहें: यदि किसी अनजान नंबर से काल आता है और वह आपको किसी बैंक खाता, मनी लान्ड्रिंग, या किसी अन्य अपराध में फंसा होने का दावा करता है, तो तुरंत काल काट दें। किसी भी प्रकार की दबाव वाली स्थिति में निर्णय लेने से बचें।
    • व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: अपने आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, पासवर्ड या अन्य संवेदनशील जानकारी कभी भी फोन, ईमेल, या संदेश के माध्यम से न दें। बैंक या सरकारी एजेंसी कभी फोन पर इन चीजों की मांग नहीं करतीं।
    • जांच-पड़ताल करें: यदि कोई दावा करता है कि आपके खिलाफ कोई वारंट जारी किया गया है या आपको किसी अपराध में फंसा लिया गया है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन या संबंधित विभाग से सत्यापन करें।
    • धोखाधड़ी रिपोर्ट करें: यदि आपको लगता है कि आप धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं, तो तुरंत साइबर अपराध थाने में रिपोर्ट करें और अपने बैंक से संपर्क करें। साथ ही, अगर किसी ने पैसे ट्रांसफर किए हैं, तो तुरंत बैंक को सूचित करें।
    •  फिशिंग और स्कैम से बचने के लिए जागरूक रहें: फिशिंग स्कैम में अपराधी आपको आकर्षक आफर या धमकी भरे संदेश भेजते हैं। ऐसे संदेशों पर क्लिक न करें और संदिग्ध लिंक से दूर रहें।
    • दोस्तों और परिवार से सलाह लें: अगर आपको कोई काल संदिग्ध लगे या आप डरे हुए महसूस करें, तो पहले परिवार के किसी सदस्य या करीबी दोस्त से सलाह लें। एक दूसरे की मदद से आप ठगी के जाल से बच सकते हैं।