यूपी में कोड वर्ड से हो रहा था नशीली दवा का सौदा, छापेमारी में खुला राज
उत्तर प्रदेश में पुलिस ने नशीली दवाओं के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ किया है। छापेमारी में पता चला कि कारोबारी कोड वर्ड का इस्तेमाल कर नशे का सौदा करते थे। पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है और भारी मात्रा में नशीली दवाएं बरामद की हैं। मामले की जांच जारी है।

ड्रग विभाग ने नोटिस जारी कर तीन दिन में मांगा जवाब। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वी यूपी में नशीली दवाओं का अवैध कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है। युवाओं को नशे के जाल में फंसाकर मोटा मुनाफा कमाने वाले थोक व्यापारी अब दवाओं के नाम भी बदलकर बेच रहे हैं। ड्रग विभाग की छापेमारी में खुलासा हुआ है कि नशे के रूप में इस्तेमाल की जानी वाली दवा ट्रामाडोल को कोड वर्ड में लिखा और बेचा जा रहा था, ताकि विभाग की निगाहों से बचा जा सके। विक्रय पर्चों पर भी दवा के नाम की जगह कोड वर्ड ही दर्ज था।
ड्रग विभाग को सूचना मिली थी कि लखनऊ स्थित बायोहब लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड से गोरखपुर के पीपीगंज में स्थित मां वैष्णो फार्मा पर बड़े पैमाने पर नशीली दवा ट्रामाडोल भेजी गई है। शुरुआती जांच में सामने आया कि प्राक्सीवान स्पास की एक लाख से अधिक गोलियां भेजी गई थीं। जांच के दौरान 240 बाक्स मौजूद मिले। यह दवा नार्कोटिक्स सूची में दर्ज है।
पड़ताल के दौरान जब विभाग की टीम ने थोक व्यापारी के कंप्यूटर में आपूर्तिकर्ता की एंट्री चेक की, तो चौंकाने वाली बात सामने आई। लखनऊ से जिन दवाओं की आपूर्ति दिखाई गई थी, उनके नाम कंप्यूटर में दर्ज ही नहीं थे। इसके बाद अधिकारियों ने मिलते-जुलते नामों की खोज शुरू की।
इसी दौरान 'स्पोक-जी' नाम से एक कैप्सूल की एंट्री मिली, जिसकी सबसे ज्यादा बिक्री दर्ज थी, लेकिन उसकी खरीद का कोई रिकार्ड मौजूद नहीं था। टीम ने जब लखनऊ से मिले बैच नंबर को कंप्यूटर में डाला, तो पूरे मामले की गुत्थी सुलझ गई। सामने आया कि 'स्पोक-जी' नाम सिर्फ कोड वर्ड है, इसके पीछे ट्रामाडोल की बिक्री छिपाई जा रही है। मां वैष्णो फार्मा का लाइसेंस अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
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खरीद-बिक्री तुरंत प्रभाव से रोक दी गई है। साथ ही ड्रग इंस्पेक्टर और सहायक आयुक्त औषधि द्वारा अलग-अलग नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। अधिकारियों ने कहा है कि जवाब संतोषजनक न होने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
ड्रग इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि जांच में कुछ अन्य नशीली दवाओं के भी सबूत मिले हैं, जिनकी जानकारी संबंधित कंपनियों को भेजी जा रही है। सहायक आयुक्त औषधि पूरनचंद ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। सरकार नशीली दवाओं के अवैध कारोबार को लेकर सख्त है। दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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