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    गोरखपुर की ‘गंगा’ में उतरी ‘आकाशगंगा’, गुरु गोरक्षनाथ घाट पर सवा लाख दीपों से अचिरावती का आंचल दमका

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Mon, 27 Nov 2023 03:44 PM (IST)

    दैनिक जागरण की ओर से गुरु गोरक्षनाथ घाट पर आयोजित दीपोत्सव में सवा लाख दियों के जलते ही पूरा परिसर जगमगा उठा। यहां कोई सेल्फी खींचता है तो कोई मोबाइल फोन में वीडियो रिकार्ड कर इस एतिहासिक आयोजन की मनमोहक झांकी संजोने में जुट जाता है। उल्लास की ऊर्जा से समय तेजी से दौड़ने लगता है। पता ही नहीं चलता और सवा पांच बज जाता है।

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    गुरु गोरक्षनाथ घाट पर आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में दीप जलाते लोग। -जागरण

    आशुतोष मिश्र, गोरखपुर। एक ओर राप्ती की जलधारा तो दूसरी तरफ जन आस्था का प्रवाह है। नदी में उठती जल तरंग की तरह गुरु गोरक्षनाथ घाट पर हर मन में उठ रही उमंग की लहर साफ महसूस हो रही है। पग-पग उल्लास और हर डग पर उत्साह नजर आ रहा है। हिलोरे मारता यह उत्साह शाम 04:20 बजे तब आकाश छू लेता है, जब सिद्धार्थनगर के विधायक श्यामधनी राही दैनिक जागरण के दिव्य दीपोत्सव का पहला दीप जलाते हैं। कुछ ही मिनट में सवा लाख दीपों के आलोक से अचिरावती का आंचल दमक जाता है। यह दृश्य देख लगता है जैसे गोरखपुर की ‘गंगा’ का शृंगार करने समूची ‘आकाशगंगा’ राप्ती में उतर आई है।

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    इस तरह अनगिन रश्मियों से झिलमिलाता राप्ती का जल देव दीपावली के उपलक्ष्य में दैनिक जागरण द्वारा आयोजित दिव्य दीपोत्सव को और भव्य रूप दे देता है। हर कोई इस नयनाभिराम दृश्य को मन मानस में भरने लगता है। कोई सेल्फी खींचता है, तो कोई मोबाइल फोन में वीडियो रिकार्ड कर इस एतिहासिक आयोजन की मनमोहक झांकी संजोने में जुट जाता है। उल्लास की ऊर्जा से समय तेजी से दौड़ने लगता है। पता ही नहीं चलता और सवा पांच बज जाता है। इसके साथ ही जन आस्था के दीपों से सजा लोक का यह उत्सव तब और भी आध्यात्मिक हो जाता है, जब राप्ती आरती शुरू होती है।

    श्रद्धा का सैलाब उमड़ता है और आम से खास तक हर कोई भक्तिभाव में डूब जाता है। गंगा स्वरूपा राप्ती से लेकर महादेव तक के जयकारे गूंजते हैं और जगमग के बीच लोक के इस उत्सव में आस्था के साथ आनंद उतर आता है। कोई दीपों से महादेव का मंदिर सजाता है तो कोई भोले भंडारी की प्रतिमा के समक्ष जगमगाते दीयों के बीच फोटो खिंचवाते नजर आता है। इस तरह एक साथ सवा लाख दीप जलाकर कीर्तिमान रचने वाली भीड़ उत्सवी उल्लास के बीच गौरव की अनुभूति में गोते लगाती है।

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    गोरखपुरवासियों द्वारा रचे गए इस इतिहास के साक्षी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम, गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ल, बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी, संतकबीर नगर के सांसद प्रवीण निषाद, डुमरियागंज के जगदंबिका पाल, सहजनवां के विधायक प्रदीप शुक्ल, मेहंदावल के विधायक अनिल त्रिपाठी, नौतनवा के विधायक ऋषि त्रिपाठी, पनियरा के विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह, धनघटा के विधायक गणेश चन्द चौहान, शोहरतगढ़ के विधायक विनय वर्मा, एमएलसी धर्मेंद्र सिंह जैसे जनप्रतिनिधि भी बनते हैं। अद्भुत आयोजन में बड़ी जन सहभागिता से उत्साहित केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी दैनिक जागरण द्वारा सांस्कृतिक पुनर्जागरण की इस पहल की सराहना करते हैं।

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    आने वाले वर्षों में दीपोत्सव के ऐसे ही दिव्य व भव्य आयोजन की शुभकामना भी दे जाते हैं। गोरखपुर के सबसे वरिष्ठ नागरिक एवं नरमू के महामंत्री 105 वर्षीय केएल गुप्ता को बस्ती की विभिन्न नदियों के जल से भरा कलश सौंपकर सांसद हरीश द्विवेदी आयोजन के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हैं। रात अब पूरे रंग में आ चुकी है, लेकिन घाट दीपों से अब भी जगमगा रहा है। भीड़ बढ़ती ही जा रही है, क्योंकि जो अकेले यहां से जा रहा है वो लौटकर परिवार लेकर आ रहा है।