DDU Gorakhpur: नए सत्र से लागू हो जाएगी मल्टीपल एंट्री-एग्जिट सिस्टम, छात्रों को मिलेगा करियर संवारने का मौका
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को करियर संवारने के लिए मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू करने जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत छात्र किसी भी समय पाठ्यक्रम छोड़ सकेंगे और निर्धारित अवधि में वापस आकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे। पाठ्यक्रम छोड़ने पर उन्हें सर्टिफिकेट डिप्लोमा या डिग्री मिलेगी। यह व्यवस्था स्नातक और परास्नातक दोनों स्तरों पर लागू होगी।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नई शिक्षा नीति के अनुपालन मेंं विद्यार्थियों को करियर संवारने का हर स्तर पर अवसर देने की योजना को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन नए सत्र से लागू करने जा रहा है। मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट प्रणाली को अपनाने जा रहा है। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। विश्वविद्यालय में प्रणाली को किस तरह से लागू किया जाएगा, इसका प्रारूप तैयार किया जा रहा है। यह व्यवस्था स्नातक व परास्नातक दोनों स्तर पर लागू होगी।
यह प्रणाली लागू होने के बाद कोई भी विद्यार्थी किसी विशिष्ट उद्देश्य बीच में पाठ्यक्रम आधिकारिक रूप से छाेड़ सकेगा। निर्धारित वर्षों में उसे वापसी का अवसर भी मिलेगा। इस दौरान उसे अकादमिक रूप से कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। पाठ्यक्रम बीच मेंं छोड़ने पर प्रणाली के मुताबिक निर्धारित सर्टिफिकेट व डिग्री पाने का वह हकदार रहेगा।
यदि वह किसी अन्य विश्वविद्यालय में अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय को छोड़ेगा तो यहां से प्राप्त अपनी क्रेडिट एकेडमिक क्रेडिट बैंक को नए विश्वविद्यालय में स्थानांतरित कर सकेगा। यानी नए विश्वविद्यालय में वह गोरखपुर विश्वविद्यालय से प्राप्त क्रेडिट के साथ जा सकेगा। विश्वविद्यालय में एक निर्धारित अवधि में वापसी भी कर सकेगा। उसे सम्मानपूर्वक क्रेडिट के साथ वापसी का अवसर दिया जाएगा।
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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय। जागरण
इस दौरान उसके द्वारा छोड़ी गई सीट खाली रहेगी। यदि किसी अन्य विश्वविद्यालय से इसी प्रणाली के तहत आए विद्यार्थी से सीट भर भी जाती है तो भी पुराने छात्र को दोबारा प्रवेश का अवसर दिया जाएगा। वह प्रवेश छोड़ने के दौरान अर्जित किए क्रेडिट के साथ अपने पाठ्यक्रम को आगे बढ़ा सकेगा।
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नई शिक्षा नीति के अनुपालन में मल्टिपल एंट्री एंड एक्जिट प्रणाली लागू करने की गाइड लाइन तैयार की जा रही है। नए सत्र में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने से पहले गाइड लाइन तैयार कर ली जाएगी, जिससे कि उसे संपूर्णता के साथ लागू किया जा सके। करियर संवारने में विद्यार्थियों का इस व्यवस्था का लाभ मिलेगा। पाठ्यक्रम बीच में रोककर विद्यार्थी अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं। बेहतर संस्थान में पढ़ने के लिए भी क्रेडिट के साथ विश्वविद्यालय के साथ सम्मानपूर्वक जा सकेंगे। -प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय
पाठ्यक्रम छोड़ने पर मिलेगी यह सुविधा
स्नातक पाठ्यक्रम चूंकि अब चार वर्ष का हो चुका है। ऐसे में तीसरे वर्ष तक हर वर्ष पाठ्यक्रम छोड़ने का अवसर विद्यार्थियों को मिलेगा। पहले वर्ष के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे वर्ष के बाद डिप्लोमा और तीसरे वर्ष के बाद स्नातक डिग्री पाने का हकदार विद्यार्थी हो जाएगा। इसी तरह परास्नातक पाठ्यक्रम को प्रथम वर्ष में छोड़ने के बाद पीजी डिप्लोमा की डिग्री मिली सकेगी। ऐसी ही व्यवस्था इंट्रीग्रेटेड पाठ्यक्रमों पर ही लागू की जाएगी।
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