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    आधुनिकता को अपनाया, लेकिन परंपराओं का परित्याग नहीं किया

    Updated: Sun, 20 Apr 2025 01:40 PM (IST)

    दैनिक जागरण ने आधुनिकता को अपनाया है लेकिन अपनी परंपराओं का त्याग नहीं किया है। यह राष्ट्रीयता से ओतप्रोत एक राष्ट्रवादी समाचार पत्र है। सनातन संस्कृति में हमारी अगाध आस्था है। उसी मार्ग पर हम आगे बढ़ना चाहते हैं। दैनिक जागरण गोरखपुर के 50वीं वर्षगांठ पर प्रबंध संपादक तरुण गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया। पढ़ेंपूरी खबर विस्‍तार से।

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    दैनिक जागरण के प्रबंध संपादक तरुण गुप्ता। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर । दैनिक जागरण के प्रबंध संपादक तरुण गुप्ता ने कहा कि दैनिक जागरण ने आधुनिकता को अपनाया अवश्य, लेकिन अपनी परंपराओं का परित्याग नहीं किया। विकास का यह भी एक माडल हो सकता है। यह राष्ट्रीयता से ओतप्रोत एक राष्ट्रवादी समाचार पत्र है। सनातन संस्कृति में हमारी अगाध आस्था है। उसी मार्ग पर हम आगे बढ़ना चाहते हैं।

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    दैनिक जागरण गोरखपुर के 50वीं वर्षगांठ पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने अपने आशीर्वाद व प्रेरक संबोधन में बताया कि हम कहां थे, कहां हैं और हमको कहां जाना है। आपके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तरक्की कर रहा है। देश समाज आगे बढ़ रहा है। हम आपके प्रति कृतज्ञ हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री समेत उपस्थित सभी लोगों के प्रति जागरण परिवार की तरफ से आभार व्यक्ति किया।

    पांच दशकों में बहुत बदला मीडिया का स्वरूप

    प्रबंध संपादक ने कहा कि पांच दशकों में मीडिया का स्वरूप बहुत बदला है। आज सूचना या समाचार के अनेक माध्यम व स्रोत हैं। ऐसे में पारंपरिक समाचार पत्र के रूप में दैनिक जागरण आज पांच दशकों के बाद भी प्रासंगिक है, तो इसका सबसे बड़ा कारण पाठकों के साथ भावनात्मक लगाव है। पाठकों के मन में इसके प्रति विश्वास व स्नेह है। पाठकों का यह विश्वास, स्नेह व भावनात्मक लगाव किसी भी समाचार पत्र की सबसे बड़ी ऊर्जा व पूंजी होती है।

    तरुण गुप्ता ने कहा कि दैनिक जागरण का प्रकाशन 1942 में प्रारंभ हुआ, वह समय भारत छोड़ो आंदोलन का था। 1975 में गोरखपुर में शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री जी ने बताया कि कैसे दो माह बाद ही आपातकाल लगा। तबसे लेकर अब तक अनेक अवसर आए जब कुछ अराजक व आक्रामक तत्वों ने हमारे ऊपर अनैतिक, असंवैधानिक, अशिष्ट प्रहार किया।

    वह हल्ला बोल हो या बहिष्कार का आह्वान हो, जागरण उससे विचलित नहीं हुआ। हमारे पूर्वजों ने जो नीतियां बनाई हैं, उसके प्रति प्रतिबद्ध रहा। आगे भी हम उसी मार्ग पर बढ़ते रहेंगे और अपने दायित्व का निर्वाह करते रहेंगे।