मनुष्य ने स्वयं खड़ी की कई आपदा, समाधान के लिए सभी को आना होगा आगे: CM योगी
दैनिक जागरण और इन्वेस्ट यूपी के ग्रीन भारत सेमिनार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यावरण संरक्षण के लिए वैकल्पिक ऊर्जा के महत्व पर बल दिया। सड़क सुरक्षा की खामियों पर भी चर्चा हुई। इस सेमिनार में विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे और समाधान सुझाए। सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी उप्र. को वन ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करने का रोडमैप बताएंगे।
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। जलवायु परिवर्तन व प्रदूषण के बढ़ते दुष्प्रभाव से चिंतित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 'दैनिक जागरण' द्वारा आयोजित 'ग्रीन भारत समिट' में कहा कि कई आपदा मनुष्य ने स्वयं खड़ी की हैं। इनके समाधान के लिए सभी को आगे आना होगा।
देश की राजधानी दिल्ली के प्रदूषण का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले एक महीने से वह गैस का चैंबर बनी हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सांस के रोगियों, बुजुर्गों, बच्चों व बीमारों को खुले में जाने से रोक रहे हैं। सांस के रोगियों की संख्या एकाएक बढ़ी है। इससे सरकार चिंतित है और सुप्रीम कोर्ट सख्त है।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब विशेषज्ञ चिंतन से आगे बढ़कर संस्थानों में जाएं, शोध व नवाचार को आगे बढ़ाएं। कार्बन उत्सर्जन को जीरो करने वाले प्रयास को प्रोत्साहित करें। यह कार्य केवल सरकार के भरोसे नहीं होगा। सरकार, समाज व संस्थान, जागरूक लोग आमजन के साथ जुड़कर अभियान चलाएंगे तो धरती माता को बचाने में सफल होंगे। 'ग्रीन भारत समिट' इस दिशा में सार्थक पहल है।
होटल हयात में आयोजित समिट में मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो मानसून का समय 15 जून से 15 अगस्त तक होता था, लेकिन अब जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों के कारण मानसून 15 अगस्त से 15 अक्टूबर तक जाता है यानी इसमें दो महीने का अंतर आ गया है। जो बरसात रूक-रूक कर फसल के लिए उपयोगी होती थी, साल भर में 100 एमएल होती थी, वही बरसात 200 एमएल एक ही दिन में हो जा रही है। यानी एक ओर अतिवृष्टि है तो दूसरी तरफ बाकी समय सूखा है। किसान इससे तबाह है।
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योगी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ ही ग्लोबल वार्मिंग या ग्लोबल कूलिंग की समस्या खड़ी हुई है। एनसीआर में स्माग की समस्या भी है। शुद्ध जल का न मिलना भी बड़ी समस्या है। पीएम मोदी के नेतृत्व में 'हर घर नल' के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। जल प्रदूषित होने से पेट, बीपी, शुगर से लेकर अनेक बीमारियां होती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने विकास भी अनियोजित व अवैज्ञानिक किया है। उद्योग बड़ा लगाएंगे और कचरा नदियों में उड़ेल देंगे। जीवनदायिनी नदियों को अस्वस्थ करके हम मानव व जीव सृष्टि पर आपदा खड़ी कर रहे हैं। क्षमता से अधिक कीटनाशक व केमिकल का छिड़काव करने से बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। यह आपदा कहीं और से नहीं आई, बल्कि मनुष्य ने स्वयं ही खड़ी की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल भारत की ही समस्या नहीं, बल्कि यहां से खराब स्थिति तमाम तथाकथित विकसित देशों की है। इन देशों ने आर्थिक समृद्धि तो प्राप्त की, लेकिन ऐसी स्थितियों के बचाव के लिए ऐसा कोई माडल नहीं दिया, जो सतत विकास का माडल हो। इसी समस्या को देखते हुए दुनिया के बड़े देशों के साथ पीएम मोदी ने 2070 तक कार्बन उत्सर्जन जीरो करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए अनेक प्रयास प्रारंभ हुए हैं।
योगी ने कहा कि फरवरी 2024 में पीएम मोदी ने पीएम सूर्य घर योजना प्रारंभ की। यूपी में नेट मीटरिंग व नेट बिलिंग की व्यवस्था बनाई। आप घर में सोलर पैनल लगाइए। पावर कारपोरेशन संग समझौता होगा। यानी जितनी बिजली की जरूरत होगी, उतनी मिलेगी, शेष बिजली का कारपोरेशन पैसा देगा। प्रदेश 22 हजार मेगावाट की रिन्यूएबल व सोलर ऊर्जा का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 200 मेगावाट ऊर्जा मिलनी शुरू हो गई है। सात हजार मेगावाट बिजली अगले एक-डेढ़ वर्ष में मिलनी शुरू हो जाएगी। इमने भी रिन्यूएबल, ग्रीन एनर्जी व कंप्रेस्ड बायो गैस की अलग-अलग पालिसी तैयार की है। देश में कंप्रेस्ड बायो गैस के सर्वाधिक प्लांट यूपी में लगे हैं और लग भी रहे हैं। इसके तहत प्रोडक्शन बेस्ड इंसेंटिव भी दिया जा रहा है।
योगी ने कहा कि पहले शहरों में स्ट्रीट लाइट में हाइलोजन लगा होता था। इसमें ऊर्जा की अधिक खपत के साथ कार्बन उत्सर्जन भी बहुत होता था। 2017 में सरकार बनने के बाद हम लोगों ने अभियान चलाया 16 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट लगवाई। इसके तहत कार्बन उत्सर्जन में 9.4 लाख टन की कमी हुई। नगरीय निकायों की 968 करोड़ रुपये की बचत भी हुई। कार्बन उत्सर्जन को कम करने में हम सभी सहभागी बन सकते हैं।
उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री का स्वागत व कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए दैनिक जागरण के प्रबंध संपादक तरुण गुप्त ने कहा कि जो भी सामयिक मुद्दे होते हैं उन्हें हम उठाते हैं। आज के समय में ग्रीन भारत बहुत महत्वपूर्ण विषय है। सभी जगह प्रदूषण की समस्या आ रही है। भारत जैसे विकासशील देश के सामने बड़ी चुनौती पर्यावरण व विकास के बीच समन्वय स्थापित करना है। आज के सेमिनार में विशेषज्ञ अलग-अलग सत्रों में इन सब विषयों पर चर्चा करेंगे।
सड़क सुरक्षा भी बेहद जरूरी विषय है। पूरे विश्व की एक प्रतिशत गाड़ियां हमारे देश में हैं जबकि दुर्घटनाएं आठ से 10 प्रतिशत होती हैं। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव अब प्रत्यक्ष रूप से हम सबको प्रभावित कर रहे हैं। प्रदूषण अर्थव्यवस्था को भी डेढ़ से दो प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा रहा है। प्रधानमंत्री ने 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य रखा है, वह यूपी के विकास के बगैर अधूरा रहेगा। देश में पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था तभी संभव होगी जब यूपी एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बनेगा। अंत में दैनिक जागरण के संपादक (उत्तर प्रदेश) आशुतोष शुक्ल ने मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
लकड़ी व कोयले पर खाना बनाना, 100 से अधिक सिगरेट के धुएं से खतरनाक
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी सर्वे हुआ है। पराली जलाने के साथ ही जिन घरों में भोजन बनाने के लिए कोयले या लकड़ी का प्रयोग हो रहा है, वह भी स्माग का कारण बन रहा है। 2016 में पीएम मोदी ने उज्ज्वला योजना का अभियान चलाया। देश में 10 करोड़ परिवारों को फ्री में एलपीजी कनेक्शन दिए गए। जब महिला लकड़ी या कोयले पर खाना बनाती है तो एक बार में जो कार्बन उत्सर्जन होता है और उससे निकोटिन, कार्बन मोनो आक्साइड निकलती है। उसका स्वास्थ्य पर बहुत खतरनाक प्रभाव पड़ता है। एक बार में भोजन बनाने से 100 से अधिक सिगरेट के धुएं से खतरनाक होता है।
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रिन्यूएबल एनर्जी के लिए 23 हजार हेक्टेयर लैंडबैंक तैयार
योगी ने कहा कि प्रदेश में रिन्यूएबन एनर्जी के लिए हमने 23 हजार हेक्टेयर लैंडबैंक तैयार किया है। साथ ही प्रदेश में तालाब, बांध में फ्लोटिंग सोलर पैनल स्थापित करके वहां से भी सोलर पावर व रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा दिया जाएगा। एक्सप्रेस हाईवे व हाईवे के दोनों ओर सोलर पैनल स्थापित किया जाएगा। प्रदेश की नहरों के ऊपर भी सोलर पैनल स्थापित करने की योजना है। इसके माध्यम से 20 हजार मेगावाट की अतिरिक्त रिन्यूएबल ग्रीन व क्लीन ऊर्जा के उत्पादन पर काम कर रहे हैं।
इलेक्ट्रिक बस की खरीद पर 20 लाख रुपये इनसेंटिव
योगी ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन व प्रदूषण कम करने के लिए प्रदेश में कई अभियान चल रहे हैं। हमने ईवी पालिसी भी बनाई है। इसमें प्रोडक्शन बेस्ड इंसेंटिव देने की व्यवस्था है। लखनऊ में हिंदुजा ग्रुप प्लांट स्थापित कर रहा है। जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन स्थापित हो रहे हैं। एक बस पर प्रदेश सरकार 20 लाख रुपये तक का इंसेटिव प्रदान कर रही है।
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