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    Chhath Puja 2024: अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य आज, सजे घाट व वेदियां

    Chhath Nahay Khay rules छठ पूजा का पर्व गुरुवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। व्रती निर्जल व्रत रखेंगे और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। शुक्रवार को उदयकालीन सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ व्रत की पूर्णाहुति होगी। घाटों और वेदियों को सजाया गया है। बुधवार को व्रतियों ने रसियाव-रोटी के साथ खरना किया। इसी के बाद निर्जल व्रत शुरू हो गया।

    By Gajadhar Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 07 Nov 2024 08:23 AM (IST)
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    छठ पर्व को लेकर राप्‍ती घाट पर पर वेदी बनाती व असुरन रोड पर खरीदारी करती श्रद्धालु। संगम दूबे

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर।  सूर्योपासना का छठ पर्व गुरुवार को परंपरागत रूप से आस्था व श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। व्रती इस दिन निर्जल व्रत रहेंगे और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर मंगलकामना करेंगे। शुक्रवार को उदयकालीन सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ व्रत की पूर्णाहुति होगी।

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    इसके दृष्टिगत घाट व वेदियां सजा दी गई हैं। घाट प्रकाश से नहा रहे हैं। छठ की पूर्व संध्या पर बुधवार को व्रतियों ने रसियाव-रोटी के साथ खरना किया। इसी के बाद निर्जल व्रत शुरू हो गया।

    नवीन गल्ला एवं फल मण्डी में छठ पूजा की खरीदारी करने उमड़ी भीड़। जागरण


    नदी घाटों पर बनाए गए पूजा वेदी स्थलों की सफाई हो चुकी है। राजघाट, शंकरघाट तकिया, डोमिनगढ़, रामगढ़ ताल, महेसरा ताल, गोरखनाथ मंदिर, मानसरोवर मंदिर, विष्णु मंदिर असुरन, खैरया पोखरा, शाहपुर, जगन्नाथपुर समेत कई मोहल्लों में अस्थायी तालाब बनाए गए हैं।

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    श्रद्धालु सपरिवार नदी घाटों पर जाकर पानी के किनारे पूजा स्थानों की सफाई किए और वहां वेदी को अंतिम रूप दिया। देर शाम तक सभी वेदियां बना दी गईं।

    छठ पूजा करने के लिए शिवाजी नगर में स्थित पोखरा टोला में पोखरे पर छठ पूजा करने के लिए बनाई गयी बेदी की रंगाई पुताई कर सजाती महिलाएं। पंकज श्रीवास्तव


    व्रतियों के घर उत्सव व उल्लास का माहौल है। घरों की सफाई पहले ही हो चुकी थी लेकिन पूर्व संध्या पर फिर व्रतियों ने घर की सफाई कर पूजा स्थल की विधिवत धुलाई की और वहां पूजा सामग्री रखी।

    छठ पर्व को लेकर असुरन रोड पर खरीदारी करती श्रद्धालु। संगम दूबे


    देर रात तक घरों में पूजा की तैयारी होती रही। जिन व्रतियों को कोसी भरना है, उन्होंने इसकी विशेष तैयारी की। कई जगहों पर व्रतियों ने छठ माता की मूर्तियां भी स्थापित की है।

    नवीन गल्ला एवं फल मण्डी में छठ की खरीदारी करने उमड़ी भीड़। जागरण


    इसलिए कहते हैं खरना

    पं. शरदचंद्र मिश्र ने बताया कि छठ पर्व के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ''''खरना'''' के नाम से जाना जाता है। इस दिन खर करके (विलंब करके) व्रती भोजन करते हैं। इसलिए इसे खरना कहते हैं। सुबह से ही निर्जल व्रत रहते हैं। शाम को रसियाव-रोटी ग्रहण करने के बाद छठ व्रत शुरू हो जाता है, जो सप्तमी को उदयकालीन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पूर्ण होता है।

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    24 घंटे खुली रहेंगी पीएचसी-सीएचसी

    छठ पर्व के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी छठ घाटों पर भी लगाई गई है। नगरीय क्षेत्र में आने वाले छठ पूजा स्थलों- गोरखनाथ मंदिर, रामगढ़ ताल, सूर्यकुंड, बैकुंठ धाम, बसंतपुर, बहरामपुर, हनुमानगढ़ी व डोमिनगढ़ में स्वास्थ्य शिविर लगेगा।

    धर्मशाला बाजार में छठ पूजा करने के लिए सामानों की खरीदारी करने के लिए लगी भीड़। जागरण


    डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगा दी गई है। चिकित्साधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र में भी सभी घाटों पर नजर रखने को कहा गया है। सबका अवकाश निरस्त कर दिया गया है। जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) 24 घंटे खुले रहते हैं। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को भी 24 घंटे खोले रखने का अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है।

    छठ पर्व पर बाजारों में बिक रहे तरह-तरह के फल। जागरण


    सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि शहर के छठ घाटों के लिए अर्बन पीएचसी के डाक्टर व मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। एंबुलेंस के साथ भी मेडिकल टीम की ड्यूटी लगा दी गई है। एंबुलेंस टीम को सतर्क रहने को कहा गया है।