Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Navratri Special 2024: गोरखपुर काली मंदिर की अनोखी है कहानी, यहां जमीन फाड़कर निकली है मां की मूर्ति

    Updated: Thu, 11 Apr 2024 09:03 AM (IST)

    chaitra navratri Famous Devi Temple In Gorakhpur गोलघर काली मंदिर गोरखपुर शहर का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां जनपद वासियों के साथ ही दूर-दराज के लोग भी पूजा करने आते हैं। नवरात्रि के समय काली मंदिर में विशेष पूजन व आरती की जाती है। पहले यहां जमीन से निकली मूर्ति थी। बाद में काली मां की एक बड़ी मूर्ति लगवाई गई।

    Hero Image
    गोलघर की काली मां की मूर्ति जमीन से निकली है।

    मां काली का मंदिर गोलघर में स्थित है। इस मंदिर की दूरी रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, कचहरी व विश्वविद्यालय चौराहे से लगभग डेढ़ किलोमीटर है। शहर के किसी स्थान से यहां जाने के लिए रिक्शा या आटो रिक्शा मिल जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इतिहास

    गोलघर की काली मां की मूर्ति जमीन से निकली है। यह पूरा क्षेत्र जंगल था। जंगल में एक जगह मां का मुखड़ा जमीन फोड़कर ऊपर निकला। इसके बाद खबर फैली तो भीड़ जुट गई और वहीं पूजन-अर्चन शुरू हो गया।

    इसे भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव प्रचार में मिठाई खिलाएं या समोसा, देना होगा पाई-पाई का हिसाब

    श्रद्धालुओं की आस्था देखकर जंगीलाल जायसवाल ने संवत 2025 में वहां मंदिर का निर्माण कराया। तभी से प्रतिदिन वहां पूजा होने लगी। पहले वहां जमीन से निकली मूर्ति थी। बाद में काली मां की एक बड़ी मूर्ति लगवाई गई। मूर्ति के ठीक सामने नीचे स्वयंभू काली मां का मुखड़ा आज भी वैसा ही है, जैसा जमीन से निकला था।

    विशेषता

    नवरात्र के प्रथम दिन से ही रोज रात 12 बजे से मंदिर की साफ-सफाई शुरू हो जाती है। मां को स्नान कराकर उनका श्रृंगार किया जाता है। फिर मंदिर को फूलों से सजाया जाता है। भोर में मां की आरती होती है। श्रद्धालुओं का आना सुबह से शुरू होकर देर रात तक चलता है।

    श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता है। नियमित सफाई की जाती है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनौती पूरी होती है।-श्रवण कुमार सैनी, पुजारी

    इसे भी पढ़ें- तेज आंधी ने बढ़ाई लोगों की मुसीबत, कई शहरों में हुई बूंदाबादी, जानिए आज यूपी के मौसम का हाल

    काली मां के चरणों में मेरी गहरी आस्था है। नवरात्र व अन्य दिनों में मैं मां का दर्शन-पूजन करने आती हूं। वह सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। -मेघना, श्रद्धालु