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    गोरखपुर BRD से रेफर रोगी को दलाल उठा ले गए निजी अस्पताल, मौत पर हंगामा

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 07:46 AM (IST)

    गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से रेफर किए गए एक मरीज को दलाल निजी अस्पताल ले गए, जहाँ उसकी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि दलालों ने उन्हें बहला-फुसलाकर भर्ती कराया और इलाज में लापरवाही हुई। मौत के बाद अस्पताल में हंगामा हुआ और परिजनों ने जांच की मांग की। अस्पताल प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है।

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    महराजगंज का रहने वाला था अभिषेक, सीएचसी परतावल से रेफर हुआ था मेडिकल कालेज

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज से हायर सेंटर रेफर रोगी को दलाल निजी अस्पताल उठा ले गया। यहां पर लाखो रूपये जमा कराकर इलाज शुरू हुआ और रविवार की देर शाम महराजगंज के अभिषेक मद्देशिया की मौत हो गई। जानकारी होने पर स्वजन लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे।

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    सूचना पर पहुंची पीआरवी पुलिस की पूछताछ में स्वजन ने बताया कि इंजेक्शन लगाने के बाद अभिषेक की तबियत बिगड़ गई। इसके बाद संचालक और कर्मचारी अस्पताल छोड़कर फरार हो गए। चिलुआताल थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर आगे की जांच कर रही है।

    महराजगंज श्यामदेउरवा थाना के परतावल निवासी डिम्पल उर्फ अभिषेक मद्धेशिया डीजे चलाकर परिवार का भरण पोषण करता था। बीते सप्ताह परतावल-कप्तानगंज मार्ग पर आटो व बाइक की आमने-सामने की टक्कर में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे में डिम्पल की आंत फट गई थी तथा जांघ की हड्डी टूट गई थी।

    घायल को पहले परतावल सीएचसी लाया गया जहां चिकित्सकों ने बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिए। मेडिकल कालेज आने पर चिकित्सकों ने उपचार किया और दूसरे दिन उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिए। लेकिन मेडिकल कालेज परिसर में एक बार फिर से सक्रिय दलालों ने डिपंल के स्वजन को भ्रमिम करते हुए मेडिक कालेज के सामने एक हास्पिटल में पहुंचाया।

    यहां पर संचालक ने रुपये जमा कराकर इलाज शुरू किया और आपरेशन किया। इसके बाद अभिषेक को चिलुआताल के फत्तेपुर स्थित श्री जागृति अस्पताल पहुंचा दिया। स्वजन का आरोप है कि फिर आश्वासन देते रहे कि युवक की हालत स्थिर है। रविवार की रात 10 बजे अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों ने इंजेक्शन लगाने की बात कहीं।

    कुछ देर बाद ही उसकी हालत बिगड़ गई और मौत हो गई। इसके अस्पताल संचालक डिपंल का शव बाहर निकालकर उन्हें बुलाकर देखने की बात कहते हुए चला गया। जब वह अभिषेक के पास पहुंचे तो रैंप से लेकर सड़क तक खून फैला मिला। पूछताछ के लिए जब अंदर गए तो संचालक और कर्मचारी फरार मिले।

    इसके बाद डायल 112 पर सूचना दी गई। थाना प्रभारी चिलुआताल सूरज सिंह ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद स्वजन को सिपुर्द कर दिया गया है। जांच में आपरेशन कहीं और करने के बाद श्री जागृति में भर्ती करने की पुष्टि हुई है। अस्पताल का लाइसेंस है या नहीं, इसके लिए सीएमओ को पत्र लिखा जाएगा। तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी।

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    नाम बदलकर फिर खुलने लगे अस्पताल

    गुलरिहा और चिलुआताल थाना क्षेत्र में एक बार फिर नाम बदलकर अस्पताल संचालित होने लगे। जबकि बीते दिनों पुलिस की सख्ती और कार्रवाई के बाद फर्जी तरीके से चलने वाले सभी अस्पताल करीब-करीब बंद हो गए थे। मेडिकल कालेज के एंबुलेंस माफिया और रोगियों को अस्पताल पहुंचाने वाले दलाल भी गायब हो गए थे। लेकिन, मेडिकल कालेज प्रशासन और पुलिस की ढील मिलते ही एक बार फिर दलालों की सक्रियता बढ़ गई है। जिस श्री जागृति हास्पिटल में युवक की मौत हुई है, आरोप है कि इसका संचालक पहले भी झुंगिया में दो अलग-अलग नाम से अस्पताल खोला था। लेकिन, पुलिस की कार्रवाई के बाद बंद हो गया था।